PM Kisan Samman Nidhi Yojana: किसान भाइयों को इस दिन मिलेगी किस्त की राशि
नई दिल्ली, PM Kisan Samman Nidhi Yojana: किसानों के उत्थान के लिए केंद्र सरकार की तरफ से पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है जो हर किसी के लिए सुनहरे ऑफर से कम नहीं है. सरकार अब तक इस योजना के तहत 2,000 रुपये की 17 किस्तें भेज चुकी हैं, जिन्हें अब अगली का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार है.
सरकार अगली किस्त का पैसा कब डालेगी अभी यह निर्धारित नहीं है, लेकिन चर्चा कि अगले दो महीने के भीतर किस्त की रकम आ जाएगी.
रकम आते ही किसानों को चेहरे पर रौनक लौट आएगी. किसान अगली किस्त का लाभ लेना चाहते हैं तो पहले कुछ जरूरी बातों को जानना होगा, जिससे किसी तरह की दिक्कत नहीं हो. आपने जरूरी काम नहीं कराए तो फिर परेशानी का सामना करना पड़ेगा. किस्त का पैसा कब आएगा आधिकारिक रूप से तारीख का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सितंबर के आखिरी सप्ताह का दावा किया जा रहा है.
PM Kisan के लिए कराएं जरूरी काम
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त का लाभ लेना चाहते हैं तो जरूरी बातों का ध्यान रखना ही होगा. इसमें सबसे पहले तो आपके ई-केवाईसी कराना होगा. इसके अलावा आपको भू-सत्यापन कराना होगा. बैंक अकाउंट नंबर से अपना आधार कार्ड भी लिंक करवा सकते हैं, जिससे किसी तरह की परेशान ना हो. किसी वजह से आपने यह काम नहीं करवाए तो फिर पैसा अटक जाएगा. जिससे आप वंचित रह जाएंगे.
सरकार ने 17वीं किस्त में भी लापरवाही करने वाले किसानों के अकाउंट में यह पैसा नहीं डाला था. इसलिए पास में ही स्थित जन सुविधा केंद्र जाकर अपने यह सभी काम आसानी से करवा सकते हैं. आपने समय रहते यह काम नहीं करवाए तो फिर दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
सरकार हर साल देती है इतनी किस्तें
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल 2000 रुपये की तीन किस्तों में 6 हजार रुपये भेजे जाते हैं. प्रत्येक किस्त का अंतराल 4 महीने होता है. अगली किस्त का पैसा अब सितंबर महीने के आखिरी सप्ताह में आ सकता है, जिसके बाद कई करोड़ किसानों का इंतजार खत्म हो जाएगा.
नहीं बढ़ी राशि
किसान संगठन लगातार किस्त का पैसा बढ़वाने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार की तरफ से कोई तोहफा नहीं मिल सका, जो किसी झटके के तौर पर माना जा रहा है.
उम्मीद थी कि सरकार वित्तीय बजट में यह फसैला ले सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. किसान संगठन किस्त की राशि को दोगुनी करने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने इस प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगाई.