Aaj ka Rashifal: 24 दिसंबर का कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा

Aaj ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
दूसरों के काम में कमियाँ न निकालें। आप निर्णय लेने में थोड़ी बहुत चूक कर सकते हैं। परिवार के लोगों से अपने सम्बन्ध अच्छे रखें। पति-पत्नी के बीच सम्बन्धों में दबाव महसूस होगा। समय रहते हुये मामलों को सुलझा लें। जरूरी काम लम्बित हो सकते हैं।
वृषभ
कारोबारियों के लिये दिन बहुत शुभ है। नौकरीपेशा लोगों को आधिकारिक यात्रा करनी पड़ सकती है। समाज में आपकी योग्यता की प्रशंसा होगी। कार्यक्षेत्र में आपके प्रदर्शन में सुधार होगा। कम समय में उच्चतम गुणवत्ता का काम करेंगे।
मिथुन
मित्रों के स्वभाव में आया अचानक बदलाव आपको दुखी करेगा। अपनी गुप्त बातें किसी से शेयर न करें। परिवार की इच्छाओं के लिये आपको त्याग करना पड़ सकता है। अत्यधिक काम के कारण आपको आराम नहीं मिलेगा जिसके कारण थकान महसूस हो सकती है। जल्दबाज़ी में कोई बड़ा निर्णय न लें।
कर्क
व्यवसाय में कुछ धीमेपन के बाद अच्छी गति रहेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिन्ता हो सकती है। शेयर मार्केट में आप बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। विद्यार्थियों के लिये दिन बहुत अच्छा है। आप परोपकार के कार्यों में लगे रहेंगे। उधार दिया हुआ धन आपको वापस मिल सकता है।
सिंह
आय के नये स्रोत बन सकते हैं। अवसरों का लाभ उठाने में चूक न करें। परिजनों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। राजनीति से जुड़े लोग अपनी कूटनीतिक क्षमता का परिचय देंगे। पैतृक व्यवसाय में तेजी आयेगी। पुरानी यादें दोबारा ताजा हो सकती है।
कन्या
छोटी-छोटी बातों पर विचलित होने से बचें। युवा प्रेम सम्बन्धों को लेकर सावधान रहें। माता-पिता की अवहेलना न करें। बनते कार्यों में रुकावटे आने की आशंका है। मन में नकारात्मक विचार जन्म ले सकते हैं। छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा करने से बचें।
तुला
नकारात्मक बातों पर ज्यादा ध्यान न दें। आज आपका मन कुछ अप्रसन्न रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपका प्रदर्शन कमजोर रहेगा। स्वास्थ्य को लेकर परेशानी हो सकती है। अपनी दिनचर्या को सन्तुलित रखें। गैरकानूनी कार्यों की तरफ रुचि लेना उचित नहीं है।
वृश्चिक
पैतृक सम्पत्ति प्राप्त होने के योग बन रहे हैं। व्यापारिक गतिविधियाँ शानदार रहेंगी। घर के सभी सदस्य आपके ऊपर काफी प्रसन्न रहने वाले हैं। उच्च अधिकारी आपकी काफी प्रशंसा करेंगे। प्रेम सम्बन्धों में प्रगाढ़ता बढ़ेगी। अपनी रुचि के अनुसार काम करने से आप प्रसन्न होंगे।
धनु
सम्पत्ति के क्रय-विक्रय से बड़ा धन लाभ होगा। घर में निकट सम्बन्धी और रिश्तेदार आ सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण अनुबन्ध होने के योग बन रहे हैं। दिल की बजाय दिमाग से काम लें। परिवार में आपसी प्रेम और स्नेह बढ़ेगा। जॉब में उच्च पद प्राप्त होगा।
मकर
नयी नौकरी की शुरुआत करने के लिये दिन अच्छा है। कार्यक्षेत्र में प्रतिद्वंदिता के कारण परेशानी होगी। व्यर्थ की गतिविधियों में धन खर्च न करें। पढ़ाई में थोड़ी परेशानी होगी। खानपान में संयम रखें। नसों में खिंचाव और दर्द की शिकायत हो सकती है।
कुम्भ
व्यवसाय में बड़ी डील को लेकर परेशानी हो सकती है। जॉब में आपका मन नहीं लगेगा। निजी मामलों को लेकर बाहरी लोगों से सलाह न लें। योग और व्यायाम करने से आप स्वस्थ रहेंगे। कोर्ट-कचहरी के मामलों को लेकर लापरवाही न करें। शत्रु आपके विरुद्ध सक्रिय रहेंगे।
मीन
अविवाहित लड़कियों का विवाह तय हो सकता है। बीमार लोगों के स्वास्थ्य में सुधार होगा। व्यवसाय को लेकर बड़ा निर्णय ले सकते हैं। परिजनों के साथ बहुत अच्छा समय बितायेंगे। मीडिया से जुड़े लोगों के लिये दिन विशेष रूप से शुभ है। मांगलिक कार्यक्रमों में सम्मिलित हो सकते हैं।
दिनाँक:-24/12/2022, शनिवार
प्रतिपदा, शुक्ल पक्ष,
पौष
(समाप्ति काल)
तिथि-------- प्रतिपदा 12:06:07 तक
पक्ष------------------------ शुक्ल
नक्षत्र-------- पूर्वाषाढा 22:14:34
योग-------------- वृद्वि 09:25:47
योग-------------- ध्रुव 29:08:45
करण-------------- बव 12:06:07
करण------------बालव 22:14:40
वार----------------------- शनिवार
माह------------------------- पौष
चन्द्र राशि------- धनु 27:30:15
चन्द्र राशि------------------- मकर
सूर्य राशि-------------------- धनु
रितु------------------------ शिशिर
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ----------------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत------------------1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:08:06
सूर्यास्त--------------- 17:29:26
दिन काल------------- 10:21:19
रात्री काल------------- 13:39:06
चंद्रास्त---------------- 18:28:39
चंद्रोदय---------------- 31:27:18
लग्न---- धनु 8°2' , 248°2'
सूर्य नक्षत्र-------------------- मूल
चन्द्र नक्षत्र---------------- पूर्वाषाढा
नक्षत्र पाया-------------------- ताम्र
पद, चरण
धा---- पूर्वाषाढा 11:43:41
फा---- पूर्वाषाढा 16:59:06
ढा---- पूर्वाषाढा 22:14:34
भे---- उत्तराषाढा 27:30:15
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=धनु 08 : 29 मूल , 3 भा
चन्द्र =धनु 17°23, पू oषाo , 2 धा
बुध =धनु 27 ° 34' उ o षाo ' 1 भे
शुक्र=धनु 23°05, पू o षाo ' 3 फा
मंगल=वृषभ 16°30 ' रोहिणी' 3 वी
गुरु=मीन 05°30 ' उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 26°43 ' धनिष्ठा ' 1 गा
राहू=(व) मेष 16°30 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 16°30 विशाखा , 4 ता
शुभा शुभ मुहूर्त
राहू काल 09:43 - 11:01 अशुभ
यम घंटा 13:36 - 14:54 अशुभ
गुली काल 07:08 - 08:26 अशुभ
अभिजित 11:58 - 12:39 शुभ
दूर मुहूर्त 08:31 - 09:12 अशुभ
वर्ज्यम 09:37 - 11:02 अशुभ
चोघडिया, दिन
काल 07:08 - 08:26 अशुभ
शुभ 08:26 - 09:43 शुभ
रोग 09:43 - 11:01 अशुभ
उद्वेग 11:01 - 12:19 अशुभ
चर 12:19 - 13:36 शुभ
लाभ 13:36 - 14:54 शुभ
अमृत 14:54 - 16:12 शुभ
काल 16:12 - 17:29 अशुभ
चोघडिया, रात
लाभ 17:29 - 19:12 शुभ
उद्वेग 19:12 - 20:54 अशुभ
शुभ 20:54 - 22:37 शुभ
अमृत 22:37 - 24:19* शुभ
चर 24:19* - 26:01* शुभ
रोग 26:01* - 27:44* अशुभ
काल 27:44* - 29:26* अशुभ
लाभ 29:26* - 31:09* शुभ
होरा, दिन
शनि 07:08 - 07:59
बृहस्पति 07:59 - 08:52
मंगल 08:52 - 09:43
सूर्य 09:43 - 10:35
शुक्र 10:35 - 11:27
बुध 11:27 - 12:19
चन्द्र 12:19 - 13:11
शनि 13:11 - 14:02
बृहस्पति 14:02 - 14:54
मंगल 14:54 - 15:46
सूर्य 15:46 - 16:38
शुक्र 16:38 - 17:29
होरा, रात
बुध 17:29 - 18:38
चन्द्र 18:38 - 19:46
शनि 19:46 - 20:54
बृहस्पति 20:54 - 22:02
मंगल 22:02 - 23:11
सूर्य 23:11 - 24:19
शुक्र 24:19* - 25:27
बुध 25:27* - 26:36
चन्द्र 26:36* - 27:44
शनि 27:44* - 28:52
बृहस्पति 28:52* - 30:00
मंगल 30:00* - 31:09
उदयलग्न प्रवेशकाल
धनु > 05:32 से 07:38 तक
मकर > 07:38 से 09:22 तक
कुम्भ > 09:22 से 10:56 तक
मीन > 10: 57 से 12:24 तक
मेष > 12:24 से 14:04 तक
वृषभ > 14:04 से 18:16 तक
कर्क > 18:16 से 20:32 तक
सिंह > 20:33 से 22:48 तक
कन्या > 22:48 से 00:56 तक
तुला > 00:56 से 03:06 तक
वृश्चिक > 03:06 से 05:22 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
अग्नि वास ज्ञान
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
1 + 7 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल
1 + 1 + 5 = 7 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
भद्रा वास एवं फल
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
विशेष जानकारी
राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस
शुभ विचार
यावत्स्वस्थो ह्ययं देहो यावन्मृत्युश्च दूरतः ।
तावदात्महितं कुर्यात् प्राणान्ते किं करिष्यति।।
।। चा o नी o।।
जब आपका शरीर स्वस्थ है और आपके नियंत्रण में है उसी समय आत्मसाक्षात्कार का उपाय कर लेना चाहिए क्योंकि मृत्यु हो जाने के बाद कोई कुछ नहीं कर सकता है.
सुभाषितानि
गीता -: विभूतियोग अo-10
भूय एव महाबाहो श्रृणु मे परमं वचः ।,
यत्तेऽहं प्रीयमाणाय वक्ष्यामि हितकाम्यया ॥,
श्री भगवान् बोले- हे महाबाहो! फिर भी मेरे परम रहस्य और प्रभावयुक्त वचन को सुन, जिसे मैं तुझे अतिशय प्रेम रखने वाले के लिए हित की इच्छा से कहूँगा॥,1॥,
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