Hyderabad No AC campaign: हैदराबाद में ओला, उबर, रैपिडो ड्राइवरों का 'नो एसी कैंपेन' 24 मार्च से शुरू होगी अनोखी हड़ताल

पिछले साल अप्रैल 2024 में भी TGPWU ने ऐसा ही एक 'नो एसी अभियान' चलाया था। उस दौरान ड्राइवरों ने बताया था कि प्रति किलोमीटर कमाई ₹10-12 के आसपास रहती है, जबकि एयर कंडीशनर (AC) चलाने की लागत ₹16-18 प्रति किमी तक पहुंच जाती है। इस वजह से ड्राइवरों को हर किलोमीटर पर घाटा सहना पड़ रहा है। अब, जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, यह मुद्दा फिर से चर्चा में है।
Hyderabad No AC campaign कैब ड्राइवरों की मांगें और चुनौतियां
तेलंगाना के कैब ड्राइवरों का कहना है कि हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सवारी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो वापसी की सवारी के लिए 3-4 घंटे तक रुकना पड़ता है। इस दौरान उन्हें न सिर्फ समय की हानि होती है, बल्कि किराए का 30% हिस्सा कमीशन के रूप में एप्लिकेशन को देना पड़ता है। इसके अलावा, प्रीपेड टैक्सी किराए और एग्रीगेटर किराए में ₹300-400 का अंतर भी ड्राइवरों के लिए नुकसान का कारण बन रहा है।
गर्मी बढ़ने से ग्राहकों की परेशानी
हैदराबाद में बढ़ती गर्मी के बीच ग्राहकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ड्राइवरों का कहना है कि AC चलाने से ईंधन की खपत बढ़ती है, जिससे उनकी कमाई पर और असर पड़ता है। TGPWU ने ग्राहकों से अपील की है कि वे ड्राइवरों की इस मजबूरी को समझें और AC सेवाओं के लिए टिप देकर उनकी मदद करें। यूनियन का कहना है कि यह कैंपेन सिर्फ ड्राइवरों के हित में नहीं, बल्कि एक बेहतर और निष्पक्ष सिस्टम की मांग के लिए भी है।
हड़ताल का असर और भविष्य
हैदराबाद में 24 मार्च से शुरू होने वाला यह 'नो एसी कैंपेन' शहर की सड़कों पर बड़ा बदलाव ला सकता है। ड्राइवरों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे भविष्य में और सख्त कदम उठा सकते हैं। क्या यह अभियान कैब एग्रीगेटर्स को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करेगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
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