इस दिशा में जूते-चप्पल रखने से घर में होगा क्लेश, भूलकर भी न करें ये गलती

वास्तु शास्त्र के अनुसार, जूते-चप्पलों को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखने को शुभ माना जाता है। 
 

वास्तु शास्त्र दिशाओं के महत्व को मानता है और घर की ऊर्जा में सुधार करने के लिए निर्देश देता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर वास्तु नियमों का पालन नहीं किया जाता है।

तो यह असंतुलन और नकारात्मकता का कारण बन सकता है।वास्तु शास्त्र में वास्तु दोषों को निश्चित कारक माना जाता है और जूते-चप्पलें इनमें से एक हैं।

यहां कुछ वास्तु नियम हैं जो जूते-चप्पलों को रखने के लिए पालन किए जा सकते हैं

निश्चित स्थान: जूते-चप्पलें रखने के लिए निश्चित स्थान चुनें। इसे शौचालय, पूजा स्थल या रसोई जैसी जगहों से अलग रखें। जूते-चप्पलों को बाहरी द्वार के पास या वास्तु द्वार के नजदीक रखने से बचें।शनि देवता को पैरों से संबंधित माना जाता है ।

इसलिए जूते-चप्पलों को उल्टा रखने से वास्तु दोष बढ़ सकता है। वास्तु शास्त्र में, शनि को नियमितता, कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता और धैर्य का प्रतीक माना जाता है।

जूते-चप्पलों को सही दिशा में रखने के लिए उन्हें सीधे और सही तरीके से रखने का प्रयास करें। उल्टे रखने की जगह पर उन्हें सीधा करें।

यह शनि के प्रति सम्मान और शुभता का संकेत होगा और आपके घर में सुख और शांति को बढ़ाने में मदद करेगा।

निश्चित दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, जूते-चप्पलों को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखने को शुभ माना जाता है। इस दिशा में उन्हें रखने से वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आपके जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है।

पूर्व और उत्तर दिशा को वास्तु शास्त्र में बहुत ही शुभ माना जाता है और यहां भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी का वास माना जाता है।

इसलिए, यदि आप जूते-चप्पलों को इन दिशाओं में रखते हैं, तो यह आपके घर में धार्मिकता, समृद्धि, और शांति को बढ़ाने में मदद कर सकता है।