Aaj ka Rashifal: 20 दिसंबर का कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा

Rashifal in Hindi 19 December 2022: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा।
मेष
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्ययवृद्धि होगी। तनाव रहेगा। अपरिचितों पर विश्वास न करें। प्रयास में आलस्य व विलंब नहीं करना चाहिए। रुके हुए काम समय पर होने की संभावना है। विरोधी परास्त होंगे। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। धैर्य एवं संयम बना रहेगा।
वृष
कोर्ट-कचहरी में अनुकूलता रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। झंझटों में न पड़ें। उधार दिया धन मिलने से राहत हो सकती है। जीवनसाथी का सहयोग उलझे मामले सुलझाने में सहायक हो सकेगा। वाहन सावधानी से चलाएँ।
मिथुन
बेरोजगारी दूर होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जोखिम न लें। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। सत्कार्य में रुचि बढ़ेगी। प्रियजनों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक चिंताएँ दूर होंगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
Horoscope 2023: जानिए किन राशियों के लिए बेहद खास हो सकता है साल 2023?
कर्क
भूमि व भवन संबंधी कार्य लाभ देंगे। रोजगार मिलेगा। शत्रु भय रहेगा। निवेश व नौकरी लाभ देंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। कार्य के विस्तार की योजनाएँ बनेंगी। रोजगार में उन्नति एवं लाभ की संभावना है। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। लाभदायक समाचार मिलेंगे।
सिंह
उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। शोक समाचार मिल सकता है। थकान महसूस होगी। व्यावसायिक चिंता रहेगी। संतान के व्यवहार से कष्ट होगा। सहयोगी मदद नहीं करेंगे। व्ययों में कटौती करने का प्रयास करें। वाहन चलाते समय सावधानी रखें।
कन्या
अतिथियों का आवागमन रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बना रहेगा। नई योजनाओं की शुरुआत होगी। संतान की प्रगति संभव है। भूमि व संपत्ति संबंधी कार्य होंगे। पूर्व कर्म फलीभूत होंगे। परिवार में सुखद वातावरण रहेगा। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।
तुला
चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से हानि होगी। अपने काम से काम रखें। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। आवास संबंधी समस्या हल होगी। आलस्य न करें। सोचे काम समय पर नहीं हो पाएँगे।
वृश्चिक
राजकीय बाधा दूर होकर लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें। लाभ होगा। रुके हुए काम समय पर पूरे होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। परिवार की समस्याओं का समाधान हो सकेगा। व्यापार में नई योजनाएँ बनेंगी। व्यापार अच्छा चलेगा।
धनु
रोमांस में समय बीतेगा। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएँ रखें। धनार्जन होगा।
मकर
दिन प्रेमभरा गुजरेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रुका हुआ धन मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। प्रियजनों से पूरी मदद मिलेगी। धन प्राप्ति के योग हैं। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएँगे। संतान के कार्यों में उन्नति के योग हैं।
कुंभ
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें। सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी। आर्थिक अनुकूलता रहेगी। रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा। राज्यपक्ष से लाभ के योग हैं।
मीन
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखें। कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ होगा।
दिनाँक :-20/12/2022, मंगलवार
द्वादशी, कृष्ण पक्ष,
पौष
(समाप्ति काल)
तिथि---------- द्वादशी 24:44:58 तक
पक्ष------------------------- कृष्ण
नक्षत्र----------- स्वाति 09:53:48
योग------------सुकर्मा 24:38:51
करण----------- कौलव 13:44:13
करण------------तैतुल 24:44:58
वार----------------------मंगलवार
माह------------------------ पौष
चन्द्र राशि-------- तुला 26:56:41
चन्द्र राशि----------------- वृश्चिक
सूर्य राशि--------------------- धनु
रितु------------------------- हेमंत
सायन---------------------- शिशिर
आयन----------------- दक्षिणायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)----------------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत----------------- 1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:06:08
सूर्यास्त---------------- 17:27:24
दिन काल--------------10:21:16
रात्री काल------------- 13:39:14
चंद्रास्त---------------- 14:43:35
चंद्रोदय---------------- 28:35:25
लग्न---- धनु 3°57' , 243°57'
सूर्य नक्षत्र------------------- मूल
चन्द्र नक्षत्र------------------ स्वाति
नक्षत्र पाया--------------------रजत
पद, चरण
ता---- स्वाति 09:53:48
ती---- विशाखा 15:37:30
तू---- विशाखा 21:18:26
ते---- विशाखा 26:56:41
ग्रह गोचर
ग्रह = राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
सूर्य=धनु 03 : 29 मूल , 2 यो
चन्द्र =तुला 18°23, स्वाति , 4 ता
बुध =धनु 23 ° 34' पू o षाo ' 4 ढा
शुक्र=धनु 17°05, पू o षाo ' 2 धा
मंगल=वृषभ 17°30 ' रोहिणी' 3 वी
गुरु=मीन 05°30 ' उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 26°43 ' धनिष्ठा ' 1 गा
राहू=(व) मेष 16°40 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 16°40 विशाखा , 4 ता
शुभा शुभ मुहूर्त
राहू काल 14:52 - 16:10 अशुभ
यम घंटा 09:41 - 10:59 अशुभ
गुली काल 12:17 - 13:34 अशुभ
अभिजित 11:56 - 12:37 शुभ
दूर मुहूर्त 09:10 - 09:52 अशुभ
दूर मुहूर्त 22:55 - 23:36 अशुभ
वर्ज्यम 15:15 - 16:46 अशुभ
चोघडिया, दिन
रोग 07:06 - 08:24 अशुभ
उद्वेग 08:24 - 09:41 अशुभ
चर 09:41 - 10:59 शुभ
लाभ 10:59 - 12:17 शुभ
अमृत 12:17 - 13:34 शुभ
काल 13:34 - 14:52 अशुभ
शुभ 14:52 - 16:10 शुभ
रोग 16:10 - 17:27 अशुभ
चोघडिया, रात
काल 17:27 - 19:10 अशुभ
लाभ 19:10 - 20:52 शुभ
उद्वेग 20:52 - 22:35 अशुभ
शुभ 22:35 - 24:17* शुभ
अमृत 24:17* - 25:59* शुभ
चर 25:59* - 27:42* शुभ
रोग 27:42* - 29:24* अशुभ
काल 29:24* - 31:07* अशुभ
होरा, दिन
मंगल 07:06 - 07:58
सूर्य 07:58 - 08:50
शुक्र 08:50 - 09:41
बुध 09:41 - 10:33
चन्द्र 10:33 - 11:25
शनि 11:25 - 12:17
बृहस्पति 12:17 - 13:09
मंगल 13:09 - 14:00
सूर्य 14:00 - 14:52
शुक्र 14:52 - 15:44
बुध 15:44 - 16:36
चन्द्र 16:36 - 17:27
होरा, रात
शनि 17:27 - 18:36
बृहस्पति 18:36 - 19:44
मंगल 19:44 - 20:52
सूर्य 20:52 - 22:00
शुक्र 22:00 - 23:09
बुध 23:09 - 24:17
चन्द्र 24:17* - 25:25
शनि 25:25* - 26:34
बृहस्पति 26:34* - 27:42
मंगल 27:42* - 28:50
सूर्य 28:50* - 29:58
शुक्र 29:58* - 31:07
उदयलग्न प्रवेशकाल
वृश्चिक > 03:30 से 05:48 तक
धनु > 05:48 से 07:54 तक
मकर > 07:54 से 09:38 तक
कुम्भ > 09:38 से 11:12 तक
मीन > 11: 12 से 12:40 तक
मेष > 12:40 से 14:20 तक
वृषभ > 14:20 से 18:32 तक
कर्क > 18:32 से 20:48 तक
सिंह > 20:48 से 23:04 तक
कन्या > 23:04 से 01:12 तक
तुला > 01:12 से 03:22 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान --उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
5 + 12 + 3 + 1 = 31 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल
27 + 27 + 5 = 59 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
सफला एकादशी व्रत (वैष्णव)
गोपालभट्टाचार्य पाटोत्सव
सुरूप द्वादशी
शुभ विचार
स्वर्गस्थितानामहि जीवलोके
चत्वारि चिह्नानि वसन्ति देहे ।
दानप्रसंगो मधुरा च वाणी
देवार्चनं ब्राह्मणतर्पणं च ।।
।। चा o नी o।।
स्वर्ग में निवास करने वाले देवता लोगो में और धरती पर निवास करने वाले लोगो में कुछ साम्य पाया जाता है.
उनके समान गुण है १. परोपकार २. मीठे वचन ३. भगवान् की आराधना. ४. ब्राह्मणों के जरूरतों की पूर्ति.
सुभाषितानि
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
सुदुर्दर्शमिदं रूपं दृष्टवानसि यन्मम।,
देवा अप्यस्य रूपस्य नित्यं दर्शनकाङ्क्षिणः॥,
श्री भगवान बोले- मेरा जो चतुर्भज रूप तुमने देखा है, वह सुदुर्दर्श है अर्थात् इसके दर्शन बड़े ही दुर्लभ हैं।, देवता भी सदा इस रूप के दर्शन की आकांक्षा करते रहते हैं॥,52॥,
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
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