Haryana News: वोट मांगने जा रहे नेताओं की गांव में घुसने से रोकने पर सांस अटकी 

भाजपा के कई उम्मीदवारों को गांवों में जाने पर करना पड़ रहा भारी विरोध का सामना, जजपा नेता डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और भाजपा का टिकट पाने वाले रणजीत सिंह , अशोक तंवर, मोहन लाल बड़ौली और अरविंद शर्मा को करना पड़ा ग्रामीणों के गुस्से का सामना। 
 

चंडीगढ़, Haryana News: हरियाणा में 6 छठे चरण में 25 मई को चुनाव होने हैं और इसको लेकर भाजपा ने सभी 10 सीटों पर लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। लेकिन इसी कड़ी में सामने आ रहा है कि भाजपा द्वारा जो लोकसभा उम्मीदवार उतारे गए हैं, उनको प्रचार के दौरान अलग अलग जिलों खासकर, ग्रामीण इलाकों में  अलग अलग कारणों से लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि मुख्य रुप से ग्रामीणों द्वारा उनको गांव में घुसने से रोकने पर किसानों का मुद्दा और फिर लंबे समय तक उनकी सुध लेने के कारण प्रमुख हैं।  हालांकि चुनाव में अभी करीब डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय पड़ा है लेकिन जिस तरह से लोग पार्टी कैंडिडेट्स का विरोध कर रहे हैं, उससे उनकी दिक्कतों में इजाफा होना तय है।

ये भी सामने आ रहा है प्रत्याशियों के लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले संबंधित गांवों में पहुंचने की भनक मिलते ही गांव के लोग पहले ही वहां एकत्रित हो कर विरोध शुरु देते हैं। फिलहाल तक  भाजपा के चार कैंडिडेट के अलावा पूर्व डिप्टी सीएम और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला का कड़ा विरोध देश भर में चर्चा का विषय है।  

कड़े विरोध के चलते दुष्यंत की हुई फजीहत, एक साथ दिन में कई जगह विरोध

भाजपा की पूर्व सहयोगी व डिप्टी सीएम रह चुके दुष्यंत चौटाला का 5 अप्रैल को नारनौंद हलके के गांवों में जिस तरह से विरोध हुआ उसकी चर्चा सब तरफ है और इसके चलते जजपा की चुनावी तैयारियों को झटका लगा है। शुक्रवार को नारनौंद क्षेत्र के गांव नाडा में शुक्रवार को अपने कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का किसानों ने विरोध किया।

इस दौरान उन्हें काले झंडे दिखाए गए। इस दौरान युवाओं के साथ हुई बहस के दौरान दुष्यंत ने उनसे कहा है कि उन्हें राजनीति न सिखाएं। इसके बाद किसानों ने चौटाला को गांव के बाहर गाड़ी खड़ी कर पैदल जाने पर मजबूर कर दिया। फिर शाम होते नारनौंद हलके के खानपुर गांव में दुष्यंत का इतना विरोध हुआ कि उनको खेतों के रास्ते बचकर निकलना पड़ा।  

दोपहर में जैसे ही दुष्यंत चौटाला गांव नाडा पहुंचे तो किसानों ने गांव के बाहर उनकी गाड़ी रोक रोकते हुए कड़ा विरोध जताया।  किसानों ने कहा कि जैसे उनकी सरकार ने किसानों को ट्रैक्टर से दिल्ली जाने से रोका है, वैसे ही वे भी नेताओं की गाड़ियों को गांवों में नहीं जाने देंगे। 

आप छोड़कर भाजपा में आए सिरसा से पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ भी भड़के लोग 

सिरसा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर के लिए लोकसभा की राह कठिन नजर आ रही है। सिरसा लोकसभा में प्रचार के दौरान उनको अलग अलग गांव में लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को इस दौरान जब किसान संगठनों को तंवर के कार्यक्रमों की सूचना मिली तो वे टीम बनाकर अलग अलग तीन गांव खनोरा, फ्तेहपुरी और अमांनी गांव में विरोध के लिए तंवर से पहले पंहुचे, लेकिन तंवर को जब इसकी भनक लगी तो वे इन गांवों में नहीं गए तथा अन्य जगहों पर प्रोग्राम में भाग लेने चले गए।

इस दौरान किसानों ने सरकार व अशोक तंवर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।  उन्होंने कहा कि वे भाजपा नेताओं से पूछने के लिए आए थे कि दिल्ली जाने वाले किसानों पर लाठीचार्ज क्यों किया, गोलियां क्यों चलाई गईं।  वहीं हिजरावां गांव में भी ग्रामीण और तंवर आमने सामने रहे, ग्रामीणों ने उन पर कांग्रेस के शासन काल के दौरान 10 लाख की ग्रांट नहीं देने की शिकायत लगाई। 

कोसली में रोहतक से भाजपा प्रत्याशी अरविंद शर्मा और विधायक लक्ष्मण यादव का विरोध

रोहतक सीट पर अबकी बार भी मुकाबला टक्कर का नजर आ रहा है और इस सीट पर काफी मंथन के बाद पार्टी पिछली बार यहां से टक्कर के मुकाबले में 7503 वोटों से जीत दर्ज करने वाले अरविंद शर्मा को ही टिकट दी है। इस दौरान वो  5 अप्रैल को कोसली विधायक लक्ष्मण यादव के साथ गांव सुधराना पहुंचे जहां उनको गांव वालों ने खरी खोटी सुनाई और विरोध का सामना करना पड़ा।

लोगों ने अरविंद शर्मा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आप पांच साल में दर्शन दे रहे हो। किसी तरह से वो वहां से निकले लेकिन जिस प्रकार से उनको लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है, उससे साफ है कि उनकी रोहतक लोकसभा सीट से राह आसान नहीं है क्योंकि पिछली बार उनकी जितवाने में कोसली हलके की सबसे अहम भूमिका थी। 

रणजीत चौटाला को भी करना पड़ रहा विरोध का सामना

हिसार लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रणजीत सिंह को भी लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि 4 अप्रैल को अपने जनसंपर्क अभियान के तहत अग्रोहा ब्लॉक के गांवों में गए थे। गांव श्यामसुख में युवा किसानों ने उनका रास्ता रोकते हुए सवाल जवाब करने लगे।  किसानों ने कहा कि वे फसल बीमा के क्लेम लेने के लिए तीन महीने लघु सचिवालय के बाहर बैठे रहे, लेकिन आप कभी साथ देने आए।

किसानों पर करनाल, कैथल और हिसार में लाठीचार्ज किया गया, आपने क्या किया। कभी भी किसानों का साथ क्यों नहीं दिया? साथ ही हां या ना में जवाब मांगते हुए पूछा कि बताएं कि किसानों का दिल्ली जाने का फैसला सही था या गलत।  रणजीत सिंह पिछले दिनों ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी कर विवादों में आ गए थे। उन्होंने जहाजपुल स्थित धर्मशाला में पहुंचकर समाज के लोगों से हाथ जोड़कर माफी मांगी। 

सोनीपत से भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बडौली का हुआ विरोध

वहीं जींद के गांव नंदगढ़ में 3 अप्रैल को बुधवार को शाम सोनीपत लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार मोहनलाल बड़ौली का विरोध किया गया। गांव की चौपाल में जब बड़ौली बोलने लगे तो ग्रामीणों ने कहा कि पहले कोई विकास कार्य नहीं हुए, आज फिर से आप वोट मांगने के लिए आ गए। इस पर बड़ौली ने कहा कि यह तो पूर्व सांसद रमेश कौशिक ही बता सकते हैं। मैं आपको उनके पास ले चलता हूं। उन्हीं से पूछ लेना।

सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में जींद का जुलाना विधानसभा क्षेत्र भी आता है। सोनीपत लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी मोहनलाल बड़ौली बुधवार देर शाम बड़ौली के जुलाना विधानसभा के गांव नंदगढ़ पहुंचे थे। यहां पर जब वह बोलने लगे तो ग्रामीणों ने विरोध कर दिया और पुराने कामों का हिसाब-किताब मांगा।

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