RSMSSB भर्ती परीक्षा नियमों में बड़े बदलाव: उम्मीदवारों के लिए नई गाइडलाइंस जारी

RSMSSB: आवेदन में दो बार बदलाव का मौका
अब उम्मीदवारों को अपने ऑनलाइन आवेदन में सुधार करने की सहूलियत मिलेगी। आवेदन भरते समय और परीक्षा से एक महीने पहले 7 दिनों की अवधि में फॉर्म में जरूरी बदलाव किए जा सकेंगे। हालांकि, नाम, पिता का नाम और जन्मतिथि जैसी मूल जानकारी में किसी भी तरह का बदलाव मंजूर नहीं होगा। यह सुविधा अभ्यर्थियों को अपनी गलतियां सुधारने का सुनहरा मौका देती है।
फॉर्म वापस लेने की सुविधा
अगर कोई उम्मीदवार किसी वजह से परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहा है, तो वह परीक्षा से एक महीने पहले 3 दिनों के भीतर अपना आवेदन वापस ले सकता है। यह कदम उन लोगों के लिए राहत भरा है जो अंतिम समय में अपनी योजना बदलते हैं।
शैक्षणिक दस्तावेज जमा करना जरूरी
आवेदन के दौरान अभ्यर्थियों को अपनी शैक्षणिक योग्यता (educational qualification) के प्रमाण पत्र अपलोड करने होंगे। अंतिम वर्ष के छात्रों को पिछले साल की मार्कशीट और प्रवेश शुल्क की रसीद दिखानी होगी। यह नियम सुनिश्चित करता है कि केवल योग्य उम्मीदवार ही आगे बढ़ें।
दस्तावेजों की साफ-सफाई पर जोर
अगर अपलोड किए गए दस्तावेज धुंधले या अस्पष्ट पाए गए, तो आवेदन रद्द हो सकता है और उम्मीदवार को अयोग्य ठहराया जा सकता है। इसलिए दस्तावेजों को स्कैन करते समय खास ध्यान रखें।
आधार कार्ड लिंकिंग अनिवार्य
अब परीक्षा केंद्र पर प्रवेश के लिए आधार कार्ड (Aadhaar card) जरूरी होगा। बिना आधार सत्यापन के किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। साथ ही, आवेदन को आधार से जोड़ना भी अनिवार्य कर दिया गया है। अगर आपके आधार में कोई गड़बड़ी है, तो उसे तुरंत ठीक करवा लें।
परीक्षा केंद्रों पर सख्ती बढ़ाई गई
नकल और धोखाधड़ी रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा। बायोमेट्रिक सत्यापन, फेस स्कैनिंग और CCTV निगरानी जैसी सुविधाएं लागू की जाएंगी। इससे परीक्षा की विश्वसनीयता और मजबूत होगी।
प्रवेश पत्र और फोटो का मिलान
परीक्षा केंद्र पर प्रवेश पत्र (admit card) की फोटो और आवेदन के समय दी गई लाइव फोटो का मिलान होगा। अगर दोनों में अंतर पाया गया, तो अभ्यर्थी को परीक्षा से वंचित किया जा सकता है। यह नियम फर्जी उम्मीदवारों को रोकने के लिए है।
गलत दस्तावेज पर सख्त एक्शन
अगर कोई अभ्यर्थी गलत जानकारी या जाली दस्तावेज जमा करता है, तो उसे न सिर्फ मौजूदा परीक्षा से हटाया जाएगा, बल्कि भविष्य की भर्तियों से भी प्रतिबंधित किया जा सकता है। बोर्ड ने इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।