Semen Technology: अब गाय और भैंस शर्तिया बछिया और कटड़ी को ही देगी जन्‍म, जानें क्‍या है ये तकनीक

Sex Sorted Semen : पशु पालकों के लिए खुश खबरी है। आज के लेख में हम आपको indigenous sex sorted semen की जानकारी देंगे। यहां आपको बताया जाएगा कि sex sorted semen technology क्‍या है और इसका कैसे लाभ लें। सेक्स-सॉर्टिंग वीर्य तकनीक मवेशियों के वीर्य से नर शुक्राणुओं को अलग करती है और यह सुनिश्चित करती है कि केवल मादा बछड़े (बछिया) का ही प्रसव हो। 
 

नई दिल्‍ली। क्‍या आप जानते हैं कि semen technology for female calves के जरिए मादा बछिया या कटड़ी का ही जन्‍म होगा। अब artificial insemination के जरिए ये संभव हो सका है। किसानों के हित के लिए केंद्र और राज्य सरकारें भी कई सरकारी योजनाएं चलाती हैं, ताकि पशुपालन को और भी अधिक बढ़ावा दिया जा सके। 

कृत्रिम गर्भाधान की नई तकनीक

मध्य प्रदेश सरकार ने दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान की एक नयी तकनीक सेक्स स़ाटेर्ड सीमन चालू की है. जिससे गाय और भैंसों में सिर्फ बछिया का ही जन्म होगा। ऐसे में आइए आज हम इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार की पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान की एक नयी तकनीक क्या है और इससे पशुपालकों को कैसे फायदा पहुंचेगा।

सेक्स सॉर्टेड सीमन क्‍या है

सेक्स स़ाटेर्ड सीमन एक ऐसी तकनीक है जो पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान के लिए चालू की गई है. इस तकनीक से गाय और भैंस को बछिया या पडियों का जन्म किया जायेगा. इस तकनीक से मादा पशुओं की संख्या बढ़ेगी एवं संख्या बढ़ने से दुग्ध उत्पादन में भी बढोत्तरी होगी।

इसमें कितना खर्च आता है

सरकार द्वारा चालू की गई इस तकनीक से एआई कराने के लिए अलग-अलग वर्गों से अलग-अलग शुल्क लिया जा रहा है, जिसमें सामान्य व पिछड़ा वर्ग के पशुपालकों के लिए 450 रुपए लगेगा एवं अनु जाति व जनजाति वर्ग के पशुपालकों से 400 रुपए का शुल्क लिया जायेगा।

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इस तकनीक से जितने भी पशुओं में एआई/ AI in animals की जाएगी, उस पशु व उससे उत्पन्न पशु का बच्चा का युआईडी टैग चिन्हित कर जानकारी इनाफ सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर दी जाएगी.

क्‍या होगा इसका फायदा

पशुओं की अच्छी नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए वैज्ञानिक तकनीक सेक्स स़ाटेर्ड सीमन लाई गई है. जिसका उपयोग पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा सहायक व पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी अपने क्षेत्र के पशु चिकित्सालय, औषधालय व कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र एवं उस क्षेत्र के उन्नत किसानों के यहां घर-घर जाकर भी सेक्स साटेर्ड सीमन से तकनीक से एआई कर रहे हैं।

इसके क्‍या हैं लाभ

इस तकनीक से किसानों को दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी. इस तकनीक से मादा पशुओं की बढ़ोत्तरी होगी, जिससे दूध का उत्पादन भी बढेगा।

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इस तकनीक से दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ेगी. इस तकनीक से किसानों की आय में इजाफा आयेगा।

सीमेन की दुनिया में केवल दो कंपनियां

दुधारू मवेशियों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए जल्दी ही इस खास तकनीक को देश के डेयरी किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसे किसानों के लिए सस्ता और सुलभ बनाने के लिए कवायद जारी है। दरअसल नैशनल डेयरी डिवेलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) की एक सहायक कंपनी ने सेक्स-सॉर्टेड वीर्य का सफलतापूर्वक फील्ड परीक्षण किया है। इसके जरिए मवेशी केवल मादा बछड़ा देता है। इस समय दुनिया भर में केवल दो कंपनियां ही सेक्स-सॉर्टेड सीमेन डोज का निर्माण करती हैं।

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