गर्मी में फोन और लैपटॉप का सुरक्षित इस्तेमाल: जानिए ज़रूरी सावधानियां

स्मार्टफोन, लैपटॉप और एसी जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, काम करने के दौरान गर्मी पैदा करते हैं।
 

भीषण गर्मी के कारण AC में आग लगने और कम्प्रेसर फंटने के कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में नोएडा की एक सोसाइटी में एसी में आग लगने और पूरे फ्लैट में आग फैल गई। इसका वीडियो भी खूब वायरल हो गया था।

इंदौर में भी ऐसा ही मामला देखने को मिला। इस समय गर्मी अपने चरम पर हैं और उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में तापमान 50 डिग्री से ज्यादा है। इतनी ज्यादा गर्मी में सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि हमारे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी खतरे में हैं।

भीषण गर्मी में आपको अपने फोन और लैपटॉप को भी ठंड़ा रखने की जरूरत है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस भीषण गर्मी में, स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी भी जरूरत से ज्यादा गर्म हो सकते हैं और गंभीर मामलों में आग भी पकड़ सकते हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर डिवाइस ज्यादा गर्म क्यों होते हैं और इनमें आग लगने का क्या कारण है? चलिए आज इसी बारे में बात करते हैं, साथ में जानेंगे कि आप इन्हें कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

क्यों ओवरहीट हो जाते हैं इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस?

स्मार्टफोन, लैपटॉप और एसी जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, काम करने के दौरान गर्मी पैदा करते हैं। जब आसपास का तापमान अधिक होता है, तो इन डिवाइसेस में लगे पंखे और हीट सिंक जैसे कूलिंग सिस्टम, गर्मी को प्रभावी ढंग से फैलाने में संघर्ष करते हैं।

इससे ये बहुत ज्यादा गर्म हो जाते हैं, जिससे इनके इंटरनल पार्ट्स को नुकसान पहुंच सकता है और आग भी लग सकती है। यही कारण है कि एयरलाइंस आपको चेक्ड बैगेज में इलेक्ट्रॉनिक्स और पावरबैंक ले जाने से रोकती हैं और इसके बजाय आपको उन्हें अपने केबिन बैगेज में ले जाने के लिए कहती हैं।

अगर सामान में रखा जाए, तो दबाव या तापमान में बदलाव के कारण डिवाइस में आग लग सकती है। अत्यधिक गर्मी के मामले में, हाई एयर टेम्परेचर के कारण गैजेट के अंदर बैटरी और कंपोनेंट गर्म हो सकते हैं और आग लग सकती है।

इसी तरह, अगर आप दोपहर के समय घर के अंदर अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आप पाएंगे कि वे बिना पावर के भी गर्म हो जाते हैं। ऐसा उनके अंदर लगी बैटरी के कारण होता है।
यहां कुछ कारण दिए गए हैं कि क्यों डिवाइस अधिक गर्म हो जाते हैं:

पर्याप्त वेंटिलेशन न होना: लैपटॉप और टीवी जैसे डिवाइसेस में गर्मी को बाहर निकालने के लिए वेंट होते हैं। इन वेंट को किसी चीज से बंद करने या डिवाइसेस को सीमित स्थानों पर रखने से अच्छी तरह से एयरफ्लो नहीं हो पाता।

लगातार इस्तेमाल करना: बिना ब्रेक के लंबे समय तक डिवाइस का इस्तेमाल करने से डिवाइस का तापमान बढ़ जाता है। खास तौर से गेमिंग या वीडियो एडिटिंग जैसे कामों के दौरान।

आसपास का अत्याधिक तापमान: बाहर का अत्याधिक तापमान भी डिवाइस का ठंडा रहने मुश्किल कर देता है। यह तब और भी बढ़ जाता है जब डिवाइस को सीधे धूप में या सीधे धूप में कार में छोड़ दिया जाता है।

धूल: खराब पंखे, खराब थर्मल पेस्ट, या आपके स्मार्टफोन, एसी, लैपटॉप और अन्य डिवाइसेस में धूल जमा होना से भी उनका कूलिंग सिस्टम अच्छी तरह से काम नहीं कर पाता है।

ज्यादा गर्म होने वाले डिवाइस को ठंडा कैसे करें?

तो आप डिवाइस को ज्यादा गर्म होने से कैसे रोक सकते हैं और आग लगने से कैसे बच सकते हैं? अगर आपका डिवाइस ज्यादा गर्म होने लगे तो आप कुछ कदम उठा सकते हैं:

अगर आपको लगता है कि डिवाइस ज्यादा गर्म हो रहा है, तो इसका इस्तेमाल बंद कर दें और इसे थोड़ा आराम दें। डिवाइस को बंद करें और इसे पावर सोर्स से अनप्लग कर दें। इससे आगे गर्मी बनना बंद हो जाती है और अंदर के कंपोनेंट्स ठंडे हो जाते हैं।

फालतू ऐप बंद करें और स्क्रीन की ब्राइटनेस कम कर दें। स्मार्टफोन के लिए, एयरप्लेन मोड पर स्विच करने से गर्मी का उत्पादन कम हो सकता है।

डिवाइस को सीधे धूप से दूर, छायादार, ठंडी जगह पर रखें। मोबाइल डिवाइस के लिए, केस को हटाने से भी गर्मी को तेजी से खत्म करने में मदद मिल सकती है। आप अपने लैपटॉप को उल्टा रख सकते हैं ताकि नीचे लगे पंखे को हवा मिल सके।

लैपटॉप के लिए, बिल्ट-इन पंखे वाला कूलिंग पैड अतिरिक्त एयरफ्लो प्रदान कर सकता है। टीवी या गेमिंग कंसोल जैसे बड़े डिवाइसेस के आसपास फंखे रख सकते हैं ताकि इन्हें ठंडा रखा जा सके।

अगर आपके डिवाइस में आग लग जाती है, तो यहां कुछ सेफ्ट टिप्स दिए गए हैं:

अगर संभव हो तो तुरंत डिवाइस को अनप्लग कर दें। बड़े डिवाइसेस के लिए, मेन पावर सप्लाई को बंद कर दें।

अगर आग छोटी और काबू में आने वाली है, तो इलेक्ट्रिकल फायर के लिए बने फायर एक्सटिंग्विशर का इस्तेमाल करें। पानी का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे और नुकसान पहुंच सकता है।

अगर आग फैलती है या आप इसे कंट्रोल करने में असमर्थ हैं, तो उस क्षेत्र को खाली कर दें और तुरंत इमरजेंसी सर्विसेस को कॉल करें।

आग लगने के बाद डिवाइस का दोबारा इस्तेमाल करने की कोशिश न करें। क्योंकि आग से डैमेज हो जाने पर यह आगे और जोखिम पैदा कर सकता है।