Business Ideas : नीम की साबुन बनाकर खड़ा किया करोड़ों का कारोबार, जानें महीने की कितनी होती है कमाई?
 

Business Tips : आज बेरोजगारी के समय में लोगों का बिजनेस की तरफ ध्यान जाने लगा है. अगर आप भी किसी बिजनेस के बारे में सोच रहे हैं और मोटा पैसा कमाने की सोच रहे हैं तो चलिए आज हम आपको एक ऐसे बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे करके आप करोड़ों रूपये कमा सकते हैं. आइए खबर में जानते हैं इसके बारे में। 
 
 

Haryana News Post : Success Story A Business Man : आज हम आपको एक कई सालों पुरानी कहानी बताने जा रहे हैं जब अग्रेंजों ने बंगाल से देश पर राज किया था. और उस समय में कोलकाता ही सबसे बड़ा बिजनेस बाजार हुआ करता था. इसी वजह से आप पाएंगे कि उस समय के सभी बिजनेस का कोई न कोई रिलेशन कोलकाता  से जरूर रहता था.

Read Also: New Launching : साल 2023 में तहलका मचाने आ रहे ये तीन स्मार्टफोन, जानें कौन से?

ऐसे में स्वदेशी कंपनियों ने भी यहां पर अपना काम किया और वो अभी तक यहां पर बनी हुई हैं. जी हां.. हम मारगो साबुन के बारे में आपसे बात कर रहे हैं जो किसी जमाने में एकमात्र साबुन होती थी. क्योंकि ये नीम से बनी होती है और इसमें औषधीय गुण भी पाए जाते हैं तो लोग इसे खूब खरीदते थे. बता दें कि ये साबुन मार्केट में आज भी बिकता है. आइए जानते हैं इसकी कहानी। 


देसी चीजें होती हैं इस्तेमाल : के. सी. दास केमिस्ट्री के ज्ञाता थे, उन्होंने इसी विषय से पढ़ाई भी की थी. अपनही पढ़ाई के कारण ही उन्होंने नीम का अधय्यन किया और वो इसमें सफल हुए. उसके बाद उन्होंने इसी नीम से साबुन बनाई और लोगों तक पहुंचाया इस तरह मार्केट में मार्गो साबुन वजूद में आ गया. इसके साथ ही Neem Toothpaste भी उन्होंने बनाया. इसके अलावा लैंवेंडर ड्यू नाम का एक प्रोडक्ट भी उस दौरान मार्केट में धूम मचा चुका था. इसके बाद कंपनी ने एरामस्क सोप, महाभृंगराज ऑयल और चेक डिटर्जेंट जैसे दूसरे प्रोडक्ट भी बनाए.

Read Also: Railway News : रेलवे ने मां वैष्णों के भक्तों को दी बड़ी खुशी, सस्तें में मिल रहा घूमने का मौका!


जानें मार्गो साबुन की कहानी? 


साबुन कंपनी के मालिक के सी दास ने मार्गो साबुन कर रेट ऐसे रखा की समाज में हर एक व्यक्ति इस साबुन को खरीद सके. और इसी कारण से ये साबुन पूरे देश में फैमस हुआ.उस जमाने में इस साबुन को लोगों ने इतना खरीदा के कंपनी को तमिलनाडु में भी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट खोलना पड़ा. 1990 के दशक में मार्गो साबुन का जलवा था. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि 1988 में इंडियन मार्केट में इसकी हिस्सेदारी लगभग 8 प्रतिशत से ज्यादा थी.

इस साबुन को बाद में 75 करोड़ रुपये में हेंकेल कंपनी ने खरीद लिया. साल 2011 में ज्योति लैबोरेटीज ने इस ब्रांड से जुड़े सभी अधिकार खरीद लिए. अब ये कंपनी मार्गो ब्रांड नाम से साबुन के अलावा फेसवॉश, हैंडवॉश और सैनेटाइजर भी बेचती है. इसके अलावा Neem Toothpaste को Neem Active ब्रांड के नाम के बेचा जाता है.

हमें ट्विटर और गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें