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Venkatesh Iyer Success story: सीए की पढ़ाई बीच में छोड़ क्रिकेट चुना, आइपीएल में लगाया शतक

Venkatesh Iyer Success story: सीए की पढ़ाई बीच में छोड़ क्रिकेट चुना, आइपीएल में लगाया शतक
Venkatesh Iyer Biography: वेंकटेश अय्यर बीकॉम के छात्र रहे हैं। आईपीएल में शुरुआत करने से पहले वे चार्टर्ड अकाउंटेंट की तैयारी कर रहे थे। उनका रुझान क्रिकेट की तरफ था और इसलिए उन्‍होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट की जगह क्रिकेट को चुना। आइए जानते हैं क्‍या है उनकी सफलता की कहानी।

Who is Venkatesh Iyer: आइपीएल 2023 के 16वें सीजन का 22वां मुकाबला (16 अप्रैल) मुंबई इंडियंस (एमआई) और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दोपहर 3: 30 खेला गया था। मैच शुरू होने से अर्जुन तेंदुलकर की चर्चा काफी जोरों पर थी।

मगर जैसे मैच आगे बढ़ा तो चर्चा मध्य प्रदेश इंदौर के वेंकटेश अय्यर की होने लगी। क्योंकि वेंकटेश ने 51 गेंद पर 6 चौके और 9 छक्कों की मदद से 104 रन बनाए। वे आइपीएल में शतक लगाने वाले केकेआर के पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए। तो चलिए जानेंगे वेंकटेश अय्यर के बारे में।

सीए छोड़ क्रिकेट चुना

वेंकटेश अय्यर का जन्म 25 दिसंबर 1994 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। मध्य प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले वेंकटेश बीकॉम के छात्र रहे हैं। साथ ही चार्टर्ड अकाउंटेंट की तैयारी भी की। सीए के फाइनल तक पहुंचे। फिर उनके पास एक ऑप्शन था क्रिकेट खेलें या सीए के फाइनल में बैठे।

प्रथम श्रेणी मैचों में उनका खेलना तय लग रहा था। क्योंकि तब तक उन्होंने एमपी के लिए टी-20 और एक दिवसीय मैच खेल चुके थे। ऐसे में उन्होंने सीए फाइनल छोड़ दिया और क्रिकेट चुना। बाद में उन्होंने एमबीए में दाखिला लिया था और पढ़ाई जारी की।

10 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया

वेंकटेश बताते हैं कि मैंने क्रिकेट अपनी मां के कहने पर खेलना शुरू किया। शायद उन्हें यह चिंता थी कि सारा दिन घर में पढ़ाई करने से मेरे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा। मेरी मां ने मुझे क्रिकेट खेलने के लिए हमेशा प्रेरित किया। आज यहां तक मैं अपनी मां की वजह से पहुंचा हूं। वेंकटेश ने 10 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था।

वे शुरूआत में सिर्फ टाइम पास के लिए क्रिकेट खेला करते थे। लेकिन जब धीरे-धीरे उन्हें मजा आने लगा। तब उन्होंने पढ़ाई करने के साथ एक क्रिकेट अकादमी ज्वाइन कर ली थी। वे क्रिकेट को भी अपने करियर ऑप्शन के तौर में देखने लगे।

पढ़ाई और क्रिकेट एक साथ जारी रखा

एक इंटरव्यू में वेंकटेश कहते हैं कि मैंने कई परीक्षाएं दी और मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने ऐसे कॉलेज ज्वाइन किया। जहां पढ़ाई अच्छी होती थी। साथ ही मैं क्रिकेट खेलना जारी रखा। दोनों को एक साथ करने में मुझे कोई मुश्किल नहीं हुई। मैं एक होनहार छात्र था। अगर क्रिकेट नहीं खेलता तो शायद आईआईटी या आईआईएम में चला जाता। लेकिन मैं पढ़ाई के साथ क्रिकेट खेलता रहा।

वे कॉलेज में जब तक रहते तब तक पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करते। जब क्रिकेट ग्राउंड पर होते तो उनके दिमाग में सिर्फ क्रिकेट ही रहता था। दोनों में सामंजस्य बैठाना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने कर दिखाया। जब वेंकटेश की एमबीए परीक्षाएं चल रही थीं। तब वे छत्तीसगढ़ के खिलाफ अभ्यास मैच खेल रहे थे।

साल 2018 में फर्स्ट क्लास मैच में डेब्यू किया

एक दिन जब वे परीक्षा देकर ग्राउंड पहुंचे तो उनकी टीम का स्कोर 60 रन पर 6 विकेट था। जब वे बल्लेबाजी करने गए तो उनके दिमाग में परीक्षा की बातें चल रही थीं। लेकिन मैदान पर उतरते ही सिर्फ क्रिकेट के बारे में सोचने लगे। उस मैच में उन्होंने शतक बनाए थे। वेंकटेश अय्यर ने साल 2015 में घरेलू मैच खेलना शुरू कर दिया। आगे वेंकटेश क्रिकेट में ही अपना करियर बनाने का सपना देखने लगे थे।

साल 2018 में उन्हें बेंगलरु की एक कंपनी से नौकरी का ऑफर भी आया। लेकिन उन्होंने उस ऑफर को ठुकरा दिया था। इसके कुछ दिनों बाद ही वेंकटेश को मध्य प्रदेश की रणजी मैच में कप्तानी करने का मौका मिला था। साल 2018 में फर्स्ट क्लास मैच में डेब्यू किया। लेकिन साल 2020-21 में अपने धमाकेदार प्रदर्शन से वे चर्चा में आए। वेंकटेश ने पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी फिर विजय हजारे ट्रॉफी में एक के बाद एक शानदार पारी खेली।

पहला आईपीएल 2021 में खेला

वेंकटेश को पहली बार आईपीएल 2021 में खेलने का मौका मिला था। वेंकटेश ने डेब्यू मैच में शानदार बल्लेबाजी की और छा गए। उन्होंने अहम मुकाबले में केकेआर को जीत दिला दी। वेंकटेश ने महज 27 बॉल पर तूफानी पारी खेलते हुए 41 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने 7 चौके और 1 छक्के लगाए। उनका स्ट्राइक रेट भी 150 के पार था। 26 साल के वेंकटेश बाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज होने के साथ दाएं हाथ के तेज गेंदबाज भी हैं। 

बेहतरीन ऑलराउंडर हैं वेंकटेश अय्यर

वेंकटेश ने अब तक 10 फर्स्ट क्लास मैच के 15 इनिंग में 545 रन बनाए हैं। वहीं 7 विकेट भी लिए हैं। लिस्ट-अ के 24 मैचों में 47.16 की औसत से 849 रन बना चुके हैं। जिसमें दो शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। वहीं 10 विकेट भी चटका चुके हैं। क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट टी-20 में अब तक 39 मैच खेले हैं।

इस दौरान दौरान उन्होंने 38.25 की औसत से 765 रन बना चुके हैं। उनका स्ट्राइक रेट 138.33 का रहा है। दो पचास भी उनके नाम हैं। वहीं वेंकटेश ने बढ़िया गेंदबाजी करते हुए 21 विकेट भी अपने नाम किए हैं।


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