Mahindra Thar के मालिक से हुई एक गलती और हो गई 6 महीने की जेल

Mahindra Thar Modification: महिंद्रा थार में किए गए बदलाव या मॉडिफिकेशन मोटर वाहन अधिनियम 1988 (MV Act) के नियमों का उल्लंघन कर रहे थें, इसलिए कोर्ट ने इन मॉडिफिकेशन को अवैध करार देते हुए वाहन मालिक को 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है। 

 

Mahindra Thar Modification: महिंद्रा थार अपने सेग्मेंट की बेस्ट सेलिंग एसयूवी है और इसे खरीदने के लिए आजकल के युवाओं के बीच काफी ज्यादा क्रेज देखने को मिलता हैं। महिंद्रा ने अपनी इस एसयूवी के लुक और डिज़ाइन को लेकर कोई भी समझौता नहीं किया है।

इसके साथ ही कंपनी ने इसे प्योर ऑफरोडिंग स्टांस देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन फिर भी कई लोगों को देखा गया है कि वें इस एसयूवी के लुक के साथ मनचाहे प्रयोग करते नज़र आते हैं।

हाल ही में एक महिंद्रा थार के मालिक ने अपनी कार के लुक को मनचाहे ढंग से बदल दिया और यह प्रयोग उस एसयूवी के मालिक पर भारी पड़ गया। उस एसयूवी के मालिक ने उस एसयूवी में अवैध मॉडिफिकेशन की।

जिसके चलते कोर्ट ने उस एसयूवी के मालिक को मोटर वाहन अधिनियम 1988 के नियमों का उल्लंघन करने के लिए 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने कश्मीर के रहने वाले आदिल फारूक भट को एसयूवी में अवैध मॉडिफिकेशन के लिए 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है।

आदिल फारूक भट ने अपनी इस एसयूवी में तेज ध्वनि वाला सायरन भी इस्तेमाल किया गया था, जो कि 1988 के मोटर वाहन अधिनियम की धारा 52 का उल्लंघन है। 

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क्या कहता है 1988 का मोटर वाहन अधिनियम

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जनवरी 2019 में एक नियम पारित किया था, जिसके अनुसार देश में किसी भी मोटर वाहन को इस तरह से संशोधित या परिवर्तित नहीं किया जा सकता है जो कि कार को उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में दर्ज डेटा से अलग बनाता हो।

इस नियम के अनुसार कोई वाहन मालिक अपने वाहन के 'स्ट्रक्चरल फीचर्स' के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं कर सकता है। कार के इंजन में भी किसी तरह के बदलाव को भी अवैध करार दिया गया है।

इसके अलावा कुछ अन्य मॉडिफिकेशन भी हैं, जिन्हें अवैध करार दिया गया है। किसी भी वाहन में टिंटेड ग्लॉस, फैंसी और तेज ध्वनि वाले प्रेशर हॉर्न, सायरन, तेज ध्वनि वाले एग्जॉस्ट (साइलेंसर), गैर-जरूरी लाइट्स इत्यादि जैसे मॉडिफिकेशन अवैध हैं।

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थार मालिक पर 2 लाख रुपये का लगाया गया है जुर्माना

बताया जा रहा है कि, महिंद्रा थार के मालिक आदिल फारूक भट ने अपनी एसयूवी में कई मॉडिफिकेशन किए थें। जिसमें एसयूवी की हार्ड टॉप, बड़े पहिए, चौड़े टायर, एलईडी लाइट्स और सायरन के साथ खिलवाड़ शामिल है।

कोर्ट के अनुसार आदिल फारूक भट द्वारा वाहन का स्ट्रक्चर पूरी तरह से मॉडिफाई किया गया था, जो उसे उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में दर्ज डेटा से अलग बनाता है। ये कानून का उल्लंघन है।

हालांकि, वाहन मालिक को अपराधी परिवीक्षा अधिनियम का लाभ दिया गया है, क्योंकि उल्लंघनकर्ता को इससे पहले कभी भी दोषी नहीं ठहराया गया है और उसने कोई अनैतिकता नहीं की है।

इसके अलावा कोर्ट ने महिंद्रा थार के मालिक आदिल फारूक भट को 2 साल की अवधि के लिए शांति और अच्छे व्यवहार के लिए 2 लाख रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया है। जुर्माना भरने में विफल रहने पर थार मालिक को प्रस्तावित सजा प्राप्त होगी।

इसके साथ ही कोर्ट ने RTO कश्मीर को वाहन से सायरन हटाने, मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों के उल्लंघन में किए गए सभी मॉडिफिकेशन को तत्काल हटाने का आदेश दिया है।

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