19 मई शुक्रवार यानि कल सूर्य देव और माता छाया के पुत्र व न्याय के देवता शनि देव की जयंती और ज्येष्ठ अमावस्या है। शनि के भाई यमराज और बहन यमुना जी हैं। शनि देव मकर राशि और कुंभ राशि के स्वामी हैं। चलिए जानेंगे शनि जयंती पर राशि अनुसार कौन-कौन से शुभ काम करने चाहिए।
बता दें 19 मई को ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि भगवान की पूजा करनी चाहिए। अपने पितरों के लिए भी धूप-ध्यान जरूर करना चाहिए। अमावस्या की दोपहर में गाय के गोबर से बने कंडे जलाएं और जब कंडों से धुआं निकलना बंद हो जाएञ तब अंगारों पर गुड़-घी अर्पित करें और पितरों का ध्यान करें।
इसके बाद हथेली में जल लेकर अंगूठे की ओर से पितरों को जल चढ़ाएं। इस दिन जरूरतमंदों को अनाज, धन, कपड़े, जूते-चप्पल, छाते का दान करना शुभ माना जाता है। इससे शनि देव की कृपा बनी रहती है।
शनि पूजा में ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप करें। शनि देव के भोग के लिए तिल और तेल से बने व्यंजन बनाएं। शनि देव की प्रतिमा पर तेल चढ़ाएं। हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मेष : सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें। वृषभ : शनि देव के नामों का जप करें। मिथुन : शनि देव को काली उड़द चढ़ाएं। कर्क : राजा दशरथ द्वारा रचित शनि स्त्रोत्र का पाठ करें। सिंह : सिंदूर और चमेली के तेल से हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।
कन्या : उपवास रखें और शनि देव के मंत्रों का जप करें। तुला : शनि देव का अभिषेक सरसों के तेल से करें। वृश्चिक : हनुमान चालीसा का पाठ करें और चींटियों को चीनी और आटा डालें। धनु : पीपल के नीचे दीपक जलाएं। मकर : शनि देव के मंत्रों का जप करें।
कुंभ : हनुमान जी की उपासना करें और नीलम रत्न धारण करें। मीन : बजरंग बाण का पाठ करें और गरीबों की मदद करें।