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Mrida Swasthya Card Yojana: जानें मिट्टी की जांच कहां से करवा सकते हैं, मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड कैसे बनवाएं

Mrida Swasthya Card Yojana: जानें मिट्टी की जांच कहां से करवा सकते हैं, मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड कैसे बनवाएं 
Soil health card scheme : मृदा स्वास्थ्य कार्ड खेतों की मिटटी में मौजूद तत्वों की एव जाँच रिपोर्ट होती है, जिसके आधार पर किसान फसल की खेती कर सकता है। स्वस्थ धरा ,खेत हरा के तहत भारत सरकार ने देश के किसानों की जमीन की अच्छी सेहत एव जमीन में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना वरदान के रूप में काम करेगी। 

नई दिल्ली, Soil health card : कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय द्वारा किसान को उसकी भूमि की मिट्टी मे शामिल पोषक तत्वों एव जमीन की अच्छी सेहत की पूरी जानकारी हो, मिट्टी की गुणवता अच्छी नहीं होगी तो किसान की फसल पैदावार पर भी काफी असर पड़ेगा। मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उनके खेत की मिट्टी के जरूरी पोषक खुराक के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देता है। भूमि की फसल पैदावार, स्वास्थ्य एव उत्पादन क्षमता बढ़ाता है। 

प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना

भारत की ज्यादातर आबादी गाँवों में रहती है और कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी है। कृषि भारत की आदि से ज्यादा आबादी को रोजगार उपलब्ध कराती है, इसी को लेकर किसान की जमीन का सही उपचार होना बहत जरूरी है। 

मिट्टी की जांच कहां होती है

इस सुविधा के माध्यम अपने खेत से मिट्टी का सेम्पल लेकर नजदीकी कृषि कार्यालय या जिला कृषि सेवा केंद्र पर निशुल्क जाँच कराकर जरुरी पोषक तत्वों और आवश्यकताओ को जान सकेंगे। वर्तमान में मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। 

मिट्टी की जांच योजना की विशेषताए

यह योजना देश के सभी राज्यों के किसानों के लिए लागु है। 

भारत सरकार 14 करोड़ किसानों को केरेगी शामिल इस योजना में। 

किसान की भूमि का पूरी जन्म-कुंडली यानि जमीन की मिट्टी की पूरी जानकारी बस एक कार्ड में। 

आधुनिक प्रयोगशालाओ द्वारा प्रत्येक 2 साल में भूमि की मिट्टी की जाँच। 

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना देश में कुल 21 भाषाओ में उपलब्ध है। 

मृदा परीक्षण क्यों जरूरी है?

इस योजना के जरिये भूमि में फसल की के लिए जरूरी लगभग 10 प्रकार के तत्वों की जाँच जिनमें प्रमुख जिंक, आयरन, कॉपर, मैग्नीज आदि रसायन तत्व शामिल है। भूमि में तत्वों की कमी का पता कर, किसान को उपाय एव संतुलित उर्वरकों और बीज के बारें में प्रयोग कर भूमि को स्वस्थ रखना है। 

मिट्टी जांच करने के क्या फायदे हैं ?

खेतों में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी के अनुसार पूर्ति की सलाह से बेहतर उत्पादन प्राप्त होगा। 

राज्य सरकारों द्वारा फ्री में बाटे जायेगे मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड। 

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देश के किसान अब उनकी भूमि पर फसलों की उपज से संबधित मिलने वाली असफलताओ को सफलता में बदल सकेगा। 

देश के किसान अब बिना रसायनिक खेती के साथ कम लागत में फसलों का अधिक उत्पादन लेगा। 

किसानों को अधिक से अधिक प्रशिक्षण, शिविरों और किसान मेलों का भी आयोजन कर जोड़ा जा रहा है। 

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें ?

देश के सभी राज्यों के किसान मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए ऑनलाइन या ऑफ़लाइन दोनों तरीकों से कर सकते है | आवेदन आप देश की 21 अलग-अलग भाषाओ में कर सकते है। 

आपको सरकारी पोर्टल इस पर क्लिक करना है –https://soilhealth.dac.gov.in

साइड खुलने के बाद मृदा स्वास्थ्य कार्ड Sample registretion फॉर्म में चार मुख्य भाग हैं। 

किसान विवरण, भूमि विवरण, फसल विवरण और उर्वरक विवरण (वर्तमान जोत मे उपयोग) संबधित जानकारी भरें और सबमिट करें। 

नमूना (मिट्टी का नमूना कैसें लेवे नीचे बताया गया है ) लेने के लिए सूचित कर दिया जाएगा। 

किसान को सबसे पहले अपने खेत से नमूने के लिए मिट्टी लेनी पड़ेगी, फिर उसको नजदीकी किसान सेवा केंद्र या जिला मुख्यालय के प्रयोगशाला में ले जाना होगा| जाँच प्रक्रिया पूरी होने पर आपको मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड नंबर दिया जाएगा, जो आप ई-मित्र या https://soilhealth.dac.gov.in से निकलवा सकते है। 

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना टोल फ्री नंबर

helpdesk-soil@gov.in
टोल फ्री नंबर – 011-24305591,24305948
देश के राज्यों के हेल्प लाइन :- https://soilhealth.dac.gov.in/Home/Contact

सरकार किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए किसान मेलों, प्रदशनी एव शिविर का आयोजन करती रहती है। 2023 तक राज्य एव केंद्र सरकारें लगभग 50,000 से अधिक मेलों व किसान प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर चुकी है। 

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योजना क देश में कुल shc ने 5 लाख भूमि मर्दा जाँच प्रदशनियों की मंजूरी दी गई है। 

मिट्टी परीक्षण कब करना चाहिए ?

एक जागरूक किसान को प्रत्येक 3 से 4 साल के अन्तराल में मिट्टी परीक्षण कराना चाहिए| जबकि विशेष फसल फसल हेतु बुवाई के एक माह पूर्व मिट्टी परीक्षण कराना सही माना जाता है। 

मिट्टी की जांच कराने में कितना खर्च आता है ?

नजदीकी कृषि कार्यालय या जिला कृषि सेवा केंद्र पर निशुल्क जाँच करा सकते है | किसान निजी कृषि लेब में भी 100-200 रु के चार्ज पर मृदा जाँच करवा सकते है |

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड के लिए मिट्टी का नमूना कैसे ले?

खेत के चारों कोनों में से 1-1 किलो मिट्टी लें। खेत के बीच में बराबर अंतराल के साथ 2 जगहों से 1-1 किलो मिट्टी के सैम्पल लें। आपके पास कुल 6 किलो मृदा हो जाएगी, इनको अच्छे तरीके से मिला लें। मिलाने के बाद आपको आधी मिट्टी को बाहर कर देना है और अब आपके पास 3 किलो मिट्टी बचेगी। 3 किलो में से फिर आपको आधी बाहर करनी है और लगभग 1 किलो आपको सेंप्पल के तौर पर रखनी है। 

अब आपका नमूना तैयार हो गया है, इसे कपड़े की थैली या डिब्बे में भरकर किसान सेवा केंद्र या जिला मुख्यालय की प्रयोगशाला में ले जाए। सभी किसान भाई अपने खेत को स्वस्थ धरा, खेत हरा शीर्ष से जोड़े।

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