Hailstorm in Haryana: हरियाणा के 9 जिलों में गिरे ओले, फसलों को भरी नुकसान

Hariyana Mein gire ole: पश्चिमी विक्षोभ के कारण हरियाणा समेत उत्तर भारत में मौसम फिर से बदल गया है। हरियाणा नौ जिलों जींद, रोहतक, पानीपत, करनाल, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, सिरसा व फतेहाबाद में शनिवार को ओलावृष्टि भी हुई। रविवार को भी ओलावृष्टि की संभावना है।

Hisar Mein gire ole: हिसार में 11 दिन में तीसरी बार ओले गिरे

Hisar Mein gire ole: हिसार के आदमपुर, उकलाना, बरवाला, बालसमंद एरिया के गांवों में सबसे अधिक ओलावृष्टि हुई है। इससे पहले 19 फरवरी को ओलावृष्टि हुई। इसके बाद एक मार्च को ओले गिरे थे। मौसम विभाग के मुताबिक, हिसार के 60, भिवानी के 70 और दादरी के 15 गांवों में ओलावृष्टि हुई।

Aaj ka mausam: आज भी होगी बारिश

अंबाला में 24 एमएम, हिसार में 26 एमएम और रोहतक में 47 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। पानीपत में दिनभर रुक-रुक बूंदाबांदी होती रही। रोहतक में अधिकतम तापमान प्रदेश में सबसे कम 19.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से 7.6 डिग्री से कम रहा।

ओलावृष्टि से गेहूं की फसल बिछी

हिसार, भिवानी के गांवों, जींद के उचाना व नरवाना और करनाल के निसिंग और मूनक क्षेत्र में ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। हवाएं चलने से कई जगहों पर खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बिछ गई। चरखी दादरी में 25 हजार एकड़ से अधिक भूमि पर खड़ी सरसों व गेहूं की फसल को नुकसान हुआ।

किसान को चिंता करने की जरूरत नहीं

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि ओलावृष्टि से फसलों में हुए नुकसान के लिए किसान को चिंता करने की जरूरत नहीं है। ओलावृष्टि से किसानों को नहीं सरकार को नुकसान हुआ है। भरपाई के लिए उपायुक्त को निर्देश दे दिए गए हैं। ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करके रिपोर्ट सरकार को भिजवाई जाएगी।

किसानों ने की गिरदावरी की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार को जल्द गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए। तेज हवाओं के चलते फसल गिर गई है। इसके चलते दाना कमजोर रहने व उत्पादन कम होने की आशंका है।

हिसार में हुई इतनी बारिश

हिसार जिले में 25.6 एमएम बारिश दर्ज की गई है। मार्च में अब तक 26.6 एमएम पानी बरसा है। आसमान में छाए काले बादलों से किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसी किसान का फसल बीमा नहीं होने पर सरकार से ही मुआवजे की आस है। 25 प्रतिशत से कम नुकसान पर मुआवजे का प्रावधान नहीं है।

चार महीने में केवल 5.5 एमएम बारिश

अक्तूबर से जनवरी के चार महीने में केवल 5.5 एमएम बारिश हुई। औसतन इन चार महीनों में 30.2 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। चार महीने में सामान्य से मुकाबले 85 प्रतिशत बारिश कम रही। जिले में सबसे अधिक क्षेत्र में गेंहू व सरसों की फसल लगाई जाती है।

25 प्रतिशत तक के नुकसान पर मुआवजा नहीं

नुकसान के मुआवजे के लिए अब सरकार पर ही किसानों को निर्भर रहना होगा। सरकार की ओर से मुआवजा देने के समय 25 प्रतिशत तक के नुकसान पर कोई मुआवजा नहीं दिया जाता। 26 प्रतिशत से अधिक नुकसान वालों को ही मुआवजा मिलने की उम्मीद रहेगी।

किसानों की चिंता बढ़ी

इस साल हिसार जिले में किसानों का फसल बीमा नहीं हुआ है। ऐसे में किसानों की फसलों को हुए नुकसान पर किसी तरह का बीमा क्लेम मिलने की संभावना नहीं है। जिले में सरसों, गेहूं, जौ, चना की फसलों को बर्बाद कर दिया है। ओलावृष्टि को लेकर स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाया जाए।

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