Ram Mandir Update: अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन जलाएं दीपक, जानें क्या हैं नियम 

Ghar Me Deepak Jalane Ke Niyam: राम मंदिर अयोध्या में 22 जनवरी को कार्यक्रम हैं। घर में दीया जलाने के कुछ नियम होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, नियमानुसार दीया जलाने से ही फायदे होते हैं। 
 

Haryana News Post, (नई दिल्ली) Ram Mandir Diya Lighting Tips: 22 जनवरी को राम मंदिर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन देश में दिवाली की तरह उत्सव मनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से प्राण प्रतिष्ठा के दिन घर में दीये जलाकर जश्न मनाने की अपील की है। दिवाली की तरह घरों और मंदिरों को रोशन करने को कहा है।

सनातन धर्म के अनुसार, त्योहारों पर, खास मौके पर या हर रोज शाम को घर में दीया जलाने से सुख शांति और बरकत बनी रहती है।

वहीं शास्त्रों के अनुसार, घर में दीया जलाकर अग्नि देव की पूजा की जाती है। रोज घर में दीया जलाने से वास्तु दोष खत्म होता है, लेकिन दीया जलाते समय कुछ नियमों का पालन अनिवार्य है।

इससे सुख-शांति भंग नहीं होगी और आर्थिक फायदा भी होगा। देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलेगा।

दीया जलाते समय क्या करना चाहिए

दीया टूटा हुआ या क्रैक नहीं होना चाहिए। दीया खंडित होना अशुभ माना चाहता है। इससे नकारात्मकता आती है और पूजा अधूरी मानी जाती है।

दीया बुझना नहीं चाहिए, अशुभ माना जाता है।

शास्त्रों के अनुसार, घी का दीया भगवान के बाईं तरफ जलाना चाहिए और तेल का दीया दाईं तरफ जलाना चाहिए।

दीया रखते समय भगवान की सही दिशा होने से पूजा का फल अवश्य प्राप्त होता है।

दीये में इस्तेमाल होने वाली बत्ती रुई से बनी हुई और लंबी होनी चाहिए। फूल बत्ती का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।

वहीं दीये की बत्ती को पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखना अशुभ होता है।

शास्त्रों के अनुसार, दीया जलाकर घर के मेन गेट पर रखने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए चमेली के तेल का दीया जलाएं।

शनिदेव को प्रसन्न करने, साढ़ेसाती और ढैया के प्रकोप से बचने को तेल का दीया जलाएं।

राहु-केतु का दोष दूर करने के लिए अलसी के तेल का दीया जलाएं। आर्थिक तंगी दूर करने के लिए मां दूर्गा के सामने दीया जलाएं।

दीया जलाते समय मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए। ‘शुभम् करोति कल्याणम् आरोग्यम् धन संपदा शत्रुबुद्धि विनाशाय दीप ज्योतिर नमो़स्तुते श्लोक का जाप करें’।

साधना, तप या सिद्धि करने का संकल्प लिया है तो आटे का दीया जलाना चाहिए।

दीया जलाने का सही समय सुबह 5 से 10 बजे और शाम को 5 से 7 बजे के बीच होता है।

शास्त्रों के अनुसार, दीया जमीन पर नहीं रखना चाहिए। इसे चावल के ढेर या किसी भी ऊंची चीज पर रखें।

दीया पूजा शुरू करने से पहले जलाना चाहिए। अगर बीच में जलाया गया तो यह शुभ नहीं माना जाता।

Ayodhya Ram Mandir News : ब्रह्म हत्या का पाप उतारने ऋषिकेश के ब्रह्मपुरी आए थे भगवान राम