हरियाणा : लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसान संगठनो का बढ़ा आक्रोश, लगे नो एंट्री के पोस्टर
लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसान संगठनों द्वारा बीजेपी व जेजेपी के नेताओं का बहिष्कार कर दोनों पार्टियों के नेताओं को उलझन में डाला हुआ है। विरोध को देखते हुए पार्टी नेताओं ने ग्रामीण क्षेत्र के दौर भी बंद कर दिए हैं।
नारनौंद क्षेत्र के गांव बुडाना गांव में बीजेपी व जेजेपी नेताओं की गांव में घुसने पर प्रतिबंध के पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।लेकिन जब गांव में देखा गया तो गांव बुडाना में इस प्रकार के पोस्टर कहीं पर भी लगे हुए नहीं मिले, यह सोशल मीडिया पर ही वायरल मैसेज चल रहा है।
जिसमें लिखा गया है कि गांव बुडाना यह ऐलान करता है कि हमारे गांव में भाजपा व जेजेपी नेताओं व कार्यकर्ताओं का आना सख्त मना है। बीजेपी शहिद किसानों के हत्यारे और जेजेपी किसान कॉम के गद्दार हैं। यदि फिर भी प्रवेश करते हैं तो जो भी नुकसान होगा खुद जिम्मेवार होंगे।
देश भर में लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसान संगठनो का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वहीं एक तरफ तो संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवारों का विरोध करने का निर्णय लिया जा चुका है।
किसान संगठनों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को हारने वाले प्रत्याशियों का सहयोग करने की अपील भी की जा रही है। प्रदेश भर के लोगों ने भाजपा और जेजेपी के नेताओं का गांव में प्रवेश पर बैन लगा दिया है।
गांवों में चुनाव प्रचार के लिए जा रहे भाजपा प्रत्याशियों को जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है। 5 अप्रैल को पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांव का दौरा कर रहे थे।
उसी दौरान सबसे पहले गांव नाड़ा में दुष्यंत चौटाला को किसानों द्वारा काले झंडे दिखाकर विरोध किया गया और किसानों ने गांव के बाहर ही उनकी गाड़ी को रोककर उनको पैदल ही गांव जाने के लिए मजबूर कर दिया था।
उसके बाद गांव गामड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को घुसने ही नहीं दिया गया था और देर शाम गांव खानपुर व सिंधड़ मैं भी उनको नहीं घुसने दिया गया था। विरोध के चलते डाटा गांव का कार्यक्रम उनको रद्द करना पड़ा था।
वही हिसार लोकसभा से बनाए गए भाजपा प्रत्याशी भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला को भी कई गांवों में विरोध का सामना करना पड़ा था। विरोध को देखते हुए भाजपा प्रत्याशियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के दौरे बंद कर शहरी क्षेत्र के दौरे शुरू कर दिए हैं।