Liquor Price : भारत के इस राज्य में मिलती है सबसे महंगी शराब, रेट जान कर हैरान हो जाएंगे आप
Sabse mahangi Liquor sharab kaun se state mein hai : क्या आप जानते हैं कि देश में सबसे सस्ती शराब (cheapest liquor in the country) किस राज्य में है? इसका जवाब है गोवा। इस राज्य में शराब की जो बोतल 100 रुपये में मिलती है, उसकी कीमत पड़ोसी राज्य कर्नाटक में 513 रुपये है।
देश में बड़े राज्यों में सबसे महंगी शराब कर्नाटक में मिलती है। वही बोतल आपको दिल्ली में 134 रुपये की, हरियाणा में 147 रुपये की, यूपी में 197 रुपये की राजस्थान में 213 रुपये की, महाराष्ट्र में 226 रुपये की और तेलंगाना में 246 रुपये की मिलेगी। इसकी वजह यह है कि अलग-अलग राज्यों में शराब पर लगने वाला टैक्स (liquor tax) अलग-अलग है। कर्नाटक में यह सबसे ज्यादा 83% है जबकि गोवा में 49% है। दिल्ली में यह 62%, हरियाणा में 47%, यूपी में 66%, राजस्थान में 69%, महाराष्ट्र में 71% और तेलंगाना में 68% है।
Sabse mahangi Liquor sharab kaun se state mein hai
द इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक एनालिसिस के आधार पर यह कीमत सामने आई है। इस कीमत में इम्पोर्ट ड्यूटी को भी शामिल किया गया है जो सभी राज्यों में समान है। लंबे समय से विदेशी कंपनियां वाइन और स्पिरिट्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग कर रही हैं। कई मामलों में यह 150 परसेंट तक है। ये कंपनियां यूके और यूरोपियन यूनियन के साथ चल रही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बातचीत में शराब पर इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी चाहती हैं। लोकल टैक्स के कारण दिल्ली और मुंबई में स्कॉच की कीमत में 20 फीसदी तक का अंतर हो सकता है।
मुंबई बनाम दिल्ली
उदाहरण के लिए दिल्ली में ब्लैक लेबल की एक बोतल की कीमत 3,100 रुपये है जबकि मुंबई में इसकी कीमत 4,000 रुपये के आसपास है। टैक्स में इस भारी अंतर के कारण अक्सर राज्यों के बीच शराब की तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं। अल्कोहल और पेट्रोल-डीजल को अभी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इस कारण हर राज्य में इन पर लगने वाले टैक्स की दर अलग-अलग है। जीएसटी के कारण राज्यों का टैक्स पर कंट्रोल काफी हद तक कम हो गया है। अब उनके पास केवल अल्कोहल, पेट्रोल, डीजल और प्रॉपर्टी टैक्स रह गया है।
यही वजह है कि जब भी किसी राज्य के रेवेन्यू प्रभावित होता है तो वह तुरंत शराब और पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ा देता है। इसी तरह लोकलुभावन योजनाएं चलाने वाले राज्य भी उन पर टैक्स बढ़ा देते हैं। पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार हो रहा है लेकिन अल्कोहल के मामले में दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं दिख रही है। राज्यों में एक्साइज साइकल अगले महीने से शुरू हो रहा है। ऐसे में इंडस्ट्री की इस पर करीबी नजर है।
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