IPL 2023 : आईपीएल से इस कारण बाहर हुए वाशिंगटन सुंदर, सनराइजर्स हैदराबाद की नींद उड़ी

Washington Sundar injury: सनराइजर्स हैदराबाद के हरफनमौला वाशिंगटन सुंदर हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण गुरुवार को आईपीएल के बाकी मैचों से बाहर हो गए जिससे खराब फॉर्म से जूझ रही उनकी टीम को एक और झटका लगा है। टीम ने सुंदर की चोट और बाकी सत्र के लिये उनके उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी।
सनराइजर्स टीम ने ट्वीट किया, वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) हैमस्ट्रिंग चोट के कारण आईपीएल 2023 के बाकी मैच नहीं खेल सकेंगे। उनके जल्दी स्वस्थ होने की कामना। सुंदर ने अभी तक सात मैचों में 8 . 26 की इकॉनामी से तीन विकेट लिये और 60 रन बनाए। सनराइजर्स सात मैचों में महज दो जीत के बाद दस टीमों में नौवे स्थान पर है।
🚨 INJURY UPDATE 🚨
— SunRisers Hyderabad (@SunRisers) April 27, 2023
Washington Sundar has been ruled out of the IPL 2023 due to a hamstring injury.
Speedy recovery, Washi 🧡 pic.twitter.com/P82b0d2uY3
वाशिंगटन सुंदर के रिकॉर्ड
Stats of Washington Sundar: भारत के उभरते क्रिकेटर वाशिंगटन सुन्दर बांये हाथ के आक्रामक बल्लेबाज और दांये हाथ के शानदार स्पिन गेंदबाज हैं।
तमिलनाडु के रहने वाले इस युवा आलराउंडर (Washington Sundar) ने बहुत कम समय में भारतीय टीम में अपने शानदार खेल की बदौलत जगह बना ली है।
पिता भी रहे चुके है रणजी खिलाड़ी
तमिलनाडु के डिंडीगुल में 5 अक्टूबर 1999 को वाशिंगटन सुंदर का जन्म हुआ था। सुंदर एक बहन एक भाई हैं। क्रिकेट से इनका पुराना नाता रहा। पिता एम. सुंदर (मणि सुंदर) रणजी खिलाड़ी रह चुके हैं।
अब एक क्रिकेट क्लब भी चलाते हैं। बहन शैलजा सुंदर भी भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं। पिता ने बचपन से वाशिंगटन सुंदर को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया।
लेकिन सुंदर जब 4 साल के थे तो वो एक कान से सुन नहीं सकते थे। परिवारजनों ने सुंदर का कई अस्पतालों में इलाज करवाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
डॉक्टर ने कहा कि सुंदर की यह बीमारी ठीक नहीं हो सकती है। इस बात से सुंदर को बहुत सदमा पहुंचा। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। और वे लगातार मेहनत करते रहे।
वाशिंगटन जुड़ने के पीछे की कहानी क्या
सुंदर के पिता बताते हैं कि 'हमारा परिवार बहुत गरीब था। घर के पास दो गली छोड़कर एक रिटायर्ड आर्मी अफसर पीडी वाशिंगटन रहते थे। वो क्रिकेट में बहुत रूचि लेते थे।
जब हम मैदान पर मैच खेलते। तब वह हमारा मैच देखने आते थे। धीरे-धीरे हम दोनों में काफी अच्छा रिश्ता बन गया। वाशिंगटन मेरे लिए यूनिफॉर्म खरीदते थे।
स्कूल की फीस भरते थे, किताबें लाते, अपनी साइकिल पर बैठा कर मुझे खेल के मैदान ले जाते थे। उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया। मेरे लिए बहुत कुछ किया। वे हमारे गॉड फादर थे।
जब हमारा सिलेक्शन रणजी की संभावित टीम में हुआ। तब वाशिंगटन बहुत खुश हुए थे। तभी अचानक से 1999 में वाशिंगटन दुनिया से चले गए। इसके कुछ समय बाद हमारे बेटे सुंदर का जन्म हुआ।
बेटे के जन्म से पहले ही हमने तय कर लिया था कि उसका नाम पीडी वाशिंगटन के नाम पर जरूर रखेंगे। इस तरह एम सुंदर ने बेटे का नाम वाशिंगटन सुंदर रख दिया।
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