Aaj ka Rashifal: 27 दिसंबर का कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा

Aaj ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। थकान रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। भूमि, आवास की समस्या रह सकती है। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेगा। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। संतान से कष्ट रहेगा। मेहनत का फल मिलेगा।
Mesh Rashifal 2023: मेष राशि वालों के लिए कैसा होगा नया साल? पढ़ें वार्षिक राशिफल
वृष
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। समाज में प्रसिद्धि के कारण सम्मान में बढ़ौत्री होगी। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे। परिवार की समस्याओं को अनदेखा न करें।
Vrishabha Rashifal 2023: जानिए वृषभ राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
मिथुन
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय काम बनेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता रहेगी। जोखिम न उठाएं। संतान से मदद मिलेगी। आर्थिक स्थिति में प्रगति की संभावना है। अचानक धन की प्राप्ति के योग हैं। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें।
Mithun Rashifal 2023: जानिए मिथुन राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
कर्क
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। मान बढ़ेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। अपनी बुद्धिमत्ता से आप सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे। विकास की योजनाएं बनेंगी। निजीजनों में असंतोष हो सकता है। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।
Kark Varshik Rashifal 2023: जानिए कर्क राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
सिंह
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। विवाद न करें। यात्रा में अपनी वस्तुओं को संभालकर रखें। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें। अधीनस्थों की ओर ध्यान दें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।
Singh Rashifal 2023: जानिए सिंह राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
कन्या
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय बढ़ेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करना चाहिए। व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें। आर्थिक स्थिति मध्यम रहेगी।
Kanya Varshik Rashifal 2023: जानिए कन्या राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
तुला
दूसरों से अपेक्षा न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। थकान रहेगी। जोखिम न लें। विवाद से बचें। राजकीय सहयोग मिलेगा एवं इस क्षेत्र के व्यक्तियों से संबंध बढ़ेंगे। विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। वाणी पर संयम रखें।
Tula Varshik Rashifal 2023: जानिए तुला राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
वृश्चिक
लेन-देन में सावधानी रखें। विवाद न करें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के योग आएंगे। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाए रखें। समय ठीक नहीं है। वाहन, मशीनरी व अग्नि के प्रयोग में सावधानी रखें।
Vrischik Varshik Rashifal 2023: जानिए वृश्चिक राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
धनु
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कामकाज में धैर्य रखने से सफलता मिल सकेगी। योजनाएं फलीभूत होंगी। मित्रों में आपका वर्चस्व बढ़ेगा। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें।
Dhanu Varshik Rashifal 2023: जानिए धनु राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
मकर
नए अनुबंध होंगे। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। झंझटों में न पड़ें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। कार्य की प्रवृत्ति में यथार्थता व व्यावहारिकता का समावेश आवश्यक है। व्यापार में नई योजनाओं पर कार्य नहीं होंगे। जीवनसाथी का ध्यान रखें।
Makar Varshik Rashifal 2023: जानिए मकर राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
कुंभ
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न लें। व्यावसायिक चिंता दूर हो सकेगी। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएंगे। योजनाएं फलीभूत होंगी।
Kumbh Varshik Rashifal 2023: जानिए कुंभ राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
मीन
धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बुद्धि एवं तर्क से कार्य में सफलता के योग बनेंगे। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। अतः उसका परित्याग करें। व्यापार लाभप्रद रहेगा।
Meen Varshik Rashifal 2023: जानिए मीन राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
दिनाँक:-27/12/2022, मंगलवार
पंचमी, शुक्ल पक्ष,
पौष
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि----------- पंचमी 22:52:22 तक
पक्ष------------------------ शुक्ल
नक्षत्र----------- धनिष्ठा 14:26:11
योग-------------- वज्र 17:26:03
करण-------------- बव 12:10:44
करण----------- बालव 22:52:22
वार---------------------- मंगलवार
माह------------------------- पौष
चन्द्र राशि------------------- कुम्भ
सूर्य राशि--------------------- धनु
रितु------------------------ शिशिर
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ----------------------नल
विक्रम संवत--------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत-------------------1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:09:22
सूर्यास्त---------------- 17:31:09
दिन काल------------- 10:21:47
रात्री काल---------------13:38:35
चंद्रोदय---------------- 10:42:10
चंद्रास्त------------------22:00:57
लग्न---- धनु 11°5' , 251°5'
सूर्य नक्षत्र-------------------- मूल
चन्द्र नक्षत्र------------------ धनिष्ठा
नक्षत्र पाया-------------------- ताम्र
पद, चरण
गु---- धनिष्ठा 08:57:02
गे---- धनिष्ठा 14:26:11
गो---- शतभिषा 19:57:26
सा---- शतभिषा 25:30:53
सी---- शतभिषा 31:06:39
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=धनु 11 : 29 मूल , 4 भी
चन्द्र =कुम्भ 02°23, धनिष्ठा , 3 गु
बुध =धनु 29 ° 34' उ o षाo ' 1 भे
शुक्र=धनु 27°05, उ o षाo ' 1 भे
मंगल=वृषभ 15°30 ' रोहिणी' 2 वा
गुरु=मीन 06°30 ' उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 27°43 ' धनिष्ठा ' 2 गी
राहू=(व) मेष 16°20 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 16°20 विशाखा , 4 ता
शुभा शुभ मुहूर्त
राहू काल 14:56 - 16:13 अशुभ
यम घंटा 09:45 - 11:03 अशुभ
गुली काल 12:20 - 13:38 अशुभ
अभिजित 11:59 - 12:41 शुभ
दूर मुहूर्त 09:14 - 09:55 अशुभ
दूर मुहूर्त 22:58 - 23:40 अशुभ
वर्ज्यम 21:04 - 22:33 अशुभ
पंचक अहोरात्र अशुभ
चोघडिया, दिन
रोग 07:09 - 08:27 अशुभ
उद्वेग 08:27 - 09:45 अशुभ
चर 09:45 - 11:03 शुभ
लाभ 11:03 - 12:20 शुभ
अमृत 12:20 - 13:38 शुभ
काल 13:38 - 14:56 अशुभ
शुभ 14:56 - 16:13 शुभ
रोग 16:13 - 17:31 अशुभ
चोघडिया, रात
काल 17:31 - 19:13 अशुभ
लाभ 19:13 - 20:56 शुभ
उद्वेग 20:56 - 22:38 अशुभ
शुभ 22:38 - 24:20* शुभ
अमृत 24:20* - 26:03* शुभ
चर 26:03* - 27:45* शुभ
रोग 27:45* - 29:27* अशुभ
काल 29:27* - 31:10* अशुभ
होरा, दिन
मंगल 07:09 - 08:01
सूर्य 08:01 - 08:53
शुक्र 08:53 - 09:45
बुध 09:45 - 10:37
चन्द्र 10:37 - 11:28
शनि 11:28 - 12:20
बृहस्पति 12:20 - 13:12
मंगल 13:12 - 14:04
सूर्य 14:04 - 14:56
शुक्र 14:56 - 15:48
बुध 15:48 - 16:39
चन्द्र 16:39 - 17:31
होरा, रात
शनि 17:31 - 18:39
बृहस्पति 18:39 - 19:48
मंगल 19:48 - 20:56
सूर्य 20:56 - 22:04
शुक्र 22:04 - 23:12
बुध 23:12 - 24:20
चन्द्र 24:20* - 25:29
शनि 25:29* - 26:37
बृहस्पति 26:37* - 27:45
मंगल 27:45* - 28:53
सूर्य 28:53* - 30:02
शुक्र 30:02* - 31:10
उदयलग्न प्रवेशकाल
धनु > 05:20 से 07:26 तक
मकर > 07:26 से 09:10 तक
कुम्भ > 09:10 से 10:44 तक
मीन > 10: 44 से 12:12 तक
मेष > 12:12 से 13:52 तक
वृषभ > 13:52 से 18:04 तक
कर्क > 18:04 से 20:20 तक
सिंह > 20:20 से 22:36 तक
कन्या > 22:36 से 00:44 तक
तुला > 00:44 से 03:54 तक
वृश्चिक > 02:54 से 05:10 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
अग्नि वास ज्ञान
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
5 + 3 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल
5 + 5 + 5 = 15 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
विशेष जानकारी
* छप्पन भोग गरुण गोविन्द जी छटीकरा मथुरा जी
*बुध मकरे
शुभ विचार
आचारः कुलमाख्याति देशमाख्याति भाषणम् ।
सम्भ्रमः स्नेहमाख्यातिवपुराख्याति भोजनम् ।।
।। चा o नी o।।
मनुष्य के कुल की ख्याति उसके आचरण से होती है, मनुष्य के बोल चल से उसके देश की ख्याति बढ़ती है, मान सम्मान उसके प्रेम को बढ़ता है, एवं उसके शारीर का गठन उसे भोजन से बढ़ता है.
सुभाषितानि
गीता -: विभूति योग अo-10
बुद्धिर्ज्ञानमसम्मोहः क्षमा सत्यं दमः शमः ।,
सुखं दुःखं भवोऽभावो भयं चाभयमेव च ॥,
अहिंसा समता तुष्टिस्तपो दानं यशोऽयशः ।,
भवन्ति भावा भूतानां मत्त एव पृथग्विधाः ॥,
निश्चय करने की शक्ति, यथार्थ ज्ञान, असम्मूढ़ता, क्षमा, सत्य, इंद्रियों का वश में करना, मन का निग्रह तथा सुख-दुःख, उत्पत्ति-प्रलय और भय-अभय तथा अहिंसा, समता, संतोष तप (स्वधर्म के आचरण से इंद्रियादि को तपाकर शुद्ध करने का नाम तप है), दान, कीर्ति और अपकीर्ति- ऐसे ये प्राणियों के नाना प्रकार के भाव मुझसे ही होते हैं॥,4-5॥,
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