रात को सोने से पहले जरूर करें ये उपाय, सफलता ज़िंदगीभर चूमती रहेगी आपके कदम
सनातन धर्म में सोना, चांदी, तांबा और पीतल धातुओं को बहुत पवित्र माना गया है. इसलिए पूजा-पाठ में उपयोग होने वाले बर्तन इन्हीं धातुओं के होना शुभ माना जाता है. बल्कि तांबे के लोटे और बर्तनों को पूजा-पाठ में विशेष महत्व दिया गया है क्योंकि इसका संबंध सूर्य से होता है.
तांबे के कलश या लोटे के उपयोग के कई फायदे धर्म-ज्योतिष में बताए गए हैं. बल्कि तांबे के लोटे के उपाय बहुत कारगर हैं और कुंडली के कई ग्रह-दोषों को दूर करने की ताकत रखते हैं. साथ ही जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि भी देते हैं.
तांबे के लोटे के प्रभावी उपाय
ज्योतिष में ग्रहों के राजा सूर्य को सफलता, आत्मविश्वास, नेतृत्व, सेहत और पिता का कारक माना गया है. यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो उसे करियर में दिक्कतें आती हैं, असफलता मिलती है, सेहत खराब रहती है, रोजगार में बाधा आती है, पिता से संबंध खराब रहते हैं.
ऐसे में उसके लिए तांबे के कलश के उपाय करना बहुत लाभ दे सकता है. यदि सूर्य कमजोर हो तो रोज सुबह तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल अर्पित करें. साथ ही बेहतर होगा कि जल में रोली-अक्षत भी मिला लें. ऐसा करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है.
अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है. करियर में सफलता और ग्रोथ मिलती है. जीवन में मान-सम्मान और सुख समृद्धि बढ़ती है. यदि नौकरी या कारोबार में मनमुताबिक सफलता नहीं मिल पा रही है या काम में बाधा आ रही है, तो रात को सोने से पहले तांबे के लोटे में जल भर कर अपने सिरहाने रख लें.
साथ ही इस जल में एक चुटकी सिंदूर भी डालें. अगली सुबह इस जल को तुलसी के पौधे में चढ़ाएं. इससे आपको कामों में सफलता मिलने लगेगी. अगर कुंडली में सूर्य और मंगल दोनों कमजोर हैं, तो तांबे के लोटे में जल भरकर पीपल के पेड़ में चढ़ाएं.
ऐसा करने से कुंडली में सूर्य और मंगल मजबूत होता है और आर्थिक तंगी दूर होती है. करियर में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. घर में वास्तु दोष हो तो रात में तांबे के लोटे में जल भरकर अपने सिरहाने रखक सो जाएं और अगली सुबह इस जल को शमी के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं. यह उपाय वास्तु दोष से पैदा हुई नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर दें.