Maa Chandraghanta: नवरात्रि 2025 मां चंद्रघंटा की पूजा से भरें जीवन में शक्ति और शांति, जानें आरती, कथा और भोग
Maa Chandraghanta का अलौकिक स्वरूप और महत्व
मां चंद्रघंटा का नाम उनके मस्तक पर अर्धचंद्र से आया, जिसे उन्होंने भगवान शिव से विवाह के बाद धारण किया। यह रूप शक्ति और शांति का अनूठा संगम है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां की पूजा सूर्योदय से पहले शुरू करनी चाहिए। लाल और पीले फूलों से उनकी अर्चना करना बेहद शुभ माना जाता है। पूजा में शंख और घंटे की ध्वनि से वातावरण और पवित्र हो जाता है। यह दिन भक्तों के लिए अपने भीतर की नकारात्मकता को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा से भरने का मौका लेकर आता है।
मां चंद्रघंटा की कथा: महिषासुर पर विजय की गाथा
पौराणिक कथाओं में बताया जाता है कि जब महिषासुर नामक राक्षस ने स्वर्ग पर कब्जा करने की कोशिश की, तो देवताओं में हाहाकार मच गया। उसने इंद्र का सिंहासन छीन लिया और स्वर्गलोक पर राज करने का सपना देखा। परेशान देवताओं ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश से गुहार लगाई। तीनों देवों के क्रोध से एक दिव्य ऊर्जा उत्पन्न हुई, जिसने मां चंद्रघंटा का रूप लिया। शिव ने उन्हें त्रिशूल, विष्णु ने चक्र और इंद्र ने घंटा दिया। सभी देवताओं के शस्त्रों से सुसज्जित मां ने महिषासुर का सामना किया। उसकी विशाल सेना और अहंकार मां के आगे टिक न सके। एक भयंकर युद्ध के बाद मां ने महिषासुर का वध कर देवलोक को सुरक्षित किया। यह कथा हमें साहस और दृढ़ता की सीख देती है।
मां चंद्रघंटा की आरती: भक्ति में डूबने का मौका
मां की आरती गाते हुए भक्त उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। "जय मां चंद्रघंटा सुख धाम, पूर्ण कीजो मेरे काम..." से शुरू होने वाली यह आरती मां की महिमा का गुणगान करती है। "चंद्र समाज तू शीतल दाती, मन की मालक मन भाती हो" जैसी पंक्तियां मां की कृपा और शक्ति को दर्शाती हैं। हर बुधवार को मां का ध्यान और घी की ज्योत जलाकर भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं। यह आरती नवरात्रि के तीसरे दिन भक्ति का माहौल बना देती है।
मंत्र और भोग: मां को करें प्रसन्न
मां चंद्रघंटा के मंत्रों का जाप करने से मन को शांति मिलती है। "ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः" और "या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता..." जैसे मंत्र उनकी कृपा पाने का माध्यम हैं। भोग में मां को केसर-दूध की मिठाई, खीर और पंचामृत चढ़ाएं। ये प्रसाद मां को प्रिय हैं और इन्हें भक्तों में बांटने से सौभाग्य बढ़ता है। पूजा के दौरान लाल, सुनहरा या पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है, जो भावनात्मक स्थिरता लाता है।
नवरात्रि को बनाएं खास
मां चंद्रघंटा की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन आपके जीवन में नई ऊर्जा भर सकती है। उनकी कथा और आरती से प्रेरणा लेकर अपने भीतर की शक्ति को जागृत करें। यह त्योहार सिर्फ पूजा का नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और सकारात्मकता का भी उत्सव है। तो इस नवरात्रि मां के आशीर्वाद से अपने घर को सुख-शांति से भर दें।