TOP Shyam Diwani Shayari 2024 : करें खाटू श्याम बाबा का गुणगान और शेयर करें श्याम दीवानी शायरी
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Shyam Diwani Shayari 2024
रूठे जो जिन्दगी तो मना लेगे हम
मिले जो गम तो निभा लेगे हम।
बस तुम साथ रहना मेरे श्याम
रोती आंखों से भी मुस्कुरा लेगें हम।।
।। जय श्री श्याम।।
भाव भरे हों आंख में आंसू, दर्द भरा हो तराना
दीन दयालु रूक नहीं सकता, श्याम को पड़ता ही है आना
।। जय श्री श्याम।।
ऐसा अटूट रिश्ता बाबा तेरा मेरा
जिस दर पर सर झुकाने से मिल जाये सब कुछ
ऐसा पावन अनमोल खाटूधाम तेरा
।। जय श्री श्याम।।
है आरजू, करूं दीदार श्याम प्यारे का
नजर से चूम लू, दरबार श्याम प्यारे का।
हमेशा होती है इस दर पे बारिशे रहमत
है ऐसा जलवा मेरे दिलदार श्याम प्यारे का।
।। जय श्री श्याम।।
दिल की सुनाते सुनाते थक गया हूं सांवरे
राह तेरी तकत तकते पथरा गई मेरी आंख रे
मेरा अब दिल घबराता है,
कहूं अब और किसी से क्यूं..मेरा तो बस तुमसे नाता है।
।। जय श्री श्याम।।
मेरे सांवरे तेरी यादों की नौकरी में दीदार की पगार मिलती है।
खर्च हो जाते हैं अश्क नैनों के, रहमत कहां उधार मिलती है।।
।। जय श्री श्याम।।
वो अक्सर मुझे अपने दर पे बुलाते हैं,
कभी चुपके से अपने दर्शन दे जाते हैं।
कैसे करूँ शुकराना अपने श्याम जी का
जो मांगने से पहले झोलियां भर जाते हैं।
।। जय श्री श्याम।।
अब तो जिन्दगी तेरे बिना उदास लगती है
सांस भी अंदर जाती है तो जख्मों को हवा लगती है
एक बार तो आके देख, कितनी पागल हूं, तेरे लिये सांवरे
ये सांसे, ये मुस्कुराहट तेरे बिना, सजा लगती है।
।। जय श्री श्याम।
मेरे श्याम ना दुनियादारी के झूटी आस से
ना ही धनदौलत के फीके स्वाद से।
अगर जीवन मेरा चल रहा है तो बस
तेरे सच्चे प्यार और आशीर्वाद से।
।। जय श्री श्याम।।
सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा,
फिर मुसाफिर किसी राह में छूट जायेगा।
अभी सांसे चल रही हैं तो ‘जय श्री श्याम’ बोल दिया करो,
क्या पता कब जिन्दगी का साथ छूट जायेगा।
।। जय श्री श्याम।।
Khatu Shyam Ji Shayari 2024
चारों ओर अंधियारा फैला
दिन भी मोहे निश लागे
थाम ले मोहे श्याम तू आके
ना जानू मैं क्या हो आगे
।।जय श्री श्याम।।
मेरे दिन मेरी रात मेरे सवेरे मेरी शाम
मेरे पल पल मेरे क्षण क्षण
यूँ ही रहना मेरे साथ मेरे खाटू वाले बाबा
मैं जीत जाऊँगा जीवन का हर रण
।।जय श्री श्याम।।
मेरे हाथ में कुछ भी नहीं
सब है श्याम तेरे हाथों में
याद किया है हर पल तुझे
क्या दिन क्या रातों में
।।जय श्री श्याम।।
करता हूँ यह नम्र निवेदन
खाटू धाम जाने वालों से
जय श्याम की कहते जाना
हाथ मिलाने वालों से
।।जय श्री श्याम।।
जहाँ तेरे चरण पड़े मेरे बाबा श्याम
वहाँ वहाँ मुझे दिखे उजाला
मैं क्यों डर जाऊँ इन अंधेरों से
मेरा तो रक्षक है सावरिया खाटूवाला
।।जय श्री श्याम।।
बारिश की हर बूँद में ओ साँवरिये
मुझे तेरा ही अक्स नजर आता है
तपती हुई मरूभूमि पर पड़ती बारिश जैसे
तू मेरी रूह में उतर जाता है
।।जय श्री श्याम।।
तेरे नाम की धारा में श्याम खाटूवाले
मेरा रोम रोम बहता जाऐ
यश कीर्ति तेरा गुणगान करूँ
ह्रदय बस श्याम श्याम कहता जाऐ
।।जय श्री श्याम।।
तू है तो मैं हूँ, तेरे बिन मैं कुछ भी नहीं
मेरा तो अस्तित्व तेरे हाथ में
मैं तो बस बाबा यह जानू कि मेरा
कोई क्या बिगाड़े जब तू है मेरे साथ में
।।जय श्री श्याम।।
कुछ तो बात हैं तेरे दरबार में
यहाँ मेला हमेशा लगा रहता है
एक बार जो आये बार बार आये
जाऊँ ना अब यही दिल कहता है
।।जय श्री श्याम।।
प्रेम से बोलो मेल जोल से बोलो
खाटू वाले श्याम का नाम
पुकारेगा जो भी सच्चे मन से
सामने उसके होगा बाबा श्याम
।।जय श्री श्याम।।
Shyam Baba Shayari 2024
कहते हैं डूबते को तिनके का सहारा
वो महान जिसने पार उतारा
मैं तो सबसे यही कहुँ
हारे का सहारा बाबा खाटूश्याम हमारा
।।जय श्री श्याम।।
रहे तो रहे यह चाँद सितारे
रहे तो रहे यह पर्वत नदी यह नजारे
हम तो जब तक ही रहेंगे
जब तक है खाटूश्याम हमारे
।।जय श्री श्याम।।
आज जाना मैंने तुम्हें बाबा
तुम ही हारे के सहारे हो
मन की आँखों से देखो तो जाने
तुम अमावस्या के उजियारे हो
।।जय श्री श्याम।।
श्याम श्याम श्याम
बाबा खाटू श्याम
हारे हुये को जीत मिले
सुलझे हर उलझे काम
।।जय श्री श्याम।।
श्याम श्याम श्याम
बाबा खाटू श्याम
हारे हुये को जीत मिले
सुलझे हर उलझे काम
।।जय श्री श्याम।।
हर साल आऊँ तेरे दरबार
हर साल पाऊँ मैं तेरा दर्शन
तेरे मार्ग दर्शन पर चल कर
निहाल कर लूँ मैं अपना जीवन
।।जय श्री श्याम।।
कमाया क्या जीवन में तूने
जो कमाया ना तूने श्याम नाम धन
जो पाई ना तूने मन में शान्ति
व्यर्थ गया तेरा यह जीवन
।।जय श्री श्याम।।
सारी जन्नतें तेरे कदमों में श्याम
मैं ना माँगु कोई जन्नत
तेरी चरण रज बन चरणों में रहुँ
मैं मानु खुद को खुशकिस्मत
।।जय श्री श्याम।।
सारे बंधन नाम के
एक साँचा तेरा नाम
भूलकर मैं सारी दुनिया
जपता रहुँ बस श्याम श्याम
।।जय श्री श्याम।।
जब जब श्याम दरबार को जाऊँ
मन झूमे तन नाचे होके मगन
धरती भी घीत सुनाये मुझे
संग मेरे लहराये यह नील गगन
।।जय श्री श्याम।।