सोनीपत : नौ में से 6 विस सीट जीत भी हारी भाजपा, किसानों ने कांग्रेस के लिए की बंपर वोटिंग
हिसार लोकसभा में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी जयप्रकाश ने भाजपा के रणजीत सिंह को 63381 वोट से हराकर मैदान मार लिया। हिसार लोकसभा से चौथी बार सांसद बने जयप्रकाश ने 20 साल बाद फिर से कांग्रेस को विजय दिलाई।
भाजपा को हराने के लिए निकले किसानों ने बंपर वोटिंग कर कांग्रेस की जीत तय कर दी हिसार लोकसभा सीट को लेकर भाजपा ने एक नए समीकरण पर काम करते हुए निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह पर दांव खेला था।
जिससे भाजपा में टिकट के प्रमुख दावेदार कैप्टन अभिमन्यु, कुलदीप बिश्नोई, रणबीर गंगवा के समर्थकों में मायूसी हो गई थी। भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह ने मतदान से दो महीने पहले ही प्रचार शुरू कर दिया।
प्रचार के तीसरे ही दिन उनका विरोध शुरू हो गया। विरोध का यह अभियान मतदान से चार दिन पहले तक जारी रहा। किसानों ने उनसे सवाल पूछने जारी रखा।
रणजीत सिंह जवाब नहीं दे पा रहे थे। कुछ स्थानों पर रणजीत सिंह गुस्सा हो गए तो उनके गुस्से ने आग में घी का काम किया। रणजीत की हार में सबसे बड़ा कारण हिसार शहरी विधानसभा का बदला समीकरण रहा।
सोनीपत : नौ में से 6 विस सीट जीत भी हारी भाजपा
लोकसभा चुनाव में भाजपा से हुए कड़े मुकाबले के बाद कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी ने भाजपा के मोहनलाल बड़ौली को 21816 मतों से हरा दिया। कांग्रेस ने सोनीपत में 10 साल बाद फिर वापसी की है। सतपाल को 548682 तो भाजपा के मोहनलाल को 526866 मत मिले।
नौ में छह विधानसभा सीट जीतकर भी भाजपा हार गई। 22 प्रत्याशियों में 20 की जमानत जब्त हो गई है। बहुजन समाज पार्टी के उमेश कुमार ने 12822 वोट लेकर तीसरा स्थान पाया। इनेलो के अनूप दहिया को 11523 तो जजपा के भूपेंद्र मलिक को 7820 वोट मिले।
सतपाल को भूपेंद्र हुड्डा के गढ़ बरोदा से सबसे बड़ी लीड मिली, जबकि जुलाना व खरखौदा की लीड ने उनकी जीत आसान बना दी। सोनीपत विस क्षेत्र की सबसे बड़ी जीत मोहनलाल बड़ौली ने दर्ज की, लेकिन राई, गन्नौर, गोहाना विधानसभाओं से वह जीतने में कामयाब रहे, लेकिन अपेक्षित लीड नहीं ले पाए।
वहीं सतपाल ब्रह्मचारी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा की हार का बदला ले लिया है। पिछले चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा भाजपा के रमेश कौशिक से 164864 वोट से हार गए थे। रमेश कौशिक को 587664 तो हुड्डा को 4228800 वोट मिले थे।