Haryana News : शिक्षा विभाग ने कहा एडेड कॉलेजों में ग्राउंड समेत अन्य संसाधनों का इस्तेमाल कर रेवेन्यू जेनरेट करे, कॉलेज बोले कॉलेज के स्टूडेंट्स व खिलाड़ियों का क्या होगा

Haryana News in Hindi : शिक्षा विभाग ने लिखा कि कॉलेज एचआरए का पांच फीसद खर्च उठाने के लिए सहमति दें, टीचर बोले बोले जानबूझकर मामले को लटकाया जा रहा। शिक्षा विभाग ने एडेड कॉलेजों को मौजूदा संसाधनों खेल ग्राउंड, जिम, हॉल को रेंट आउट कर रेवेन्यू जेनरेट करने के लिए कहा, टीचर बोले शिक्षा विभाग एचआरए नहीं देने के लिए बहानेबाजी कर कर रहा। 
 

Haryana News Post, (चंडीगढ़) Education department News : हरियाणा में एडेड कॉलेजों टीचर्स लंबे समय से लंबित एचआरए को जारी करने की मांग कर रहे हैं लेकिन फिलहाल तक स्थिति में कोई बदलाव नहीं है।

वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग निरंतर कॉलेजों से वहां की परिसंपत्ति के बारे में जानकारी तलब कर रहा है। शिक्षा विभाग का कहना है कि कॉलेजों को उनके पास मौजूद संसाधनों पूरा ब्यौरा डीएचई से शेयर करना चाहिए।

संबंधित कॉलेजों के प्रशासन को चाहिए कि इन संसाधनों जिनमें खेल ग्राउंड, जिम आदि का इस्तेमाल कर ज्यादा से ज्यादा  रेवेन्यू जेनरेट किया जाए ताकि कॉलेजों की आर्थिक हालत मजबूत हो सके।

वहीं दूसरी तरफ एडेड कॉलेज के टीचर्स का कहना है कि शिक्षा विभाग द्वारा उनका पेंडिंग एचआरए नहीं दिए जाने को लेकर जानबूझकर मामले में पेंच फसाया जा रहा है।

शिक्षा विभाग ने लेटर लिखकर 72 कॉलेजों से मांगी जानकारी

शिक्षा विभाग ने 72 कॉलेजों का नाम इंगित करते हुए गत दिनों इनको एक लेटर लिखा है। इसके अनुसार सभी कॉलेजों को खेल के मैदान, खाली पड़ी जमीन (जिसका इस्तेमाल नहीं हो रहा) और लाइब्रेरी के बारे में जानकारी देने को कहा है।

इसके अलावा एडेड कॉलेजों से सेमिनार हॉल, सभागार और अन्य उपलब्ध संसाधनों के बारे में जानकारी मांगी। वहीं लेटर में ये भी लिखा गया है कि उपरोक्त संसाधनों का इस्तेमाल रेवेन्यू जनरेशन के लिए नहीं किया जा रहा है।

इस काम के लिए किसी कंसल्टेंट या संबंधित एजेंसी की मदद ली जा सकती है। इसको लेकर जो भी स्टेप उठाया जाए, उस बारे विभाग को सूचित किए जाने बारे लिखा है। 

कॉलेज अथॉरिटी को 5 फीसद एचआरए के खर्च उठाने को कहा

शिक्षा विभाग द्वारा जारी लेटर में इस बात का भी उल्लेख है टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ द्वारा एचआरए की मांग की गई है। इस पांच फीसद एचआरए का खर्च उठाने को लेकर संबंधित कॉलेजों के प्रबंधन को समहति पत्र देना होगा।

वो लिख कर दें कि वो अतिरिक्त एचआरए को लेकर पांच फीसद वित्तीय देनदारी का खर्च उठाने के लिए तैयार हैं। विभाग द्वारा 5 दिसंबर को एडेड कॉलेजों को एक पत्र जारी किया गया है। प्रदेश में 97 एडेड कॉलेज हैं और इनमें से 72 से एचआरए की 5 फीसद अतिरिक्त राशि वहन करने के लिए जानकारी तलब की गई है। 

प्रदेश में 97 एडेड कॉलेज, 95 फीसद अनुदान सरकार दे रही

बता दें कि हरियाणा में 97 एडेड कॉलेजों हैं और इन  कॉलेजों के संचालन को लेकर को सरकार 95 फीसद अनुदान सरकार द्वारा ही दिया जा रहा है। या फिर ये कह सकते हैं कि ये कॉलेज व्यापक स्तर पर सरकार द्वारा ही वित्त पोषित हैं।

इन कॉलेजों में स्टाफ की नियुक्ति सरकार द्वारा बनाए रूल्स रेगुलेशन के अनुसार होती है l  ये भी बता दें कि पांच फीसद अनुदान  प्रबंधक समितियों द्वारा किया जाता है।

ऐसे में एक लिहाज से ये कहना अनुचित नहीं होगा कि करीब करीब पूरी तरह से ये संस्थान सरकार ही चला रही है लेकिन बावजूद इसके सरकार का इन पर सीधा नियंत्रण नहीं है। 

कॉलेजों में करीब 60 फीसद पद भी खाली हैं

प्राप्त जानकारी अनुसार कॉलेजों में शिक्षकों के पद बड़े पैमाने पर खाली हैं। प्रदेश में  शिक्षकों के 8137 पद स्वीकृत हैं। इनमें से  3399 रेगुलर और  2016 एक्सटेंशन लेक्चरर कार्यरत हैं। इसके अलावा 4378 पद खाली पड़े हैं।  

इस लिहाज से सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों के लगभग 60% पद खाली पड़े हैं ।  शिक्षकों की कमी के चलते स्टूडेंट्स की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही खाली पदों को भरा जाएगा।

ये भी बता दें कि एडेड कॉलेजों में लगभग 1600 शिक्षक और 1147 नॉन टीचिंग कर्मचारी कार्यरत हैं। ये भी बता दें कि कॉलेजों के स्टाफ को सरकारी महाविद्यालयों में समायोजित करने हेतु पॉलिसी भी बन चुकी है, जिसे माननीय मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री की अनुमति भी मिल चुकी है।

अब यह फाइल मुख्यमंत्री की अनुमति से वित्त विभाग को भेजी जानी है। टीचर्स को उम्मीद ही जल्द मामले का समाधान होगा।

डॉ दयानंद मलिक, प्रेसीडेंट, टीचर्स एसोसिएशन ने बताया कि हमारा कॉलेज पिछले 17 साल से एमडीयू यूनिवर्सिटी का ओवरऑल चैंपियन है। संस्थान से दो स्टूडेंट्स ओलंपिक भी खेलकर आई हैं।

संस्थान में करीब 8 हजार स्टूडेंट्स हैं और प्रदेश के कॉलेजों के पास ही खुद खेल ग्राउंड व संसाधनों की कमी है। ऐसे में हम इनको रेवेन्यू जेनरेशन के लिए आगे कैसे दे सकते हैें। सरकार को चाहिए कि बिना की देरी व बहाने के टीचर्स का एचआरए जारी कर देना चाहिए। 

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