1. Home
  2. Agriculture

बुंदेलखंड का मशहूर कठिया गेहूं को मिला GI Tag, देश के साथ विदेशों में बनेगी पहचान

बुंदेलखंड का मशहूर कठिया गेहूं को मिला GI Tag, देश के साथ विदेशों में बनेगी पहचान 
बुंदेलखंड का कठिया गेहूं, अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए जाना जाता है, अब GI Tag से लैस हो गया है। यह उपलब्धि इस गेहूं को वैश्विक पहचान देगी और विदेशी बाजारों में इसकी पहुंच बढ़ाने में मदद करेगी।

झांसी। GI Tag (Geographical Indication Tag) एक विशेष प्रमाण है जो किसी विशिष्ट उत्पाद को उसकी भौगोलिक उत्पत्ति और विशिष्ट गुणों से जोड़ता है। यह उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की पहचान करने में मदद करता है और उत्पादकों को उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता करता है।

कठिया गेहूं अपनी उच्च पोषण  वाला , अच्छा स्वाद , अनूठी सुगंध और लंबी शेल्फ लाइफ के लिए जाना जाता है। यह सूखे की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उगता है, जो बुंदेलखंड के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल बन जाता है।

GI Tag प्राप्त करने के बाद, कठिया गेहूं अब विदेशी बाजारों में निर्यात किया जा सकेगा। यह बुंदेलखंड के किसानों के लिए आय का एक नया स्रोत पैदा करेगा और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।

यह उपलब्धि भारत सरकार की किसानों और कृषि क्षेत्र को समर्थन देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

आइए हम सब मिलकर कठिया गेहूं को प्रोत्साहित करें और बुंदेलखंड के किसानों को सफल बनाएं!

अतिरिक्त जानकारी

कठिया गेहूं को GI Tag प्राप्त करने के लिए झांसी के किसानों ने 2022 में आवेदन किया था।
भारत में 200 से अधिक उत्पादों को GI Tag प्राप्त है।
GI Tag भारत में कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया जाता है।

कठिया गेहूं, बुंदेलखंड का एक प्रसिद्ध और अनूठा गेहूं है, जो अपनी विशेष विशेषताओं के लिए जाना जाता है। यह GI Tag से लैस है, जो इसे वैश्विक पहचान देता है और विदेशी बाजारों में इसकी पहुंच बढ़ाने में मदद करता है।

कठिया गेहूं की विशेषताएं

उच्च पोषण: यह गेहूं प्रोटीन, फाइबर, आयरन और विटामिन से भरपूर होता है।
अच्छा स्वाद: इसका स्वाद और सुगंध अन्य गेहूं की किस्मों से अलग और बेहतर होता है।
लंबी शेल्फ लाइफ: यह गेहूं लंबे समय तक खराब नहीं होता है।
सूखा प्रतिरोधी: यह प्रतिकूल परिस्थितियों, जैसे सूखे में भी उग सकता है।
कठिया गेहूं के लाभ:

किसानों के लिए आय का अच्छा स्रोत
क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
बुंदेलखंड की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा
कठिया गेहूं को प्रोत्साहित करने के लिए हम सब मिलकर प्रयास कर सकते हैं।

यहां कुछ तरीके दिए गए हैं

कठिया गेहूं से बने उत्पादों का उपयोग करें।
स्थानीय किसानों से कठिया गेहूं खरीदें।
इस गेहूं के बारे में जागरूकता फैलाएं।
आइए हम सब मिलकर कठिया गेहूं को बुंदेलखंड की शान बनाएं!

Desi Jugaad: देसी जुगाड़ से बना 40 हज़ार का सस्ता ट्रैक्टर, किसानों को होगा फायदा


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।