Kisanmart Website: सरकार ला रही किसानमार्ट वेबसाइट, अब किसानों के उत्पाद सीधे ग्राहक खरीद सकेंगे

किसानों के लिए अच्छी खबर है। किसानमार्ट पोर्टल किसानों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) द्वारा प्रशिक्षित उद्यमियों और देश भर के किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) जैसे समूहों द्वारा उत्पादित फसलों को खुदरा उपभोक्ताओं यानी छोटे ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इस से ग्राहक सीधे किसानों के उत्पाद खरीद सकेंगे। 
 

नई दिल्ली। किसानमार्ट पोर्टल (Kisanmart portal) देश भर के किसानों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) द्वारा प्रशिक्षित उद्यमियों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) जैसे समूहों द्वारा उत्पादित फसलों को खुदरा उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध कराएगा।

किसानमार्ट क्या है 

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म किसानों और कृषि-उद्यमियों को बाजार तक अपनी पहुंच बढ़ाने, बिचौलियों को दरकिनार करने और सीधे ग्राहकों तक पहुंचने में मदद करेगा। बिचौलियों को दरकिनार करने से किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाकर विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के स्थानीय और विशिष्ट उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा।

डिजिटल माध्यम से किसानों को फायदा 

देश में कृषि उपज को डिजिटल माध्यम से बेचने की प्रक्रिया को आसान बनाने के उद्देश्य से, भारत सरकार किसानों और कृषि-उद्यमियों को ग्राहकों से सीधे जुड़ने और अपने उत्पाद सीधे बेचने में मदद करने के लिए एक ई-कॉमर्स पोर्टल लॉन्च कर रही है।

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इस पोर्टल का नाम किसानकार्ट है। इसे बेंगलुरु में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (ATARI) द्वारा विकसित किया जा रहा है। पोर्टल इस साल अगस्त तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा।

क्या होगा लाभ 

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचे जाने वाले सभी उत्पाद किसान समृद्धि के समान ब्रांड के तहत होंगे। ऐसे में ग्राहकों को पोर्टल के माध्यम से विभिन्न किसान-केंद्रित योजनाओं जैसे ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) से आने वाले उत्पाद और भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग वाली फसलें और सामान आसानी से मिल जाएंगे।

कृषि-उद्यमियों को को सीधा मुनाफा 

डीएआईआर के सचिव और आईसीएआर के महानिदेशक, हिमांशु पाठक, पूरे भारत में पोर्टल के लॉन्च को लेकर आशावादी हैं, जिससे लाखों किसानों और कृषि-उद्यमियों को लाभ होगा। यह कृषि उपज को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया में गेम चेंजर साबित होगा। दूसरी ओर, ATARI ई-मार्केटप्लेस को बढ़ाने और लॉन्च करने के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) और ICAR-IASRI (भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान) की विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा।

ये उत्पाद मिलेंगे 

यह ऑनलाइन बेचे जाने वाले इन उत्पादों की लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी के लिए डेल्हीवरी और इंडिया पोस्ट जैसी संस्थाओं के साथ भी साझेदारी करेगा। अटारी की प्रौद्योगिकी टीम द्वारा विकसित पोर्टल को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया है। जबकि वेबसाइट में किसानों द्वारा उत्पादित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है जैसे सब्जियां, तेल, मसाले, अनाज, बाजरा, साथ ही फलों, सब्जियों और मशरूम से बने उत्पाद। ऐसे में ग्राहकों के लिए इस वेबसाइट पर जाकर खरीदारी करना आसान हो जाएगा। इसके अलावा, किसान पोर्टल के माध्यम से बीज, जैविक खाद और खेती के उपकरण उपलब्ध होंगे।

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