Aaj ka Rashifal: 3 जनवरी 2023 काे कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा
Aaj ka Rashifal: (Happy New Year 2023) आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है। यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं astrology tips और shubh muhurat तथा nakshtra और dishashul के बारे में भी बताया जाएगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
सुख के साधन जुटेंगे। भूमि व भवन की योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान की प्रगति होगी। व्यापार-व्यवसाय में प्रगतिकारक वातावरण का सृजन होगा। पारिवारिक स्थिति आनंददायक रहेगी। मन प्रफुल्लित रहेगा।
वृष
विवाद व जल्दबाजी से बचें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। अधूरे काम समय से पूरे होने के योग हैं। नए कार्यों से लाभ के मार्ग प्रशस्त होंगे। धन का संग्रह होगा।
Swami Vivekananda के कोट्स और मैसेज भेजकर युवाओं को दिखाएं प्रगति का मार्ग
मिथुन
तीर्थयात्रा हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। वरिष्ठजनों का सहयोग मिलेगा। नवीन योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए दिन अच्छा होने की संभावना है। प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। परिवार में मेल-मिलाप बढ़ेगा। अधिकारी वर्ग में महत्व बढ़ेगा।
कर्क
संतान पक्ष की चिंता रहेगी। चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। खर्च का बोझ बढ़ेगा। किसी पर अत्यधिक भरोसा न करें। व्यापार, नौकरी में अड़चनें आने से मनोबल में कमी आ सकती है।
सिंह
प्रेम में सफलता मिलेगी। प्रयास सफल रहेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। मान-सम्मान मिलेगा। धनार्जन होगा। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सुख एवं पत्नी के सहयोग से मन प्रसन्न रहेगा। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। किसी से बहस न करें। काम-धंधे में सफलता के शुभ संकेत हैं।
कन्या
लेनदारी वसूल होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। राज्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष लाभ का योग है। आर्थिक उन्नति होगी। सामाजिक उत्तरदायित्व की पूर्ति करेंगे। ईश्वर के प्रति श्रद्धा बढ़ेगी।
तुला
प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। बाहर सहायता से काम होंगे। प्रसन्नता रहेगी। संतान के संबंध में संतोष रहेगा। व्यावसायिक अथवा आजीविका संबंधी समस्या का समाधान हो सकेगा। पुरुषार्थ का पूर्ण फल मिलेगा। थकान रहेगी। शत्रु भय रहेगा।
वृश्चिक
यात्रा में सावधानी रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। दु:खद समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर संयम रखें। विरोधियों से सावधान रहें। परिवार की परेशानी का हल संभव है। भागीदारी के कामों में सफलता मिलेगी।
धनु
अतिथियों का आवागमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। आत्मसम्मान बना रहेगा। सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभा सकेंगे। पारिवारिक सुख-शांति बरकरार रहेगी। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। यात्रा होगी।
मकर
कुसंगति से बचें। फालतू खर्च होंगे। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें। संतान की गतिविधियों पर नजर रखना होगी। कामकाज का बोझ बढ़ने से व्यापार पर विपरीत असर हो सकता है। वाद-विवाद से दूर रहें।
कुंभ
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। माता के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना आवश्यक। पुराने रुके कामों, लेनदेन में सफलता की संभावना है। रोमांस में सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों को शिक्षा में उपलब्धि हासिल होने के योग हैं।
मीन
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम उठाएं। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। सोच-समझकर कार्य करना लाभप्रद रहेगा। पुरुषार्थ सफल होगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखना चाहिए। व्यापार में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे।
दिनाँक:-03/01/2023, मंगलवार
द्वादशी, शुक्ल पक्ष,
पौष
(समाप्ति काल)
तिथि--------- द्वादशी 22:01:20 तक
पक्ष-------------------------शुक्ल
नक्षत्र----------कृत्तिका 16:24:41
योग-------------- शुभ 31:04:54
करण-------------- बव 09:09:07
करण----------- बालव 22:01:20
वार--------------------- मंगलवार
माह------------------------- पौष
चन्द्र राशि--------------------वृषभ
सूर्य राशि--------------------- धनु
रितु------------------------ शिशिर
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------ शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)---------------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत----------------- 1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:11:31
सूर्यास्त--------------- 17:35:43
दिन काल------------- 10:24:12
रात्री काल------------- 13:36:00
चंद्रोदय--------------- 14:41:24
चंद्रास्त---------------- 28:54:57
लग्न---- धनु 18°13' , 258°13'
सूर्य नक्षत्र--------------- पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र---------------- कृत्तिका
नक्षत्र पाया------------------- लोहा
पद, चरण
उ---- कृत्तिका 09:51:58
ए---- कृत्तिका 16:24:41
ओ---- रोहिणी 22:58:41
वा---- रोहिणी 29:33:52
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=धनु 18 : 29 पू oषाo , 2 धा
चन्द्र =वृषभ 05°23, कृतिका , 3 उ
बुध =धनु 28 ° 34' उ o षाo ' 1 भे
शुक्र=मकर 05°05, उ o षाo ' 3 जा
मंगल=वृषभ 14°30 ' रोहिणी' 2 वा
गुरु=मीन 07°30 ' उ o भा o, 2 थ
शनि=मकर 28°43 ' धनिष्ठा ' 2 गी
राहू=(व) मेष 16°00 भरणी , 2 ली
केतु=(व) तुला 16°00 विशाखा , 3 रो
शुभा शुभ मुहूर्त
राहू काल 14:59 - 16:18 अशुभ
यम घंटा 09:48 - 11:06 अशुभ
गुली काल 12:24 - 13:42 अशुभ
अभिजित 12:03 - 12:44 शुभ
दूर मुहूर्त 09:16 - 09:58 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:02 - 23:44 अशुभ
वर्ज्यम 33:58* - 35:44* अशुभ
चोघडिया, दिन
रोग 07:12 - 08:30 अशुभ
उद्वेग 08:30 - 09:48 अशुभ
चर 09:48 - 11:06 शुभ
लाभ 11:06 - 12:24 शुभ
अमृत 12:24 - 13:42 शुभ
काल 13:42 - 14:59 अशुभ
शुभ 14:59 - 16:18 शुभ
रोग 16:18 - 17:36 अशुभ
चोघडिया, रात
काल 17:36 - 19:18 अशुभ
लाभ 19:18 - 20:59 शुभ
उद्वेग 20:59 - 22:42 अशुभ
शुभ 22:42 - 24:24* शुभ
अमृत 24:24* - 26:06* शुभ
चर 26:06* - 27:48* शुभ
रोग 27:48* - 29:30* अशुभ
काल 29:30* - 31:12* अशुभ
होरा, दिन
मंगल 07:12 - 08:04
सूर्य 08:04 - 08:56
शुक्र 08:56 - 09:48
बुध 09:48 - 10:40
चन्द्र 10:40 - 11:32
शनि 11:32 - 12:24
बृहस्पति 12:24 - 13:16
मंगल 13:16 - 14:08
सूर्य 14:08 - 14:59
शुक्र 14:59 - 15:52
बुध 15:52 - 16:44
चन्द्र 16:44 - 17:36
होरा, रात
शनि 17:36 - 18:44
बृहस्पति 18:44 - 19:52
मंगल 19:52 - 20:59
सूर्य 20:59 - 22:08
शुक्र 22:08 - 23:16
बुध 23:16 - 24:24
चन्द्र 24:24* - 25:32
शनि 25:32* - 26:40
बृहस्पति 26:40* - 27:48
मंगल 27:48* - 28:56
सूर्य 28:56* - 30:04
शुक्र 30:04* - 31:12
उदयलग्न प्रवेशकाल
धनु > 04:54 से 07:04 तक
मकर > 07:04 से 08:44 तक
कुम्भ > 08:44 से 10:18 तक
मीन > 10: 18 से 11:46 तक
मेष > 11:46 से 13:26 तक
वृषभ > 13:26 से 17:44 तक
कर्क > 17:44 से 19:54 तक
सिंह > 19:54 से 22:10 तक
कन्या > 22:10 से 00:20 तक
तुला > 00:20 से 03:28 तक
वृश्चिक > 02:28 से 04:44 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
अग्नि वास ज्ञान
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
12 + 3 + 1 = 16 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल
12 + 12 + 5 = 19 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
भद्रा वास एवं फल
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
विशेष जानकारी
* सर्वार्थ सिद्धि 16:25 तक
* छप्पन भोग गरुण गोविन्द छटीकरा
शुभ विचार
दर्शनाध्यानसंस्पर्शैर्मत्सी कूर्मी च पक्षिणी ।
शिशुपालयते नित्यं तथा सज्जनसड्गतिः ।।
।। चा o नी o।।
जैसे मछली दृष्टी से, कछुआ ध्यान देकर और पंछी स्पर्श करके अपने बच्चो को पालते है, वैसे ही संतजन पुरुषों की संगती मनुष्य का पालन पोषण करती है.
सुभाषितानि
गीता -: विभूति योग अo-10
सर्वमेतदृतं मन्ये यन्मां वदसि केशव ।,
न हि ते भगवन्व्यक्तिं विदुर्देवा न दानवाः ॥,
हे केशव! जो कुछ भी मेरे प्रति आप कहते हैं, इस सबको मैं सत्य मानता हूँ।, हे भगवन्! आपके लीलामय (गीता अध्याय 4 श्लोक 6 में इसका विस्तार देखना चाहिए) स्वरूप को न तो दानव जानते हैं और न देवता ही॥,14॥,
हमें ट्विटर और गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें