Chhattisgarh Naxal Policy 2025: छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या से निपटने के लिए नई नीति को हरी झंडी

Chhattisgarh Naxal Policy approved to solve naxal problem: छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए एक नया कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में "छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025" को मंजूरी दी गई। यह नीति पुरानी "छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023" की जगह लेगी। इस पहल का मकसद नक्सलियों को हथियार डालने के लिए प्रेरित करना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है, साथ ही हिंसा से प्रभावित लोगों को सहारा देना भी है।
Chhattisgarh Naxal Policy 2025 क्या है?
इस नई नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को कई तरह की मदद दी जाएगी। इसमें नकद आर्थिक सहायता, पुनर्वास के लिए व्यवस्था, शिक्षा और नौकरी के मौके शामिल हैं। उनकी सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "हमारा लक्ष्य नक्सल समस्या को पूरी तरह खत्म करना है। यह नीति राज्य में शांति और तरक्की की दिशा में एक मजबूत कदम है।"
छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या से निपटने के लिए नई नीति
कैबिनेट ने यह भी फैसला किया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को समाज में फिर से बसाने के लिए खास योजनाएं तैयार की जाएंगी। उन्हें कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, ताकि वे हिंसा छोड़कर सम्मान के साथ जिंदगी बिता सकें। साथ ही, नक्सल हिंसा से पीड़ित लोगों के लिए राहत और पुनर्वास की सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।
यह नीति छत्तीसगढ़ में दशकों से चली आ रही नक्सल समस्या के समाधान के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। सरकार का मानना है कि इससे न सिर्फ नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ा जा सकेगा, बल्कि राज्य में शांति और विकास का रास्ता भी खुलेगा। यह कदम नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया अध्याय साबित हो सकता है।
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