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Mango Scene : आम के मंजर की दहिया और मधुआ कीट से ऐसे करें बचाव, कृषि विभाग ने बागवानों को बताए गुर

Mango Scene : आम के मंजर की दहिया और मधुआ कीट से ऐसे करें बचाव, कृषि विभाग ने बागवानों को बताए गुर
इन दिनों में आम के पेड़ों पर मंजर लगना शुरू हो गए हैं, जिसकी अगर किसानों से समय तरह देखरेख नहीं की तो पैदावार पर भारी नुकसान हो सकता है। इनके बचाव के लिए बागवान क्‍या करें आइए जानते हैं।

नई दिल्‍ली। इस समय आम के पेड़ों पर मंजर/ Aam Ke Ped Par Manjar लगना शुरू हो चुके हैं, जिसके कारण किसानों को आम के पेड़ों की अधिक सुरक्षा रखनी होगी. अन्यथा आम के पेड़ों में कीट लगने से फल की पैदावार पर असर पड़ सकता है.

गर्मियों के सीजन लगभग शुरू हो चुके हैं. ऐसे में देश के किसानों ने अपने खेत व बागों में गर्मियों में उगाई जाने वाली सब्जियों और फलों की तैयारी करना शुरू कर दी है. इसी क्रम में किसानों के लिए आम के बागों से बंपर उत्पादन के लिए कई दहिया और मधुआ कीट से बचाव के लिए बिहार कृषि विभाग ने जरूरी सलाह जारी कर दी है. ताकि किसान समय रहते आम के बाग से अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकें.

आम के मंजरों को कीटों से बचाएं

किसानों को बुंदा-बांदी के समय मंजरों पर घुलनशील सल्फर या कार्बेन्डाजिम का हेक्साकोनालोज का छिड़काव करना चाहिए।

दहिया कीट के लिए किसानों को कीटनाशी के साथ स्टीकर जरूर मिलाएं और फिर फसलों पर छिड़काव करें।

दूसरे छिड़ाकव के दौरान सल्फर 80 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण 3 ग्राम प्रति लीटर घोल की दर से मिलाकर छिड़ाकव करें।

मंजर पर तीसरे छिड़काव के समय अल्फा नेपथाईल एसीटिक एसीड 4.5 एसएल का चार मिली लीटर प्रति 10 लीटर की दर से छिड़काव करें।

मंजरों पर अल्फा नेपथाईल एसीटिक एसीड 4.5 एसएल का छिड़काव में अनुशांसित निर्धारित मात्रा अच्छी मानी जाती है।

मंजर आने पर किन कीटों का प्रभाव होता है

आम के पेड़ों पर मंजर आने के बाद सही तरह से मंजर की देखरेख नहीं होने के कारण कई तरह के कीटों का प्रभाव देखने को मिलता है. जैसे कि मंजर पर मधुआ कीट, दहिया कीट, पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रेकनोज रोग का प्रभाव अधिक होता है. इन कीटों से मंजरों की सुरक्षा करने के लिए किसानों को समय-समय पर तीन छिड़काव करना चाहिए वरना किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

पहला छिड़काव कब करें

पहला छिड़काव किसानों को मंजर निकलने के पहले एक कीटनाशी दवा/ Pesticide Pedicine के साथ करना चाहिए. यह छिड़काव कुछ इस तरह से करना है कि कीटनाशी पेड़ की छाल की दरारों में पहुंच सके. ताकि कीट पर इसका असर हो सके।

दूसरा छिड़काव

दूसरे छिड़काव के समय किसानों को सरसों के बराबर दाना लग जाने पर कीटनाशी के साथ-साथ एक फफूंदनाशी मिलाकर छिड़काव करें. ऐसा करने से मंजर को पाउढरी मिल्ड्यू एवं एन्थ्रेकनोज रोग नहीं लग पाता है. साथ की किसान इस घोल में अल्फा नेपथाईल एसिटिक एसिड को भी मिला सकते हैं. ताकि रोग के चलते फल न गिरे और वह अच्छे से विकसित हो सके।

मंजरों पर तीसरा छिड़काव

जब आप के टिकोले मटर के दाने के आकार के बराबर हो जाए, तो ऐसे में आपको कीटनाशी के साथ अल्फा नेपथाईल एसीटिक एसीड के साथ फफूंदनाशी को मिलाकर छिड़काव करें।

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