Aaj Ka Rashifal: 20 जनवरी 2023 काे कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा

Aaj Ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है। यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं एस्ट्रोलॉजी टिप्स और शुभ मुहूर्त तथा नक्षत्र और दिशाशूल के बारे में भी बताया जाएगा।
मेष
यात्रा लाभदायक रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। शेयर मार्केट से बड़ा लाभ हो सकता है। संचित कोष में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कारोबारी सौदे बड़े हो सकते हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य प्रभावित होगा, सावधानी रखें।
वृष
फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। बजट बिगड़ेगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। शारीरिक कष्ट से बाधा उत्पन्न होगी। लेन-देन में सावधानी रखें। अपरिचित व्यक्तियों पर अंधविश्वास न करें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय होगी। संतुष्टि नहीं होगी।
मिथुन
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति संभव है। यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबारी बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। आशंका-कुशंका रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। लापरवाही न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
कर्क
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चिंता बनी रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। निवेश लाभदायक रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यस्तता रहेगी।
सिंह
कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी। प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। व्यापार में लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। शत्रु पस्त होंगे। विवाद में न पड़ें। अपेक्षाकृत कार्य समय पर होंगे। प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यस्तता रहेगी। प्रमाद न करें।
कन्या
घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। शत्रुभय रहेगा।
तुला
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। बड़ा काम करने का मन बनेगा। झंझटों से दूर रहें। कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। फालतू खर्च होगा। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। जोखिम बिलकुल न लें।
वृश्चिक
दूर से बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। बेवजह तनाव रहेगा। किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। फालतू बातों पर ध्यान न दें। मेहनत अधिक व लाभ कम होगा। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। शत्रुओं की पराजय होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी।
धनु
बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। स्थायी संपत्ति से बड़ा लाभ हो सकता है। समय पर कर्ज चुका पाएंगे। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। निवेश शुभ फल देगा। घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी, ध्यान रखें।
मकर
व्यवसाय में ध्यान देना पड़ेगा। व्यर्थ समय न गंवाएं। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। थकान रहेगी। कुसंगति से बचें। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
कुंभ
योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। विरोधी सक्रिय रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-परिवार में सुख-शांति रहेगी। जल्दबाजी न करें। पुराना रोग उभर सकता है।
मीन
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। समय की अनुकूलता का लाभ मिलेगा। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। अपने काम पर ध्यान दें। लाभ होगा।
दिनाँक:-20/01/2023, शुक्रवार
त्रयोदशी, कृष्ण पक्ष,
माघ
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि--------- त्रयोदशी 09:59:17 तक
तिथि--------- चतुर्दशी 30:17:00
पक्ष------------------------ कृष्ण
नक्षत्र------------ मूल 12:39:15
योग-----------व्याघात 18:55:50
करण----------- वणिज 09:59:17
करण------- विष्टि भद्र 20:10:25
करण---------- शकुनी 30:17:00
वार---------------------- शुक्रवार
माह-------------------------- माघ
चन्द्र राशि------------------ धनु
सूर्य राशि----------------- मकर
रितु------------------------ शिशिर
आयन-------------------उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ---------------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत-------------------1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:11:39
सूर्यास्त-----------------17:48:51
दिन काल------------- 10:37:12
रात्री काल------------ 13:22:33
चंद्रास्त---------------- 16:01:28
चंद्रोदय---------------- 30:44:44
लग्न---- मकर 5°32' , 275°32'
सूर्य नक्षत्र------------- उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र-------------------- मूल
नक्षत्र पाया-------------------- ताम्र
पद, चरण
भा---- मूल 07:21:13
भी---- मूल 12:39:15
भू---- पूर्वाषाढा 17:55:53
धा---- पूर्वाषाढा 23:11:18
फा---- पूर्वाषाढा 28:25:42
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मकर 05 : 29 उ oषाo , 3 जा
चन्द्र =धनु 09°:23, मूल , 3 भा
बुध =धनु 14°: 34' पूo षा o ' 1 भू
शुक्र=मकर 27°05, धनिष्ठा ' 2 गी
मंगल=वृषभ 14°30 ' रोहिणी' 2 वा
गुरु=मीन 09°30 ' उ o भा o, 2 थ
शनि=मकर 00°43 ' धनिष्ठा ' 3 गु
राहू=(व) मेष 15°05 भरणी , 1 ली
केतु=(व) तुला 15°05 स्वाति , 3 रो
शुभा शुभ मुहूर्त
राहू काल 11:11 - 12:30 अशुभ
यम घंटा 15:10 - 16:29 अशुभ
गुली काल 08:31 - 09:51 अशुभ
अभिजित 12:09 - 12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 09:19 - 10:02 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:51 - 13:34 अशुभ
वर्ज्यम 11:15 - 12:39 अशुभ
गंड मूल 07:12 - 12:39 अशुभ
चोघडिया, दिन
चर 07:12 - 08:31 शुभ
लाभ 08:31 - 09:51 शुभ
अमृत 09:51 - 11:11 शुभ
काल 11:11 - 12:30 अशुभ
शुभ 12:30 - 13:50 शुभ
रोग 13:50 - 15:10 अशुभ
उद्वेग 15:10 - 16:29 अशुभ
चर 16:29 - 17:49 शुभ
चोघडिया, रात
रोग 17:49 - 19:29 अशुभ
काल 19:29 - 21:10 अशुभ
लाभ 21:10 - 22:50 शुभ
उद्वेग 22:50 - 24:30* अशुभ
शुभ 24:30* - 26:10* शुभ
अमृत 26:10* - 27:51* शुभ
चर 27:51* - 29:31* शुभ
रोग 29:31* - 31:11* अशुभ
होरा, दिन
शुक्र 07:12 - 08:05
बुध 08:05 - 08:58
चन्द्र 08:58 - 09:51
शनि 09:51 - 10:44
बृहस्पति 10:44 - 11:37
मंगल 11:37 - 12:30
सूर्य 12:30 - 13:23
शुक्र 13:23 - 14:16
बुध 14:16 - 15:10
चन्द्र 15:10 - 16:03
शनि 16:03 - 16:56
बृहस्पति 16:56 - 17:49
होरा, रात
मंगल 17:49 - 18:56
सूर्य 18:56 - 20:03
शुक्र 20:03 - 21:10
बुध 21:10 - 22:16
चन्द्र 22:16 - 23:23
शनि 23:23 - 24:30
बृहस्पति 24:30* - 25:37
मंगल 25:37* - 26:44
सूर्य 26:44* - 27:51
शुक्र 27:51* - 28:58
बुध 28:58* - 30:05
चन्द्र 30:05* - 31:11
उदयलग्न प्रवेशकाल
मकर > 05:50 से 07:38 तक
कुम्भ > 07:38 से 09:18 तक
मीन > 09: 18 से 10:38 तक
मेष > 10:38 से 12:20 तक
वृषभ > 12:20 से 16:38 तक
कर्क > 16:38 से 18:50 तक
सिंह > 18:50 से 21:04 तक
कन्या > 21:04 से 11:14 तक
तुला > 11:14 से 02:22 तक
वृश्चिक > 02:22 से 03:32 तक
धनु > 03:32 से 05:42 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 13 + 6 + 1 = 35 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल
28 + 28 + 5 = 61 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां= कष्ट कारक
भद्रा वास एवं फल
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
प्रात: 9:59 से रात्रि 20:08
पाताल लोक = धन कारक
विशेष जानकारी
* मेरु त्रयोदशी
*मास शिवरात्रि
*चतुर्दशीक्षय
*आदिनाथ निर्वाण दिवस
शुभ विचार
यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवः ।
न च विद्यागमऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत् ।।
।। चा o नी o।।
उस देश मे निवास न करें जहाँ आपकी कोई ईज्जत नहीं हो, जहा आप रोजगार नहीं कमा सकते, जहा आपका कोई मित्र नहीं और जहा आप कोई ज्ञान आर्जित नहीं कर सकते।
सुभाषितानि
गीता -: विभूति योग अo-10
पवनः पवतामस्मि रामः शस्त्रभृतामहम् ।,
झषाणां मकरश्चास्मि स्रोतसामस्मि जाह्नवी ॥,
मैं पवित्र करने वालों में वायु और शस्त्रधारियों में श्रीराम हूँ तथा मछलियों में मगर हूँ और नदियों में श्री भागीरथी गंगाजी हूँ॥,31॥
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