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Holika Dahan 2025: होलिका दहन की पवित्र आग को कौन जलाता है और इसमें क्या-क्या डाला जाता है, जानें पूरी जानकारी

Holika Dahan 2025: होलिका दहन की पवित्र आग को कौन जलाता है और इसमें क्या-क्या डाला जाता है, जानें पूरी जानकारी
What to put in holika dahan fire: होलिका दहन 2025, 13 मार्च को रात 11:26 से 12:30 बजे के शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा। घर के बुजुर्ग होलिका दहन की आग जलाते हैं। इसमें सूखा नारियल, गेहूं की बालियां, गोबर के उपले आदि डाले जाते हैं। पूजा मंत्र और रस्मों से त्योहार खास बनता है।

Holika Dahan 2025 ki aag mein kya kya dalna chahiye: होलिका दहन का त्योहार भारत में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हर साल होली से एक दिन पहले, शुभ मुहूर्त में लोग होलिका की अग्नि जलाते हैं और इसकी तैयारी में कई खास रस्में निभाते हैं। क्या आपने कभी सोचा कि होलिका दहन की आग कौन जलाता है और इस पवित्र अग्नि में किन-किन चीजों को डाला जाता है? आइए, हम आपको इस परंपरा के बारे में विस्तार से बताते हैं, जिसमें अनुभव और धार्मिक मान्यताओं का समावेश है।

Holika Dahan 2025 : होलिका दहन की आग कौन जलाता है?

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, होलिका दहन की अग्नि को घर के सबसे बुजुर्ग सदस्य द्वारा जलाया जाना शुभ माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी जिंदगी का अनुभव और समझ इस रस्म को और पवित्र बनाती है। अगर घर में कोई बुजुर्ग न हो, तो पंडित जी से यह कार्य करवाया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि छोटी उम्र के लोगों को यह जिम्मेदारी देने से बचना चाहिए, ताकि परंपरा का सम्मान बना रहे।

होलिका दहन की अग्नि में क्या-क्या डालें?

होलिका दहन की आग में कई खास चीजें डाली जाती हैं, जो न सिर्फ परंपरा का हिस्सा हैं, बल्कि इनके पीछे स्वास्थ्य और आध्यात्मिक लाभ भी छिपे हैं। इनमें शामिल हैं:

  • सूखा नारियल: समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक।
  • गेहूं की बालियां: अच्छी फसल और खुशहाली की कामना के लिए।
  • गोबर के उपले: पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी।
  • काले तिल: नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए।
  • चंदन: शुद्धता और सुगंध के लिए।
  • पीली सरसों: ग्रह दोष से मुक्ति के लिए।
  • अक्षत: अखंडता का प्रतीक।
  • ताजे फूल: भक्ति और सौंदर्य का संदेश।
  • साबुत मूंग की दाल: जीवन में संतुलन के लिए।
  • हल्दी के टुकड़े: शुभता और रोग निवारण के लिए।
  • गाय के गोबर की माला: आध्यात्मिक शक्ति के लिए।

इसके अलावा, लोग अपने शरीर पर उबटन लगाते हैं और फिर उसे उतारकर अग्नि में डालते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से बीमारियां और ग्रह दोष दूर होते हैं।

होलिका दहन 2025 का शुभ मुहूर्त

होलिका दहन 2025 का आयोजन 13 मार्च को होगा। इस बार शुभ मुहूर्त रात 11:26 बजे से शुरू होकर देर रात 12:30 बजे तक रहेगा। इस समय में पूजा और अग्नि प्रज्वलन करना सबसे उत्तम माना जाता है।

होलिका दहन पूजा मंत्र

होलिका दहन के दौरान इन मंत्रों का जाप करने से विशेष फल मिलता है:

  • "ऊं नृसिंहाय नम:"
  • "अनेन अर्चनेन होलिकाधिष्ठातृदेवता प्रीयन्तां नमम्।।"
  • "वन्दितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्राणा शंकरेण च। अतस्त्वं पाहि नो देवि विभूतिः भूतिदा भव।।"

होलिका दहन का यह पर्व न केवल परंपरा है, बल्कि यह हमें एकजुटता और सकारात्मकता का संदेश भी देता है। अगर आप भी इस बार होलिका दहन की तैयारी कर रहे हैं, तो इन रस्मों को अपनाकर इसे और खास बनाएं।


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