Spadex undocking: अंतरिक्ष में भारत की ताकत, स्पेडेक्स मिशन की सफलता के 5 बड़े कारण

SpaDeX satellites complete space de-docking: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर अंतरिक्ष की दुनिया में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। इसरो ने हाल ही में स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (Spadex) की अनडॉकिंग प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। जनवरी 2025 में शुरू हुए इस मिशन ने पहले ही उपग्रहों की डॉकिंग को सफल बनाया था, और अब अनडॉकिंग की सफलता ने इसे ऐतिहासिक बना दिया। इसरो ने इसे भारत के लिए गर्व का पल बताया है।
Spadex undocking: मिशन का घटनाक्रम
इसरो ने इस मिशन में कई अहम चरणों को पार किया। एसडीएक्स-2 (SDX-2) एक्सटेंशन को सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जिसमें कैप्चर लीवर 3 को निर्धारित योजना के अनुसार रिलीज किया गया। इसके बाद एसडीएक्स-2 से कैप्चर लीवर को अलग किया गया और फिर एसडीएक्स-1 (SDX-1) व एसडीएक्स-2 के लिए डिकैप्चर कमांड जारी किए गए। इन सभी कदमों ने इस मिशन की तकनीकी दक्षता को साबित किया।
इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारत ने अंतरिक्ष के इतिहास में अपनी छाप छोड़ी है। सुप्रभात भारतवासियों, इसरो का स्पेडेक्स मिशन (Spadex Mission) अंतरिक्ष डॉकिंग में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। इस पल का हिस्सा बनना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।”
स्पेडेक्स मिशन क्या है?
स्पेडेक्स मिशन अंतरिक्ष में दो छोटे उपग्रहों—एसडीएक्स01 (चेजर) और एसडीएक्स02 (टारगेट)—के जरिए डॉकिंग तकनीक को परखने का एक किफायती प्रयास है। जनवरी 2025 में पीएसएलवी सी60 रॉकेट (PSLV C60) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी। इस रॉकेट ने 24 पेलोड के साथ लगभग 220 किलोग्राम वजनी इन अंतरिक्ष यानों को 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया। यह प्रक्षेपण उड़ान के 15 मिनट बाद ही सफल रहा।
इसरो के मुताबिक, अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक (Space Docking Technology) बड़े मिशनों के लिए जरूरी है, खासकर जब कई रॉकेट लॉन्च की जरूरत पड़ती है। यह तकनीक भारत की अंतरिक्ष योजनाओं—like चंद्रमा पर मिशन, चंद्रमा से नमूने लाना, और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (Indian Space Station)—के लिए आधार तैयार करती है।
भारत की बड़ी उपलब्धि
इस सफलता के साथ भारत अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। यह उपलब्धि न सिर्फ इसरो की विशेषज्ञता को दर्शाती है, बल्कि भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को भी मजबूत करती है। इसरो के इस कदम ने देश को वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में एक भरोसेमंद और सक्षम नाम के रूप में स्थापित किया है।
देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।