Aaj ka Rashifal: 21 दिसंबर का कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा

Rashifal in Hindi 21 December 2022: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा।
दैनिक राशिफल :
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कारोबार से संतुष्टि रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। प्रयास सफल रहेंगे। बुद्धि का प्रयोग करें। प्रमाद न करें। निवेश से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा। व्यापार-व्यवसाय में उत्साह से काम कर पाएंगे। भाग्य अनुकूल है, जल्दबाजी न करें। प्रसन्नता रहेगी।
वृष
वाणी में शब्दों का प्रयोग सोच-समझकर करें। प्रतिद्वंद्विता में कमी होगी। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। व्यापार में वृद्धि होगी। स्त्री वर्ग से समयानुकूल सहायता प्राप्त होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
मिथुन
धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश लाभ देगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जल्दबाजी से हानि संभव है।
कर्क
बिगड़े काम बनेंगे। निवेश मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। कोई पुराना रोग बाधा का कारण हो सकता है। सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। विरोध होगा। आर्थिक नीति में परिवर्तन होगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। तत्काल लाभ नहीं होगा।
सिंह
जल्दबाजी व लापरवाही से हानि होगी। राजकीय कोप भुगतना पड़ सकता है। विवाद न करें। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। बिछड़े मित्र व संबंधी मिलेंगे। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में सहकर्मी सहयोग करेंगे। लाभ होगा।
कन्या
स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। मनपसंद रोजगार मिलेगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कर्ज समय पर चुका पाएंगे। बैंक-बैलेंस बढ़ेगा। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। शेयर मार्केट से लाभ होगा। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। तनाव रहेगा।
तुला
किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा पाएंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। लेन-देन में सावधानी रखें। लाभ होगा।
वृश्चिक
आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। बनते कामों में बाधा उत्पन्न होगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। काम में मन नहीं लगेगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश से लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेंगे।
धनु
कोई अनहोनी होने की आशंका रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। रोजगार मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट मनोनुकूल लाभ देगा। बुद्धि का प्रयोग करें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। भाग्य का साथ मिलेगा।
मकर
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। आय बनी रहेगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। थकान महसूस होगी। सहकर्मी सहयोग नहीं करेंगे। चिंता रहेगी। आंखों का विशेष ध्यान रखें। चोट व रोग से बचाएं। पुराना रोग उभर सकता है।
कुंभ
आय में निश्चितता रहेगी। शत्रु शांत रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय से लाभ होगा। बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। दौड़धूप की अधिकता का स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा। थकान व कमजोरी रह सकती है। वाणी में कड़े शब्दों के इस्तेमाल से बचें। दूसरों की बातों में नहीं आएं।
मीन
रुका हुआ धन प्राप्त होगा। प्रयास सफल रहेंगे। बुद्धि का प्रयोग करें। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कारोबार से संतुष्टि रहेगी। प्रमाद न करें। निवेश से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा। व्यापार-व्यवसाय में उत्साह से काम कर पाएंगे। भाग्य अनुकूल है, जल्दबाजी न करें। प्रसन्नता रहेगी।
Horoscope 2023: जानिए किन राशियों के लिए बेहद खास हो सकता है साल 2023?
पौष
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि---------- त्रयोदशी 22:15:51 तक
पक्ष------------------------- कृष्ण
नक्षत्र--------- विशाखा 08:32:23
नक्षत्र--------- अनुराधा 30:32:06
योग-------------- धृति 21:24:26
करण------------- गर 11:35:12
करण----------- वणिज 22:15:51
वार------------------------ बुधवार
माह------------------------ पौष
चन्द्र राशि------------------ वृश्चिक
सूर्य राशि--------------------- धनु
रितु------------------------- हेमंत
सायन--------------------- शिशिर
आयन----------------- दक्षिणायण
संवत्सर------------------ शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)-------------------- नल
विक्रम संवत--------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत------------------ 1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:06:39
सूर्यास्त--------------- 17:27:52
दिन काल------------- 10:21:13
रात्री काल------------ 13:39:16
चंद्रास्त---------------- 15:27:00
चंद्रोदय---------------- 29:45:16
लग्न---- धनु 4°58' , 244°58'
सूर्य नक्षत्र-------------------- मूल
चन्द्र नक्षत्र---------------- विशाखा
नक्षत्र पाया------------------- रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
तो---- विशाखा 08:32:23
ना---- अनुराधा 14:05:39
नी---- अनुराधा 19:36:36
नू---- अनुराधा 25:05:22
ने---- अनुराधा 30:32:06
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=धनु 04 : 29 मूल , 2 यो
चन्द्र =वृश्चिक 02°23, विशाखा , 4 ढा
बुध =धनु 25 ° 34' पू o षाo ' 4 ढा
शुक्र=धनु 19°05, पू o षाo ' 2 धा
मंगल=वृषभ 17°30 ' रोहिणी' 3 वी
गुरु=मीन 05°30 ' उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 26°43 ' धनिष्ठा ' 1 गा
राहू=(व) मेष 16°40 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 16°40 विशाखा , 4 ता
*🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩*
राहू काल 12:17 - 13:35 अशुभ
यम घंटा 08:24 - 09:42 अशुभ
गुली काल 10:59 - 12:17 अशुभ
अभिजित 11:57 - 12:38 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:57 - 12:38 अशुभ
वर्ज्यम 12:15 - 13:44 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
लाभ 07:07 - 08:24 शुभ
अमृत 08:24 - 09:42 शुभ
काल 09:42 - 10:59 अशुभ
शुभ 10:59 - 12:17 शुभ
रोग 12:17 - 13:35 अशुभ
उद्वेग 13:35 - 14:53 अशुभ
चर 14:53 - 16:10 शुभ
लाभ 16:10 - 17:28 शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 17:28 - 19:10 अशुभ
शुभ 19:10 - 20:53 शुभ
अमृत 20:53 - 22:35 शुभ
चर 22:35 - 24:18* शुभ
रोग 24:18* - 25:59* अशुभ
काल 25:59* - 27:42* अशुभ
लाभ 27:42* - 29:25* शुभ
उद्वेग 29:25* - 31:07* अशुभ
💮होरा, दिन
बुध 07:07 - 07:58
चन्द्र 07:58 - 08:50
शनि 08:50 - 09:42
बृहस्पति 09:42 - 10:34
मंगल 10:34 - 11:26
सूर्य 11:26 - 12:17
शुक्र 12:17 - 13:09
बुध 13:09 - 14:01
चन्द्र 14:01 - 14:53
शनि 14:53 - 15:44
बृहस्पति 15:44 - 16:36
मंगल 16:36 - 17:28
🚩होरा, रात
सूर्य 17:28 - 18:36
शुक्र 18:36 - 19:44
बुध 19:44 - 20:53
चन्द्र 20:53 - 22:01
शनि 22:01 - 23:09
बृहस्पति 23:09 - 24:18
मंगल 24:18* - 25:26
सूर्य 25:26* - 26:34
शुक्र 26:34* - 27:42
बुध 27:42* - 28:51
चन्द्र 28:51* - 29:59
शनि 29:59* - 31:07
*🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩*
धनु > 05:44 से 07:50 तक
मकर > 07:50 से 09:34 तक
कुम्भ > 09:34 से 11:08 तक
मीन > 11: 08 से 12:36 तक
मेष > 12:36 से 14:16 तक
वृषभ > 14:16 से 18:28 तक
कर्क > 18:28 से 20:44 तक
सिंह > 20:44 से 23:00 तक
कन्या > 23:00 से 01:08 तक
तुला > 01:08 से 03:18 तक
वृश्चिक > 03:26 से 05:40 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 13 + 4 + 1 = 33 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
28 + 28 + 5 = 61 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
रात्रि 22:16 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
* सर्वार्थ सिद्धि योग 08:32 से
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
अत्यन्तकोपः कटुता च वाणी
दरिद्रता च स्वजनेषु वैरम् ।
नीचप्रसड्गः कुलहीनसेवा
चिह्नानि देहे नरकस्थितानाम् ।।
।। चा o नी o।।
नरक में निवास करने वाले और धरती पर निवास करने वालो में साम्यता -
१. अत्याधिक क्रोध
२. कठोर वचन
३. अपने ही संबंधियों से शत्रुता
४. नीच लोगो से मैत्री
५. हीन हरकते करने वालो की चाकरी.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
मत्कर्मकृन्मत्परमो मद्भक्तः सङ्गवर्जितः ।,
निर्वैरः सर्वभूतेषु यः स मामेति पाण्डव ॥,
हे अर्जुन! जो पुरुष केवल मेरे ही लिए सम्पूर्ण कर्तव्य कर्मों को करने वाला है, मेरे परायण है, मेरा भक्त है, आसक्तिरहित है और सम्पूर्ण भूतप्राणियों में वैरभाव से रहित है (सर्वत्र भगवद्बुद्धि हो जाने से उस पुरुष का अति अपराध करने वाले में भी वैरभाव नहीं होता है, फिर औरों में तो कहना ही क्या है), वह अनन्यभक्तियुक्त पुरुष मुझको ही प्राप्त होता है॥,55॥,
हमें ट्विटर और गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें
देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।