देश के कई राज्यों में इस समय गर्मी अपने चरम पर है। तापमान में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी होती है। ऐसे में कार के इंजन में ओवरहीटिंग की दिक्कत होने लगती है। क्या आपने कभी सोचा है कि कार का इंजन इतना ओवरहीट क्यों करता है। आइए जानेंगे इसके पीछे की वजह।
इंजन के ज्यादा गर्म या ओवरहीट होने का कारण भीषण गर्मी के दिनों में रुक-रुक कर चलने वाला ट्रैफिक, कूलिंग सिस्टम पर काफी प्रेशर डालते हैं। कूलिंग सिस्टम की समस्या इसलिए मानी जाती है कि इंजन कंपार्टमेंट से गर्मी को बाहर नहीं जाने देती। इससे आग लगती है।
फ्रंट बोनट या उसके नीचे से धुआं या भाप निकलना। डैशबोर्ड या ड्राइवर कंसोल में तापमान बढ़ना। इंजन का टेंप्रेचर गेज "एच" तक बढ़ जाना या गेज के रेड एरिया में चले जाना। कार के सामने से निकलने वाली अजीब या जलने की गंध, विशेष रूप से हुड के पास। कूलेंट के रिसाव से उठने वाली गंध।
ड्राइविंग के समय यदि आपको लगे कि इंजन ओवरहीट हो रहा है तो सबसे पहले आप कार का हीटर ऑन करें। यह इंजन के कूलिंग सिस्टम पर लोड को कम करते हुए। इंजन की गर्मी को पैसेंजर कंपार्टमेंट में भेजता है।यह ओवरहीटिंग को इंजन कंपार्टमेंट से दूर करने के लिए पर्याप्त हो सकता है।
यदि हीटर ऑन करने के बाद ओवरहीटिंग कम नहीं हो रही है तत्काल कार का इंजन ऑफ करें। ये इंजन को ठंडा करने का सबसे सरल उपाय है। इंजन बंद करने से पहले कार को रोड के साइड में लगाए और तत्काल कार से बाहर निकलें। संभव हो तो किसी की मदद लें या फिर रोड साइड असिस्टेंस को कॉल करें।
इंजन को ठंडा होने में 15 से 20 मिनट का समय लगता है। इससे हुड, इंजन और लीकिंग कूलेंट को ठंडा होने का समय मिलेगा। इस दौरान भूलकर कार का बोनट खोलने की गलती न करें। क्योंकि कूलेंट का तापमान अधिकतम 230 डिग्री तक जा सकता है।
अगर आपको थोड़ी बहुत मैकेनिकल जानकारी हो, तो आपने कम से कम 15 मिनट तक प्रतीक्षा कर लिया है तो आप हुड यानी कि कार के बोनट को स्पर्श कर के इस बात की तस्दीक करें कि बोनट ठंडा हुआ है या नहीं। बोनट खोलने से पहले दस्ताने पहनें, हुड खोलें, और रेडिएटर कैप को खोलने की प्रक्रिया शुरू करें।
इस दौरान देखें कि कार के स्पीडोमीटर के पास दी जाने वाली टेंप्रेचर सिग्नल लाइट बंद हुई या नहीं। यदि वार्निंग लाइट बंद हो चुकी है इसका अर्थ है कि आप आगे बढ़ सकते हैं। यदि लाइट फिर भी जल रही है तो किसी स्थानीय मैकेनिक की मदद लें।