Aaj Ka Rashifal: 12 फरवरी 2023 को कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा

Aaj Ka Rashifal: आज 12 फरवरी, 2023 है। आइए जानते हैं कि मेष से मीन राशि के जातकों का दिन कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
Aaj Ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं एस्ट्रोलॉजी टिप्स और शुभ मुहूर्त तथा नक्षत्र और दिशाशूल के बारे में भी बताया जाएगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
राजकीय सहयोग मिलेगा। रुके कार्य पूर्ण होंगे। अध्यात्म में रुचि रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। राज्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में उचित लाभ हो सकेगा। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। जीवनसाथी की उन्नति सामाजिक सम्मान को बढ़ाएगी।
वृष
योजना फलीभूत होगी। घर-बाहर पूछ-परख बढ़ेगी। कार्यसिद्धि होगी। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। आत्मविश्वास बढ़ने से व्यापारिक लाभ अधिक होने के योग हैं। यात्रा में सावधानी रखें। जल्दबाजी एवं लापरवाही से कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ।
मिथुन
आर्थिक समस्या रह सकती है। नए कामों में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। खर्च का बोझ बढ़ेगा। चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें।
कर्क
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। जोखिम न लें। आवास संबंधी समस्या रहेगी। रचनात्मक कामों का प्रतिफल मिलेगा। पूर्व में किए गए कार्यों का शुभ फल प्राप्त हो सकेगा। स्वाध्याय में रुचि बढ़ेगी।
सिंह
मित्रों की मदद से महत्वपूर्ण कार्य पूरे होने के आसार हैं। साझेदारी में नए प्रस्ताव मिलेंगे। फालतू खर्च होगा। तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, बाकी सामान्य रहेगा। आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी।
कन्या
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखना चाहिए। श्रम अधिक करना होगा। आपके कार्यों की समाज एवं परिवार में आलोचना हो सकती है। व्यापार सामान्य चलेगा।
तुला
राजकीय सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। थकान रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद से बचें। नए कार्यों में लाभ होने की संभावना है। परिवार की तरक्की होगी। आपको अपने कर्म पर विश्वास रखते हुए कार्य करना चाहिए।
वृश्चिक
रोजगार में वृद्धि होगी। संपत्ति के बड़े सौदे हो सकते हैं। बड़ा लाभ होगा। जल्दबाजी न करें। प्रमाद से बचें। दूरदर्शिता एवं बुद्धिमानी से कई रुके हुए काम पूरे होने की संभावना है। खर्चों में कमी करना होगी। व्यापार में सही निर्णय नहीं लेने से हानि हो सकती है।
धनु
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। दिन प्रतिकूल रह सकता है। सामाजिक स्तर में परिवर्तन एवं प्रतिष्ठा को लेकर चिंतित रहेंगे। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा। अधिक लोभ-लालच न करें।
मकर
रुके कार्य पूर्ण होंगे। मेहनत सफल रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। नई योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। बड़े लोगों से भेंट होगी, जिसका लाभ भविष्य में मिलेगा। शत्रु परास्त होंगे। आलस्य से बचकर रहें।
कुंभ
पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। अच्छी खबरें मिलेंगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। पारिवारिक वातावरण सहयोगात्मक रहेगा। आपकी बुद्धिमानी से समस्याओं का समाधान संभव है। सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
मीन
माता-पिता का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। दिन प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। व्यापार में लाभ की स्थिति बनेगी। रुका पैसा प्राप्त होने के योग हैं। शोक समाचार मिल सकता है। भागदौड़ अधिक होगी। थकान रहेगी। वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है।
दिनाँक:-12/02/2023, रविवार
षष्ठी, कृष्ण पक्ष,
फाल्गुन
"""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल )
तिथि------------- षष्ठी 09:45:15 तक
पक्ष------------------------- कृष्ण
नक्षत्र----------- स्वाति 26:26:25
योग-------------- गण्ड 15:32:41
करण-----------वणिज 09:45:15
करण--------विष्टि भद्र 21:50:19
वार------------------------ रविवार
माह----------------------- फाल्गुन
चन्द्र राशि--------------------- तुला
सूर्य राशि------------------- मकर
रितु------------------------- वसंत
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)--------------------- नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत------------------ 1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:00:20
सूर्यास्त--------------- 18:06:51
दिन काल------------- 11:06:31
रात्री काल------------- 12:52:43
चंद्रास्त---------------- 10:36:18
चंद्रोदय---------------- 24:05:03
लग्न----मकर 28°52' , 298°52'
सूर्य नक्षत्र------------------ धनिष्ठा
चन्द्र नक्षत्र------------------ स्वाति
नक्षत्र पाया------------------रजत
पद, चरण
रू---- स्वाति 07:54:11
रे---- स्वाति 14:07:17
रो---- स्वाति 20:18:03
ता---- स्वाति 26:26:25
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मकर 28 : 29 धनिष्ठा , 2 गी
चन्द्र =तुला 09°:23, स्वाति , 2 पो
बुध =मकर 06 °: 34' उ o षा o' 3 जा
शुक्र=कुम्भ 25 °05, पू o भा o ' 2 सो
मंगल=वृषभ 18°30 ' रोहिणी' 3 वी
गुरु=मीन 14°30 ' उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 03°43 ' धनिष्ठा ' 3 गु
राहू=(व) मेष 14°10 भरणी , 1 ली
केतु=(व) तुला 14°10 स्वाति , 3 रो
शुभा$शुभ मुहूर्त
राहू काल 16:44 - 18:07 अशुभ
यम घंटा 12:34 - 13:57 अशुभ
गुली काल 15:20 - 16:44 अशुभ
अभिजित 12:11 - 12:56 शुभ
दूर मुहूर्त 16:38 - 17:22 अशुभ
वर्ज्यम 07:29 - 09:09 अशुभ
चोघडिया, दिन
उद्वेग 07:00 - 08:24 अशुभ
चर 08:24 - 09:47 शुभ
लाभ 09:47 - 11:10 शुभ
अमृत 11:10 - 12:34 शुभ
काल 12:34 - 13:57 अशुभ
शुभ 13:57 - 15:20 शुभ
रोग 15:20 - 16:44 अशुभ
उद्वेग 16:44 - 18:07 अशुभ
चोघडिया, रात
शुभ 18:07 - 19:43 शुभ
अमृत 19:43 - 21:20 शुभ
चर 21:20 - 22:57 शुभ
रोग 22:57 - 24:33* अशुभ
काल 24:33* - 26:10* अशुभ
लाभ 26:10* - 27:46* शुभ
उद्वेग 27:46* - 29:23* अशुभ
शुभ 29:23* - 30:59* शुभ
होरा, दिन
सूर्य 07:00 - 07:56
शुक्र 07:56 - 08:51
बुध 08:51 - 09:47
चन्द्र 09:47 - 10:43
शनि 10:43 - 11:38
बृहस्पति 11:38 - 12:34
मंगल 12:34 - 13:29
सूर्य 13:29 - 14:25
शुक्र 14:25 - 15:20
बुध 15:20 - 16:16
चन्द्र 16:16 - 17:11
शनि 17:11 - 18:07
होरा, रात
बृहस्पति 18:07 - 19:11
मंगल 19:11 - 20:16
सूर्य 20:16 - 21:20
शुक्र 21:20 - 22:24
बुध 22:24 - 23:29
चन्द्र 23:29 - 24:33
शनि 24:33* - 25:38
बृहस्पति 25:38* - 26:42
मंगल 26:42* - 27:46
सूर्य 27:46* - 28:51
शुक्र 28:51* - 29:55
बुध 29:55* - 30:59
उदयलग्न प्रवेशकाल
मकर > 04:20 से 06: 04 तक
कुम्भ > 06: 04 से 07:52 तक
मीन > 07: 52 से 09:14 तक
मेष > 09:14 से 10:44 तक
वृषभ > 10:44 से 12:46 तक
मिथुन > 12:46 से 15:14 तक
कर्क > 15:14 से 18:18 तक
सिंह > 18:18 से 19:30 तक
कन्या > 19:30 से 22:38 तक
तुला > 22:38 से 01:00 तक
वृश्चिक > 01:00 से 02:12 तक
धनु > 02:12 से 04: 14 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 6 + 1 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
21 + 21+ 5 = 47 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
प्रातः 09:45 से रात्रि 21:45
पाताल लोक = धनलाभ कारक
विशेष जानकारी
*श्री श्रीनाथ जी पाटोत्सव
*श्री भक्तमाल जयंती
*उत्पादकता दिवस
शुभ विचार
यस्यार्थास्तस्य मित्राणि यस्यर्थास्तस्य बांधवाः ।
यस्याथाः स पुमांल्लोके यस्यार्थाः सच पण्डितः ।।
।। चा o नी o।।
धनवान व्यक्ति के कई मित्र होते है. उसके कई सम्बन्धी भी होते है. धनवान को ही आदमी कहा जाता है और पैसेवालों को ही पंडित कह कर नवाजा जाता है.
सुभाषितानि
गीता -: राजविद्याराजगुह्य योग अo-09
महात्मानस्तु मां पार्थ दैवीं प्रकृतिमाश्रिताः ।,
भजन्त्यनन्यमनसो ज्ञात्वा भूतादिमव्यम् ॥,
परंतु हे कुन्तीपुत्र! दैवी प्रकृति के (इसका विस्तारपूर्वक वर्णन गीता अध्याय 16 श्लोक 1 से 3 तक में देखना चाहिए) आश्रित महात्माजन मुझको सब भूतों का सनातन कारण और नाशरहित अक्षरस्वरूप जानकर अनन्य मन से युक्त होकर निरंतर भजते हैं॥,13॥
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