Goat Farming Business: पीएम मोदी ने भी की तारीफ, अब बकरी पालन से बढ़ा सकते हैं आय, साल भर में कमा लेंगे इतना

Bakri palan se Kamai: बकरी पालन से लाभ को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 110वें एपिसोड में बकरी पालन का जिक्र किया। उन्होंने मन की बात में कहा कि जब हम पशुपालन की बात करते हैं तो अक्सर गाय-भैंस तक ही रुक जाते हैं लेकिन बकरी भी तो एक अहम पशुधन है, जिसकी उतनी चर्चा नहीं होती है।
 

नई दिल्‍ली, Bakri Palan Business : मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने देश में अलग-अलग क्षेत्रों में बकरी पालन से जुड़े हुए लोगों के बारे में बात की। उन्होंने ओडिशा के कालाहांडी में किए जा रहे बकरी पालन के बारे में भी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया किस तरह यहाँ गोट बैंक की मदद से गाँव में बकरी पालन किया जा रहा है जिससे लोगों को रोजगार मिला है।

बकरी पालन से कमाएं लाखों

देश के ग्रामीण इलाकों में बकरियों का बड़े सत्र पर पालन किया जाता है. मुख्य तौर किसान इन्हें दूध और मांस के लिए पालना पसंद करते हैं. लेकिन, इनका इस्तेमाल एक और चीज में किया जा सकता है. जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है।

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दरअसल, हम बात कर रहे हैं बकरियों की लीद यानी मेंगनी की. मेंगनी का इस्तेमाल खेतों में खाद के तौर पर किया जाता है. इतना ही नहीं किसान इससे कम्पोस्ट और वर्मी कम्पोस्ट भी बना सकते हैं, जिन्हें बाजारा में आसानी से बेचा जा सकता है।

बकरी खाद अलग से बेचें

एक्सपर्ट्स का कहना है कि खेत में इस्तेमाल करने के साथ ही बकरी की मेंगनी को सीधे बाजार में बेचा जा सकता है. ये उन पशुपालकों के लिए काफी काम की चीज है, जो अपने खेतों में पशुओं के लिए चारा उगाते हैं. अगर वे अपने खेतों में बकरी की मेंगनी का इस्तेमाल करें, तो इससे उन्हें काफी फायदा होगा।

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क्योंकि, मेंगनी में नाइट्रोजन, पोटेशियम और फॉस्फोरस जैसे कई महत्त्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं, जो जमीन की उर्वरता को बढ़ाते हैं. इसके अलावा बकरी की मेंगनी ऑर्गनिक खेती का भी एक अच्छा स्त्रोत है. ऐसे में ऑर्गनिक खेती करने वाले किसान इसे अपने खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं।

सालाना कमा सकते हैं लाखों 

बकरी की मेंगनी से किसान महिने के हजारों रुपये कमा सकता है. उदाहरण के तौर पर समझिए, एक बकरी फार्म में 200 बकरियां हैं, जो 25 से 30 दिनों में एक ट्रॉली मेंगनी देती हैं. मेंगनी से भरी इस ट्रॉली को किसान 1200 से 1400 रुपये तक में बेच सकते हैं. अगर हम इसे वर्मी कंपोस्ट बनाते हैं तो यह 8 से 10 रुपये प्रति किलो में बिक सकती है. क्योंकि, वर्मी कंपोस्टर बनाने में मेहनत कम लगती है, इसलिए इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. इस हिसाब से किसान साल का लाखों रुपये तक कमा सकते हैं। 

उर्वरता बढ़ाने में कारगर

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, फसल चाहे चारे की हो या फिर कुछ और, उसे उर्वरक के रूप में नाइट्रोजन, पोटेशियम और फास्फोरस की जरूरत होती है. बकरी के गोबर से बनी खाद इसके लिए सबसे बेहतरी होती है. क्योंकि, इसमें ये सभी तत्व पाए जाते हैं. मेंगनी की एक विषेश खासियत यह भी है कि यह मिट्टी में मौजूद भौतिक और रसायनिक गुणों में सकारात्मक बदलाव लाती है, जो मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को भी बढ़ाती है. जबकि दूसरी खाद में यह गुण बेहद कम या फिर होता ही नहीं।

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