Yamunanagar News: नाज पटेल ने मानव कल्याण के लिए समर्पित किया जीवन, ताजेवाला में चला रहीं आश्रम
छछरौली (यमुनानगर): मायानगर मुंबई में जीवन की शुरुआत करने वाली नाज पटेल ने अपना जीवन असहाय लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। यमुनानगर के ग्राम ताजेवाला में वह एक आश्रम चला रही है। मुंबई के अंधेरी वेस्ट में रहने वाली 33 वर्षीय नाज पटेल के पिता जहांगीर पटेल टाटा कंपनी में नौकरी करते थे। 4 साल पहले उनका निधन हो गया।
नाज पटेल की मां पानीपत की रहने वाली थी और उनका भी पिछले साल देहांत हो गया। पिछले 12 साल से वह ऐसे लोगों की सेवा में जुटी हुई है जो बीमार या असहाय हैं। जो लोग अपनों से बिछड़ चुके हैं,उन्हें उनके परिवारजनों से मिलाने का काम भी करती है। जिनके परिजन नहीं मिलते उन्हें अडॉप्ट करके उनकी सेवा करती है।
नाज पटेल ने 3 साल पहले अवेस्टा फाउंडेशन की स्थापना कर रजिस्ट्रेशन कराया था। उन्होंने बताया कि उनकी मां हरियाणा से थी, इसलिए उनकी याद में वह यहां कुछ करना चाहती थी। इसी सिलसिले में वह ग्राम ताजेवाला पहुंच गई और बीमार व बेसहारा महिलाओं के लिए एक आश्रम खोल कर उनकी सेवा करने लगी। नाज पटेल ने बताया कि स्थानीय लोगों का भरपूर सहयोग उन्हें मिल रहा है, जिसके फलस्वरूप यह आश्रम सही तरीके से लोगों की सेवा कर रहा है।
नाज पटेल ने बताया कि मुंबई में उनके पड़ोस में एक बुजुर्ग व्यक्ति रहते थे और वे शुगर से पीड़ित थे। उनका परिवार में कोई नहीं था, इसलिए वह रोजाना उन्हें भोजन दिया करती थी। वर्ष-2008 में कुछ दिन के लिए नाज को बाहर कहीं जाना पड़ा। जब वह लौटी तो पता चला कि बुजुर्ग की मौत हो चुकी है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता लगा कि वे कई दिन से भूखे थे, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। तब उसने विचार किया कि समाज में ऐसे बहुत से लोग हैं जो जरूरतमंद और बीमार हैं, जिन्हें मदद की जरूरत है, इसलिए वह ऐसे लोगों की सेवा में जुट गई। अभी तक नाज पटेल लगभग 200 लोगों को उनके परिजनों से मिलवा चुकी है।