Diabetic Foot Ulcer: जानिए शुगर के मरीज को क्यों रहता है डायबिटिक फुट अल्सर का खतरा, ये हैं लक्षण कैसे करें बचाव

what is Diabetic foot ulcer: आज के समय में शुगर जैसी बीमारी आम समस्या बन गई है। ज्यादातर लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं फिर चाहे वो बड़े हो या युवा। इस बीमारी में पीड़ित मरीजों के शरीर से पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है जिस वजह से शुगर मरीज का ब्लड शुगर लेवल बढ़ा रहता है। ऐसी समस्याएं डायबिटीज रोगियों के लिए खतरनाक हो सकती हैं और फुट अल्सर का रूप ले सकती हैं। दुनियाभर में लगभग 15 से 25 फीसदी लोगों को डायबिटिक फुट अल्सर है। तो आइए जानते हैं कि डायबिटिक फुट अल्सर के लक्षण और बचाव के बारे में।
 

Diabetic foot ulcer symptoms: डायबिटिक फुट अल्सर क्या है? डायबिटिक फुट अल्सर एक ऐसी समस्या है जो लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण विकसित होती है। आमतौर पर ये अल्सर अंगूठे और पंजों के नीचे होता हैं। ऐसे में स्किन के नीचे की कोशिकाएं टूट जाती हैं और और उसके नीचे की परतें दिखने लगती हैं। ये अल्सर आपकी हड्डियों को भी प्रभावित करता है। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और आपके पैर में कोई घाव या जख्म हो गया है, तो इसे लेकर आपको लापरवाही न बरतें। फौरन विशेषज्ञ से परामर्श करें वरना ये गंभीर रूप भी ले सकता है।

डायबिटिक फुट अल्सर की वजह

डायबिटिक फुट अल्सर की मुख्य वजह हाई ब्लड शुगर लेवल होना है। शुगर लेवल बढ़ने से पैर में और शरीर के अन्य हिस्सों में कई बार छोटे छोटे घाव होने लगते हैं। जिनका समय रहते उपचार न किया गया तो ये बेहद गंभीर हो सकते हैं। कई बार सर्जरी की भी नौबत आ सकती है। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है, साथ ही वजन अधिक है और विटामिन डी की कमी हो जाए, तो उसके लिए डायबिटिक फुट अल्सर का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ जाता है।

डायबिटिक फुट अल्सर के लक्षण

डायबिटिक फुट अल्सर के लक्षणों पैरों की स्किन का रंग बदलना, पैरों में सनसनाहट महसूस होना, पैरों में घाव होना और संवेदनशीलता में कमी आना, घाव का रिसना, चलने में पैर दर्द होना शामिल है।

क्यों होता है फुट अल्सर

डायबिटीज न्यूरोपैथी। खराब फिटिंग के जूते। पैरों की सफाई का ध्यान नहीं देना। फुल अल्सर की हिस्ट्री। वैरिकाज वेंस है।

क्या है इलाज

डायबिटिक फुट अल्सर में विशेषज्ञ रोग की स्थिति के हिसाब से कोई फैसला लेते हैं। शुरूआती स्टेज में दवाओं के जरिए इसका इलाज किया जा सकता है। लेकिन अगर स्थिति गंभीर है तो सर्जरी का सहारा भी लेना पड़ सकता है। स्थिति को गंभीर होने से बचाने के लिए डायबिटीज को नियंत्रित रखना और घाव को इंफेक्शन से बचाना बहुत जरूरी है।

बचाव तरीका क्या है?

नियमित तौर पर पैरों की सफाई का ख्याल रखें। पैर की उंगलियों के नाखून नियमित रूप से काटें। शुगर नियंत्रित रखने के लिए वर्कआउट करें और संतुलित डाइट लें। पैर के तलवों को सूखा रखें। शरीर में विटामिन डी की कमी न होने दें। रोजाना सुबह 9 बजे तक की धूप लें।

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