हरियाणा स्कूलों में फर्जी दाखिले का भंडाफोड़: सीबीआई ने चार और एफआईआर की दर्ज

हरियाणा के पानीपत, जींद और करनाल जिले के स्कूलों में 50 हजार 687 बच्चे नहीं मिले थे। अंबाला के 16 सरकारी स्कूलों का रिकॉर्ड खंगालने पर 6 स्कूलों में कोई आंकड़ा नहीं मिला था। 
 

सीबीआई ने हरियाणा के सरकारी स्कूलों में चार लाख बच्चों के फर्जी दाखिलों और करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में चार और एफआईआर दर्ज की है। इसके अलावा सीबीआई ने अंबाला, कैथल,करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, जींद, पंचकूला व यमुनानगर जिलों में 2014 से 2018 तक MDM इंचार्जों का मांगा ब्यौरा है। 

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की इन एफआईआर से पहले, वर्ष 2018 में विजिलेंस ने तीन रेंज के विजिलेंस थानों में 3 मार्च 2018 को सात एफआईआर दर्ज की थीं।

 विजिलेंस ने जांच मे 12,924 सरकारी स्कूलों का रिकॉर्ड खंगाला था, जिसमें सामने आया कि स्कूल छोड़ने वालों में केवल बच्चों का नाम रिकॉर्ड में दर्ज था, उनका कोई गांव का अता-पता नहीं था। 

विजिलेंस की रिपोर्ट को आधा मानकर ही अब सीबीआई आगे जांच को आगे बढ़ा रही है। 2 नवंबर 2019 को हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।

एक दर्जन से ज्यादा जिलों में मिली गड़बड़ी

हरियाणा के पानीपत, जींद और करनाल जिले के स्कूलों में 50 हजार 687 बच्चे नहीं मिले थे। अंबाला के 16 सरकारी स्कूलों का रिकॉर्ड खंगालने पर 6 स्कूलों में कोई आंकड़ा नहीं मिला था। 

इसी तरह कुरुक्षेत्र जिले के 52 स्कूलों के रिकॉर्ड खंगालने पर 17 स्कूलों में ड्राप आउट का कोई बच्चा नहीं था। एक मामला किसी अन्य स्कूल में दाखिला करवाने से जुड़ा मिला, जबकि एक बच्चे की मौत रिकॉर्ड में दिखाई गई।

साथ ही 302 बच्चों का नाम लंबे समय से गैरहाजिर रहने की लिस्ट में शामिल किया गया था।

बीईओ के नामजद हुई एफआईआर 

सीबीआई ने जो चार एफआई दर्ज की है। इस एफआईआर में 2014 से 2016 तक के फर्जी दाखिले से संबंधित सभी जिलों में तैनात रहे ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को नामजद किया है। 

हालांकि एफआईआर में इन अधिकारियों की संख्या व इनके नाम तय नहीं किए गए। बता दें कि इसी मामले में 28 जून को सीबीआई तीन एफआईआर दर्ज कर चुकी है, जिनमें जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (डीईईओ) को नामजद किया गया था।