Tulsi को Winter Season में सूखने से बचना चाहते हैं तो जान लें ये Care Tips, सर्दियों में भी हरी भरी रहेगी तुलसी
Sardi Mein Tulsi Ko Kaise Bachaye In Hindi : घरों में पाए जाने वाला एक आम पौधा है तुलसी. तुलसी का पौधा पूजा-पाठ में ही नहीं बल्कि खानपान में भी खूब इस्तेमाल होता है. आज हम आपको Tulsi care in winter, tulsi plant care in winter hindi, how to take care of tulsi plant in winter, sardi mein tulsi ko kaise bachaye, how to keep tulsi plant alive in winter, tulsi ke upay, tulsi care tricks, tulsi care tips, tulsi care, sardiyon me kaise karen tulsi ki dekhbhal, sardi mein tulsi ki dekhbhal kaise karen की जानकारी देंगे। गले में दर्द हो तो तुलसी वाली कड़क चाय पीने का स्वाद ही कुछ और होता है, वहीं काढ़े की तो शान है तुलसी. लेकिन, सर्दियों की शुष्क हवाओं में तुलसी को सूखने से बचाना कभी-कभी मुश्किल लगने लगता है.
सर्दियों में तुलसी की देखभाल कैसे करें
पौधे को बहुत ज्यादा तेज और ठंडी हवाओं से बचाने ते लिए किसी कपड़े से ढका जा सकता है. हालांकि, बहुत ज्यादा देर के लिए या हमेशा के लिए ही ऐसा करके ना छोड़ें क्योंकि तुलसी को धूप लेने की भी आवश्यक्ता होती है.
पानी की मात्रा कितनी होनी चाहिए
सर्दियों में कितनी मात्रा में तुलसी को पानी देना है इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है। अक्सर घरों में यह देखने में आता है कि लोग रोजाना लोटा भरकर पानी तुलसी में डालते हैं। सर्दियों में इतना पानी तुलसी के लिए नुकसानदेह है। सर्दियों में तुलसी के पेड़ में पानी कम मात्रा में दें या फिर जब मिट्टी में नमी हो जाए तब दें। सप्ताह में एक बार गुरुवार के दिन तुलसी की जड़े में थोड़ा सा कच्चा दूध चढ़ाने से उसे आवश्यक नमी मिलती रहेगी।
कितनी धूप लगाएं
तुलसी के पौधे को सर्दियों के मौसम में कम से कम 6 से 8 घंटे धूप लगाने की जरूरत होती है. इसके लिए तुलसी को घर के किनारे पर रखें जहां उसपर सूरज की किरणें (Sunlight) सीधी पड़ें. डायरेक्ट सनलाइट ही तुलसी को सर्दियों में जीवंत रखने में मददगार साबित होगी.
मिट्टी का अनुपात
तुलसी का पौधा रोपते समय मिट्टी के साथ बालू का उपयोग भी करना चाहिए। जिस गमले में तुलसी का पौधा लगा रहे हैं, उसमें पानी निकलने के लिए सही जगह होनी चाहिए ताकि पौधा जड़ से गीला होकर खराब न हो जाए। मिट्टी के साथ मौरंग की एक लेयर गमले में डालें। दोनों का अनुपात 50-50 फीसदी रखें। पौधा रोपने के लिए जैविक खाद के साथ उपजाऊ मिट्टी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
पानी का अनुपात
किसी भी पौधे को हरा भरा रखने के लिए धूप, खाद और पानी तीनों की जरूरत होती है। तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्व होने के कारण सामान्य तौर पर लोग सुबह स्नान के बाद तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाते हैं। परिवार के कई सदस्य लोटा भरकर पौधे में पानी देते हैं। पानी की अधिकता के कारण पौधा खराब हो सकता है। इसलिए अगर रोज जल चढ़ाते हैं तो मिट्टी सूखने के बाद ही जल चढ़ाएं या थोड़ा थोड़ा जल दें। मिट्टी की गुड़ाई करते रहें ताकि पौधे को उचित ऑक्सीजन मिलता रहे।
पानी का तापमान
सर्दियों में ठंडे पानी से स्नान करने में लोगों को कंपन महसूस होती है और ठंडा पानी शरीर को नीला कर देता है। पौधे बहुत नाजुक होते हैं। अधिक ठंडा पानी पौधे को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए तुलसी के पौधे को सर्दियों में जल दे रहे हैं तो ताजा पानी का उपयोग करें। ताजे पानी में कुछ गर्माहट होती है। चाहें तो कच्चा दूध मिलाकर जल से तुलसी को सींच सकते हैं। यह पेड़ को हरा भरा रखने में मदद करता है।
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ओस से बचाएं
सर्दियों में रात के समय गिरने वाली ओस पौधे को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए शाम के समय जब तापमान कम होने लगे और ओस गिरने लगे तो तुलसी के पौधे को सूती कपड़े से ढक कर रखें। चाहें तो पौधे को खुले आसमान में रखने के बजाय किसी शेड के नीचे भी रख सकते हैं।
तुलसी में खाद कौन सी डालें
तुलसी के पेड़ में कभी भी यूरिया या फिर अन्य कृत्रिम खाद नहीं डालनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं वाले इस पौधे में गोबर की खाद या फिर जैविक खाद का ही प्रयोग करें। बीच-बीच में चाकू से जड़ों की तरफ हल्की-हल्की गुड़ाई भी करते रहें। ऐसा करने से तुलसी के पेड़ की जड़ तक पोषण पहुंचता है।