PAN 2.0: पुराने पैन कार्ड और नए पैन 2.0 में क्या है अंतर, जानें खास बातें
Difference between regular PAN and PAN 2.0: भारत सरकार ने एक नया और बेहतर PAN सिस्टम पेश किया है, जिसे PAN 2.0 कहा जा रहा है. इस योजना की घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की और आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है। अब सवाल उठता है कि नया पैन कार्ड पुराने कार्ड से कैसे अलग होगा? आइए जानते हैं आयकर विभाग की इस नई योजना के बारे में।
पुराने पैन कार्ड और नए पैन 2.0 में क्या है अंतर
स्थायी खाता संख्या (पैन) 1972 में पेश की गई थी, और दशकों से करदाता की पहचान के रूप में इसका उपयोग किया जाता रहा है। PAN 2.0 तकनीकी रूप से पुरानी प्रणाली का अपग्रेड होगा, जो सरकार की डिजिटल इंडिया योजना से मेल खाता है।
पैन 2.0 की नई विशेषताएं
केंद्र सरकार इस सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए 1,435 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है. नए पैन कार्ड में एक क्यूआर कोड होगा, जिससे स्कैनिंग आसान हो जाएगी और अधिक ऑनलाइन कार्य किए जा सकेंगे। इस तरह यह सिस्टम पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगा, जिससे सुरक्षा और प्रभावशीलता भी बढ़ेगी.
नई प्रणाली का उद्देश्य करदाताओं को तेज और बेहतर अनुभव प्रदान करना है, जिससे उन्हें अपनी सेवाओं तक अधिक आसानी से और अधिक प्रभावी ढंग से पहुंच प्राप्त हो सके। यह प्रणाली व्यावसायिक गतिविधियों के लिए एक सामान्य पहचान पत्र के रूप में काम करेगी, जो विशिष्ट क्षेत्रों में लागू होगी।
सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत
साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा ताकि बढ़ते खतरों के खिलाफ यह और अधिक प्रभावी हो सके. इस पूरे सिस्टम को कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिल जाएगी, जिससे पर्यावरण की दृष्टि से भी यह योजना काफी फायदेमंद हो जाएगी। इससे सरकार की लागत भी कम होगी.
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