Rashtriya Balika Diwas Shayari Quotes: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर शेयर करें शायरी, विशेज और मैसेजेस
Balika diwas ki hardik shubhkamnaye shayari : भारत में बालिकाओं के प्रति प्यार और सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट) द्वारा की गई थी।
Rashtriya Balika Diwas shayari
बालिकाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा
लड़कर जीतने के लिए खूब मन लगाकर पढ़ना होगा
बालिका दिवस की शुभकामनाएं
जो बेटी को दे पहचान
माता-पिता वही महान
जीने का उसको भी अधिकार
चाहिए उसे थोड़ा सा प्यार
बालिका दिवस की शुभकामनाएं
बेटी है कुदरत का उपहार
जीने का इसको दो अधिकार
बालिका दिवस की शुभकामनाएं
बेटी भार नहीं है आधार, जीवन हैं उसका अधिकार
शिक्षा हैं उसका हथियार बढ़ाओ कदम, करो स्वीकार
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं
कोमल है
कमजोर नहीं तू
शक्ति का नाम ही नारी है
जग को जीवन देने वाली
मौत भी तुझसे हारी है
कैसे खाओगे उनके हाथ की रोटियां
जब पैदा होने ही नहीं दोगे बेटियां
बेटा-बेटी एक समान
यह तो है हर घर की शान
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं
टी को अधिकार दो
बेटे जैसा प्यार दो
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
बेटी है स्वर्ग की सीढ़ी
वो पढ़ेंगी तो बनेगी अगली पीढ़ी
बालिका दिवस की शुभकामनाएं
National Girl Child Day 2024 Quotes
संगीत सी मधुर तान हैं बेटियां,
घर का गौरव और सम्मान है बेटियां।
पिता और परिवार की शान है बेटियां,
इसलिए तो सबसे महान है बेटियां
कभी किसी की बहन बन कर उसकी कलाइयों पर राखी बांधती हूं, तो कभी किसी की बेटी बनकर उनके बुढ़ापे का सहारा बनती हूं.
कभी-कभी मैं एक मां भी बन जाती हूं और जन्म देती हूं उन सभी को जो आज मेरे लड़की होने का अफसोस कर रहे हैं. हां मैं लड़की हूं.
परिवार को नसीब से मिलती हैं बेटियां।
फूलों सी मुस्कुराहट, खिलती है बेटियां।
जिस कोख में संवरती, पलती है बेटियां।
उन्हीं को देकर टेक भी चलती है बेटियां।
बेटी नहीं बेटे से कम, एक समान होता जन्म नौ महीने समान रहते, भूल जाओ सारे भ्रम
कमजोरी बेटी में नहीं, हमारे मन में है तुलना करके देखो , बेटी नंबर वन में है
बेटी को पढ़ाना है, आगे उसे बढ़ाना है हरदम उसका साथ देकर, अतंरिक्ष पहुंचाना है
नजरिए को बदलो, नजारे बदल जायेंगे बेटियों को मौका दो, बुराई कम नजर आयेंगे
क्यों मर जाते हो, बेटे से मार खाने को बेटी का हिस्सा मार, बुढ़ापा दुख में बिताने को
कोमल है, कमजोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुझसे हारी है
जब घर में संकट आते है, तब बेटियां ही उससे बचाते हैं
न अपनी दुनिया स्वंय मिटाओ, होश में आओ, बेटी बचाओ
जीने का भी उसको अधिकार बस चाहिए उसको, आपका प्यार
बेटी जिस घर पर आई, समझो खुद लक्ष्मी घर आई
बेटी को मत समझो भार, जीवन का है ये आधार! बेटी को जो पहेचान, वहीं माता-पिता है महान
आपकी लालसा है बेकार, बिन बेटी के न चले संसार
21वीं सदी आई, बेटियों का दौर है लायी
खुशहाल बालिका, भविष्य देश का
बेटी को अधिकार दो, बेटा जैसा प्यार दो, बेटी बचाओ