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Haryana Weather Alert: फसलों पर जमा पाला, इन 8 शहरों में 5 डिग्री से नीचे पहुंचा तापमान

Haryana Weather Alert: फसलों पर जमा पाला, इन 8 शहरों में 5 डिग्री से नीचे पहुंचा तापमान
Haryana Weather Alert: मौसम विभाग ने रेवाड़ी, झज्जर, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, रोहतक और चरखी दादरी के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया है।

Haryana Weather Alert: हरियाणा में पिछले 11 दिनों से लगातार ठंड पड़ रही है। हरियाणा के 8 शहर ऐसे हैं जहां न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से कम हो चुका है। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार सुबह सोनीपत सबसे ठंडा जिला रहा। यहां न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं हिसार के बालसमंद का तापमान 2.6 डिग्री दर्ज किया गया।

5 डिग्री से नीचे पहुंचा तापमान

इसके अलावा हिसार में 2.8, नारनौल में 2.8, सिरसा में 3.2, महेंद्रगढ़ में 4, जींद में 4.2 डिग्री, रोहतक में 4.9 और भिवानी व करनाल में 5.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

वहीं प्रदेश के 10 जिलों में आज सुबह धुंध छाई हुई हैं। इनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत, सोनीपत, पलवल, जींद, नूंह, महेंद्रगढ़, हिसार और कैथल शामिल हैं। जींद में विजिबिलिटी 20 मीटर से भी कम रही। कैथल में धुंध के साथ फसलों पर पाला भी जमा है।

फसलों पर जमा पाला

इन जिलों में 10 से 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवाएं भी चल रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक आज (19 दिसंबर) को 7 जिलों में शीतलहर चल रही है। इनमें करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा, जींद, फतेहाबाद, हिसार और भिवानी शामिल हैं।

मौसम विभाग ने रेवाड़ी, झज्जर, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, रोहतक और चरखी दादरी के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया है।

फसलों पर जमा पाला: एक किसान की चिंता

ठंड के मौसम में किसानों के लिए पाला एक बड़ी चुनौती होता है। जब तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, तो पौधों पर जमी ओस जम जाती है, जिसे पाला कहते हैं। यह पाला पौधों के लिए बेहद हानिकारक होता है और इससे फसल को काफी नुकसान हो सकता है।

पाला क्यों होता है?

तापमान में अचानक गिरावट: जब रात में तापमान अचानक शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, तो पौधों पर मौजूद नमी जमकर बर्फ बन जाती है।
आर्द्रता: अधिक आर्द्रता होने पर पाले की संभावना बढ़ जाती है।
साफ आसमान: साफ आसमान में गर्मी जल्दी से अंतरिक्ष में चली जाती है, जिससे तापमान तेजी से गिरता है।

पाला से फसलों को क्या नुकसान होता है?

पत्तियों का झुलसना: पाला पत्तियों को जला देता है और वे सूख जाती हैं।
तनों का क्षतिग्रस्त होना: तने भी पाले से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं।
फूलों का गिरना: पाला फूलों को भी नुकसान पहुंचाता है, जिससे फसल का उत्पादन कम हो जाता है।
जड़ों का क्षतिग्रस्त होना: गंभीर पाले में जड़ें भी क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जिससे पौधे मर जाते हैं।

पाले से फसलों को कैसे बचाएं?

सिंचाई: पाले की आशंका होने पर फसलों में हल्की सिंचाई करें। इससे पौधों के आसपास का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है और पाला कम लगता है।
धुआं: खेतों में धुआं करके भी पाले से फसलों को बचाया जा सकता है। धुआं हवा में नमी को सोख लेता है और तापमान को थोड़ा बढ़ा देता है।
पौधों को ढकना: पौधों को पुआल, कपड़े या प्लास्टिक की शीट से ढककर भी पाले से बचाया जा सकता है।
पालीहाउस का उपयोग: पालीहाउस में उगाई गई फसलें पाले से सुरक्षित रहती हैं।
जैविक खाद: जैविक खाद का उपयोग करने से पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है, जिससे वे पाले का प्रभाव आसानी से सहन कर सकते हैं।

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