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Aaj Ka Rashifal: 16 फरवरी 2023 को कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्‍यौरा

Aaj Ka Rashifal: 16 फरवरी 2023 को कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्‍यौरा

Aaj Ka Rashifal: आज 16 फरवरी, 2023 है। आइए जानते हैं कि मेष से मीन राशि के जातकों का दिन कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्‍या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्‍यौरा उपलब्‍ध है।

Aaj Ka Rashifal: आचार्य  नीरज  पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्‍य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्‍या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्‍यौरा उपलब्‍ध है।

यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं एस्ट्रोलॉजी टिप्स और शुभ मुहूर्त तथा नक्षत्र और दिशाशूल के बारे में भी बताया जाएगा।

दैनिक राशिफल

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मेष

राजमान प्राप्त होगा। नए अनुबंध होंगे। नई योजना बनेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। कार्य में व्यय की अधिकता रहेगी। दांपत्य जीवन में भावनात्मक समस्याएँ रह सकती हैं। व्यापार में नए अनुबंध आज नहीं करें।

वृष

धनार्जन होगा। संतान के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। परिवार के सहयोग से दिन उत्साहपूर्ण व्यतीत होगा। योजनानुसार कार्य करने से लाभ की संभावना है। आर्थिक सुदृढ़ता रहेगी। बेचैनी रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी।

मिथुन

व्यापार-व्यवसाय सामान्य रहेगा। दूरदर्शिता एवं बुद्धि चातुर्य से कठिनाइयां दूर होंगी। राज्य तथा व्यवसाय में सफलता मिलने के योग हैं। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। पुराना रोग उभर सकता है। चोट व दुर्घटना से बचें। वस्तुएं संभालकर रखें। बाकी सामान्य रहेगा।

कर्क

पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। लाभ के अवसर मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। कुछ मानसिक अंतर्द्वंद्व पैदा होंगे। पारिवारिक उलझनों के कारण मानसिक कष्ट रहेगा। धैर्य एवं संयम रखकर काम करना होगा। यात्रा आज न करें।

सिंह

व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कानूनी मामले सुधरेंगे। धन का प्रबंध करने में कठिनाई आ सकती है। आहार की अनियमितता से बचें। व्यापार, नौकरी में उन्नति होगी। लेन-देन में सावधानी रखें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रखें।

कन्या

रोजगार मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। व्यावसायिक समस्या का हल निकलेगा। नई योजना में लाभ की संभावना है। घर में मांगलिक आयोजन हो सकते हैं। जीवनसाथी से संबंध घनिष्ठ होंगे।

तुला

ऐश्वर्य पर व्यय होगा। स्वास्थ्‍य कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। राजकीय कार्य में परिवर्तन के योग बनेंगे। आलस्य का परित्याग करें। आपके कामों की लोग प्रशंसा करेंगे। व्यापार लाभप्रद रहेगा। नई कार्ययोजना के योग प्रबल हैं।

वृश्चिक

यात्रा सफल रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय में उन्नति के योग हैं। वाणी पर संयम आवश्यक है। जीवनसाथी से मदद मिलेगी। सामाजिक यश-सम्मान बढ़ेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

धनु

भागदौड़ रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अधूरे कामों में गति आएगी। व्यावसायिक गोपनीयता भंग न करें। गीत-संगीत में रुचि बढ़ेगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। पुराना रोग उभर सकता है। शोक समाचार मिल सकता है।

मकर

पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। पारिवारिक उन्नति होगी। सुखद यात्रा के योग बनेंगे। स्वविवेक से कार्य करना लाभप्रद रहेगा।

कुंभ

पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान बढ़ेगा। स्वजनों से मेल-मिलाप होगा। नौकरी में ऐच्छिक पदोन्नति की संभावना है। किसी की आलोचना न करें। खानपान का ध्यान रखें। आर्थिक संपन्नता बढ़ेगी।

मीन

भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बेरोजगारी दूर होगी। लाभ होगा। मान-प्रतिष्ठा में कमी आएगी। कामकाज में बाधाएँ आ सकती हैं। कर्मचारियों पर व्यर्थ संदेह न करें। आर्थिक तंगी रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य कमजोर होगा।

दिनांक:-,16/02/2023, गुरुवार

एकादशी, कृष्ण पक्ष, 
फाल्गुन
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)

तिथि--------    एकादशी    26:48:50      तक 
पक्ष----------------------    कृष्ण
नक्षत्र----------    मूल    22:51:48
योग----------    हर्शण    07:01:41
योग------------    वज्र    27:34:19
करण------------    बव    16:14:49
करण----------    बालव    26:48:50
मास--------------------    फाल्गुन
चन्द्र राशि------------------   धनु
सूर्य राशि------------------  कुम्भ
रितु------------------------    वसंत 
आयन------------------    उत्तरायण
संवत्सर------------------    शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)    --------------------नल
विक्रम संवत----------------    2079
गुजराती संवत-------------    2079 
शक संवत-------------------1944

वृन्दावन 

सूर्योदय---------------    06:57:12    
सूर्यास्त---------------    18:09:42
दिन काल-------------    11:12:29    
रात्री काल-------------    12:46:41
चंद्रास्त---------------    13:40:18    
चंद्रोदय---------------    28:24:48

लग्न---- कुम्भ 2°55' , 302°55'

सूर्य नक्षत्र------------------    धनिष्ठा    
चन्द्र---------------------------    मूल
नक्षत्र पाया-------------------- ताम्र 

पद, चरण

यो---- मूल    11:52:52

भा---- मूल    17:23:23

भी---- मूल    22:51:48

भू----    पूर्वाषाढा    28:18:17

ग्रह गोचर

ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
==========================
सूर्य=कुम्भ   02 : 29  धनिष्ठा  ,       3         गु 
चन्द्र =धनु 03°:23,  मूल   ,            2     यो 
बुध =मकर 12 °: 34'      श्रवण'     1        खी 
शुक्र=कुम्भ 00 °05,  पू o भा o   '      4       दी 
मंगल=वृषभ  20°30  ' रोहिणी'      4         वू 
गुरु=मीन  14°30 '   उ o भा o,        4        ञ 
शनि=कुम्भ 03°43 '      धनिष्ठा   '     3       गु       
राहू=(व) मेष  13°40     भरणी ,       1       ली 
केतु=(व) तुला 13°40   स्वाति ,     3           रो 

शुभा$शुभ मुहूर्त

राहू काल    13:58 - 15:22    अशुभ
यम घंटा    06:57 - 08:21    अशुभ
गुली काल    09:45 - 11:09 अशुभ 
अभिजित    12:11 - 12:56    शुभ
दूर मुहूर्त    10:41 - 11:26    अशुभ
दूर मुहूर्त    15:10 - 15:55    अशुभ
वर्ज्यम    21:24 - 22:52    अशुभ

गंड मूल    06:57 - 22:52    अशुभ

चोघडिया, दिन

शुभ    06:57 - 08:21    शुभ
रोग    08:21 - 09:45    अशुभ
उद्वेग    09:45 - 11:09    अशुभ
चर    11:09 - 12:33    शुभ
लाभ    12:33 - 13:58    शुभ
अमृत    13:58 - 15:22    शुभ
काल    15:22 - 16:46    अशुभ
शुभ    16:46 - 18:10    शुभ

चोघडिया, रात

अमृत    18:10 - 19:46    शुभ
चर    19:46 - 21:21    शुभ
रोग    21:21 - 22:57    अशुभ
काल    22:57 - 24:33*    अशुभ
लाभ    24:33* - 26:09*    शुभ
उद्वेग    26:09* - 27:45*    अशुभ
शुभ    27:45* - 29:21*    शुभ
अमृत    29:21* - 30:56*    शुभ

होरा, दिन

बृहस्पति    06:57 - 07:53
मंगल    07:53 - 08:49
सूर्य    08:49 - 09:45
शुक्र    09:45 - 10:41
बुध    10:41 - 11:37
चन्द्र    11:37 - 12:33
शनि    12:33 - 13:29
बृहस्पति    13:29 - 14:26
मंगल    14:26 - 15:22
सूर्य    15:22 - 16:18
शुक्र    16:18 - 17:14
बुध    17:14 - 18:10

होरा, रात

चन्द्र    18:10 - 19:14
शनि    19:14 - 20:17
बृहस्पति    20:17 - 21:21
मंगल    21:21 - 22:25
सूर्य    22:25 - 23:29
शुक्र    23:29 - 24:33
बुध    24:33* - 25:37
चन्द्र    25:37* - 26:41
शनि    26:41* - 27:45
बृहस्पति    27:45* - 28:49
मंगल    28:49* - 29:53
सूर्य    29:53* - 30:56

उदयलग्न प्रवेशकाल

मकर   > 04:04   से 05: 46  तक
कुम्भ   > 05: 46  से  07:40  तक
मीन    > 07:40   से  09:02 तक
मेष     > 09:02    से  10:32  तक
वृषभ   > 10:32   से  12:34  तक 
मिथुन  > 12:34   से  15:02  तक 
कर्क    > 15:02   से  1806  तक
सिंह    >  18:06  से  19:18    तक
कन्या  > 19:18    से  22:26   तक
तुला   >  22:26    से  00:50  तक
वृश्चिक > 00:50   से  02:00  तक
धनु     > 02:00   से   04: 02 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप) 
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट

नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान-------------दक्षिण

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो  घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

अग्नि वास ज्ञान

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 11 + 5 + 1 = 32 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

ग्रह मुख आहुति ज्ञान

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल -:

26 + 26 + 5 =  57 ÷ 7 =  1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

*विजया एकादशी व्रत (स्मार्त)

*जयशंकर प्रसाद जयंती 

शुभ विचार

स्वयं कर्म करोत्यत्मा स्वयं तत्फलमश्नुते ।
स्वयं भ्रमति संसारे स्वयं तस्माद्विमुच्यते ।।
।। चा o नी o।।

जीवात्मा अपने कर्म के मार्ग से जाता है. और जो भी भले बुरे परिणाम कर्मो के आते है उन्हंं भोगता है. अपने ही कर्मो से वह संसार में बंधता है और अपने ही कर्मो से बन्धनों से छूटता है.

सुभाषितानि

गीता -: राजविद्याराजगुह्य योग अo-09

पिताहमस्य जगतो माता धाता पितामहः ।,
वेद्यं पवित्रमोङ्कार ऋक्साम यजुरेव च ॥,

इस संपूर्ण जगत्‌ का धाता अर्थात्‌ धारण करने वाला एवं कर्मों के फल को देने वाला, पिता, माता, पितामह, जानने योग्य, (गीता अध्याय 13 श्लोक 12 से 17 तक में देखना चाहिए) पवित्र ओंकार तथा ऋग्वेद, सामवेद और यजुर्वेद भी मैं ही हूँ॥,17॥

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