Success Stories: हिसार की सुमन ने मीशो पर ऐसे शुरू किया कारोबार, अब सैकड़ों को दे रहीं रोजगार

Haryana News: 35 वर्षीय सुमन हिसार की रहने वाली हैं। वे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो पर एक रिसेलर हैं। उनकी कंपनी मीशो पर केशव फैशन पॉइंट के नाम से लिस्टेड है। तो चलिए जानते हैं एक छोटे से शहर की लड़की कैसे बन गई मीशो की रिसेलर। कैसे वे दूसरों को भी रोजगार दे रही हैं। जानते हैं सुमन के संघर्ष की कहानी।
 

हिसार न्‍यूज। Hisar News: आपने ये कहावत तो सुनी ही होगी-''लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती॥ ''कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती॥'' ये कहावत फिट बैठती है हरियाणा के शहर हिसार की सुमन पर। बता दें 35 वर्षीय सुमन, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो पर एक रिसेलर हैं। उनकी कंपनी मीशो पर केशव फैशन पॉइंट के नाम से लिस्टेड है। तो चलिए जानते हैं एक छोटे से शहर की लड़की कैसे बन गई मीसो की रिसेलर।

हिसार की बेटी-बहू दोनों हैं सुमन

बता दें सुमन एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता बीमार रहते थे और सुमन चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। जैसे-तैसे करके उन्होंने अपनी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी कर ली। लेकिन उसके बाद पढ़ाई जारी रखने और परिवार का हाथ बंटाने के लिए नौकरी करना जरूरी हो गया। फिर उन्होंने ग्रेजुएशन की पहली साल में हिसार में एक निजी अस्पताल में रिशेप्सनिस्ट की नौकरी करना शुरू किया। ढ़ाई-तीन साल तक वह इस नौकरी में रहीं, साथ ही पढ़ाई भी चलती रही। फिर जब उन्होंने एमबीए में दाखिला लिया तो हॉस्पिटल की लंबी शिफ्ट पढ़ाई में आड़े आने लगी। लिहाजा उन्होंने एक लोकल न्यूजपेपर में जॉब करना शुरू कर दिया। वहां उन्होंने डेस्क इंचार्ज के तौर पर 8-10 साल गुजारे। इसी बीच उनकी हिसार में ही शादी हुई और शादी के बाद भी वह नौकरी करती रहीं। 

अच्छे से समझती हैं शिक्षा की वैल्यू

सुमन इस बात का भी ध्यान रखती हैं कि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो। सुमन का कहना है कि वह पढ़ाई की वैल्यू अच्छे से समझती हैं। उनकी सारी पढ़ाई उन्होंने नौकरी करते हुए पूरी की है। इसलिए वह नहीं चाहतीं कि अपने जीवन में जिन संघर्षों का सामना उन्हें करना पड़ा, वैसा किसी और को न करना पड़े। 

सुमन के पति दीपक एक कंपनी में अकाउंटेंट हैं। सुमन ने एचआर मैनेजमेंट में एमबीए किया हुआ है। सुमन की कैश मैनेजमेंट में पकड़ अच्छी है और इसके लिए वह अपनी शुरूआती नौकरियों को मददगार मानती हैं। 

बिजनेस को लेकर कैसे आया आइडिया?

बता दें हिसार की सुमन ने अपना बिजनेस जून 2019 में शुरू किया था। वह मार्केट से प्रॉडक्ट को बल्क में डिस्ट्रीब्यूटर से खरीदती हैं और फिर उसे ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बेचती हैं। इस बिजनेस को कारोबार की भाषा में रीसेलिंग कहा जाता है। बताया जाता है कि सुमन शादी से पहले और शादी के 6 साल बाद तक नौकरी करती रहीं। फिर उनका बेटा केशव हुआ। बेटे के होने के बाद जब सुमन ने अपना कुछ काम करने की सोची तो पति दीपक ने सलाह दी कि उन्हें ऑनलाइन बिजनेस में करना चाहिए। सुमन भी कुछ ऐसा करना चाहती थीं, जिसमें वह अपने बेटे को भी समय दे सकें। ऐसे में उन्हें ऑनलाइन रीसेलिंग का बिजनेस भा गया। 

पति का मिला सपोर्ट

पति दीपक सुमन के लिए सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम हैं लेकिन अपना कारोबार वह खुद संभालती हैं। हालांकि कहीं कोई टेक्निकल दिक्कत होने पर दीपक उन्हें मदद करते हैं। सुमन का कहना है कि उनके पति ने उन्हें आगे बढ़ने में पूरा सपोर्ट दिया है और वह जीवनसाथी के मामले में खुद को बेहद भाग्यशाली मानती हैं। सुमन आज अपनी जिंदगी और बिजनेस में जिस मुकाम पर हैं, उसके लिए वह भगवान की शुक्रगुजार हैं। 

सुमन का कहना है कि जब उनकी शादी नहीं हुई थी और वह नौकरी के लिए जाती थीं तो लोग कहते थे कि यह अपने पिता को अमीर बनाकर छोड़ेगी। उनकी बातें सकारात्मक, हौसला अफजाई वाली कम और ताने के तौर पर ज्यादा होती थीं। उसके बाद वह शादी करके ससुराल आईं और शादी के बाद भी लगातार 6 साल नौकरी की। फिर उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू किया। सुमन बताती हैं कि इस पूरी कहानी में उनके पति हमेशा उनके साथ खड़े रहे और यही वजह है कि वह खुद के पैरों पर खड़ी हैं। आज उन्हें देखकर हिसार के दूसरे लोग भी प्रेरित हो रहे हैं और खुद का काम शुरू कर रहे हैं। इतना ही नहीं हिसार के बाहर से भी लोग उन्हें फोन करते हैं। 

प्रतिदिन के 1000 ऑर्डर आते हैं?

सुमन ने बिजनेस की शुरूआत एक प्रॉडक्ट की बिक्री से की थी। इसमें अधिकांश लड़कियां हैं, जो सुमन के घर के आसपास के एरिया से ही हैं। कुछ लड़कियां ऐसी भी हैं जो स्टूडेंट हैं और सुमन के यहां पार्ट टाइम काम करती हैं। अपने बिजनेस को मीशो पर लिस्ट कराना, सुमन को सबसे आसान लगा। जैसे-जैसे ऑर्डर बढ़े, सुमन के लिए अकेले सब कुछ मैनेज करना मुश्किल होने लगा। तो उन्होंने अपनी टीम बनाने की सोची। सुमन को काम करता देखकर आसपास के कुछ युवाओं ने उनके साथ जुड़ने की इच्छा जताई और अब उनकी करीब 10 लोगों की टीम है। जब सुमन ने कारोबार शुरू किया था तो उनके पास दिन के 4-5  ऑर्डर आते थे। आज यह संख्या 1000 ऑर्डर प्रतिदिन तक पहुंच चुकी है।

काफी उतार-चढ़ाव झेले सुमन ने

सुमन की जिंदगी उतार-चढ़ाव से भी भरी है। वह केशव से पहले दो बच्चे खो चुकी थीं। पहला बेटा पैदा होने के बाद केवल 6 माह जीवित रहा। उसके डेढ़ साल बाद जब सुमन दोबारा मां बनने वाली थीं तो उनका मिस्कैरिज हो गया। दो बच्चों को खोने का दुख किसी को भी तोड़ सकता है। दुख बड़ा था लेकिन 3 साल बाद जब उन्हें एक और बेटा केशव हुआ तो उनका यह गम काफी हद तक कम हो गया। दो बच्चों को खो चुकीं सुमन को केशव के होने के बाद उसे छोड़कर जॉब करने का दिल नहीं किया। इसलिए फिर उन्होंने घर से ही कुछ काम करने का मन बनाया और आखिरकार बेटे के नाम पर बिजनेस शुरू किया। जब सुमन ने अपना काम शुरू किया तो केशव 3 माह का था। अब सुमन का बेटा केशव इस वक्त साढ़े तीन साल का है और स्कूल जाने लगा है।

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