गुरुग्राम लोकसभा सीट को लेकर क्या कहता है गणित, जानें क्या है इतिहास और क्या बनेंगे समीकरण

संदीप पराशर, गुरुग्राम। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. हरियाणा में भी राजनीतिक दलों ने गतिविधियां तेज कर दी हैं. गुरुग्राम लोकसभा सीट प्रदेश की सबसे बड़ी लोकसभा है. यहां तकरीबन 24 लाख से अधिक मतदाताओं की संख्या है।
सबसे खास बात यह है कि इस लोकसभा क्षेत्र में एक तरफ देश का सबसे विकसित जिला गुरुग्राम है तो दूसरी तरफ देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल नूंह जिला है. इस लोकसभा में 9 विधानसभा में से नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुनहाना, रेवाड़ी पर कांग्रेस का कब्जा है तो सोहना, बादशाहपुर, पटौदी, बावल, गुरुग्राम सीट पर बीजेपी का कब्जा है।
गुरुग्राम हरियाणा की सबसे बड़ी लोकसभा सीट
गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र में तकरीबन 24 लाख से अधिक मतदाता हैं. इनमें तकरीबन 12 लाख से अधिक पुरुष मतदाता हैं तो 11 लाख से अधिक महिला मतदाताओं की संख्या बताई जा रही है. इस लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच ही मुकाबला देखने को मिला है और आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच मुकाबला होता दिख रहा है।
भारतीय जनता पार्टी से अगर उम्मीदवारों की बात करें तो सबसे प्रबल दावेदार सांसद राव इंद्रजीत सिंह और पूर्व सांसद सुधा यादव के बीच में टिकट की रेस बताई जा रही है. दूसरी तरफ अगर कांग्रेस की बात करें तो पूर्व मंत्री एवं पूर्व प्रत्याशी कैप्टन अजय सिंह यादव, पूर्व संसदीय सचिव राव दान सिंह तथा पूर्व मंत्री आफताब अहमद टिकट के प्रबल दावेदार गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र से माने जा रहे हैं।
सीट का इतिहास
गुरुग्राम लोकसभा सीट पर अगर दबदबे की बात करें तो यहां राव इंद्रजीत सिंह चाहे कांग्रेस से चुनाव लड़े या फिर भारतीय जनता पार्टी से इस सीट पर अक्सर उन्हीं का दबदबा रहा है. इस लोकसभा में मुस्लिम (मेव) अहीर और पंजाबी बिरादरी के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है, जो जीत हार में सबसे अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं।
इस बार की अगर स्थिति की बात करें तो इस बार भारतीय जनता पार्टी के संभावित उम्मीदवार मौजूदा सांसद राव इंद्रजीत सिंह को पहले के मुकाबले इस बार ज्यादा वोट मिलने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि नूंह हिंसा के दौरान उन्होंने एक ऐसा बयान दिया था जो यहां के लोगों को पूरी तरह से रास आया था।
कब किसे मिली जीत
वैसे गुरुग्राम लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रही है. 2019 में बीजेपी ने राव इंद्रजीत सिंह ने जीत हासिल की थी. राव इंद्रजीत सिंह के 8,81,546 वोट मिले थे. वहीं, इस चुनाव में INLD उम्मीदवार रि. कैप्टन अजय सिंह यादव 4,95,290 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे. जबकि, बीएसपी उम्मीदवार, चौधरी रईस अहमद को 26,756 वोट पड़े थे. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार 9,911 वोट के साथ चौथे नंबर पर रहे।
साल 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह को 6,44,780 मत मिले थे. इस चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने जीत हासिल की थी. वहीं, INLD जाकिर हुसैन 3,70,058 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे. जबकि, 1,33,713 वोट के साथ कांग्रेस उम्मीदवार राव धर्मपाल तीसरे नंबर पर रहे।
साल 2009 में कांग्रेस से इंद्रजीत सिंह ने जीत हासिल की. इंद्रजीत सिंह को 2,78,516 मत पड़े थे. जबकि, BSP उम्मीदवार जाकिर हुसैन 1,93,652 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे. जबकि भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार सुधा 1,25,837 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहीं।
आम चुनाव 1971 में गुड़गांव लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार तय्यब हुसैन ने जीत हासिल की थी. तय्यब हुसैन को 1,99,333 वोट पड़े थे, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार के. नरेंद्र 1,31,391 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे. वहीं, आम चुनाव 1967 में गुड़गांव लोकसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल गनी डार ने जीत हासिल की थी. अब्दुल गनी डार के 88,326 वोट मिले थे. वहीं, इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार जी. सिंह 87,018 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे।
2009 के परिसीमन के बाद गुरुग्राम लोकसभा सीट वजूद में: जब इस बारे में कांग्रेस विधायक एवं सीएलपी उपनेता आफताब अहमद से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा "2009 के परिसीमन के बाद नए परिसीमन में गुरुग्राम लोकसभा सीट वजूद में आई. उससे पहले यही इलाका फरीदाबाद लोकसभा में आता था।
करीब 24 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. गुरुग्राम और बादशाहपुर विधानसभा में ही करीब 8लाख से अधिक मतदाता हैं, दोनों बड़ी विधानसभा में मतदाताओं की संख्या अधिक है. उन्होंने कहा कि यहां कांग्रेस का ही दबदबा रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों से बीजेपी का दबदबा है।
भाजपा ने राव इंद्रजीत सिंह पर लगाया दांव
लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। भाजपा ने इस बार फिर से राव इंद्रजीत सिंह पर दांव लगाया है।
कांग्रेस का रहा है गढ़
पहले राव इंद्रजीत सिंह इसी लोकसभा से कांग्रेस से भी सांसद रहे हैं. ज्यादातर समय यह कांग्रेस का ही गढ़ रहा है. परिसीमन के बाद परिस्थितियां इस इलाके की बदल गई हैं. पहले नूंह जिले की सीटें फरीदाबाद लोकसभा में आती थी, लेकिन अब गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र में आती हैं. आफताब अहमद ने कहा कि कांग्रेस ने भी लोकसभा प्रत्याशियों को लेकर कई बैठकें की हैं।
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक जल्द होने जा रही है. सीडब्ल्यूसी की बैठक भी होगी. उन्होंने कहा कि हमने भी लोकसभा टिकट के लिए आवेदन किया है. इसके अलावा कई अन्य ने भी आवेदन किया है, जिसे पार्टी हाई कमान टिकट देगी, मजबूती से चुनाव लड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा में 10 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस अधिकतर सीटों को जीतकर देश में अपनी सरकार बनाएगी।