IAS Story : जज्बा ऐसा 7 साल बाद भी हार ना मानकर पास की UPSC की परीक्षा, जानें सक्सेस स्टोरी
 

Success Story : आपने देखा होगा की आप भी किसी ना किसी परीक्षा की तैयार करते होंगे, और आप एक बार परीक्षा पास ना होने पर हार मानकर घर बैठ जाते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं।
 

Haryana News Post : आपने देखा होगा की आप भी किसी ना किसी परीक्षा की तैयार करते होंगे, और आप एक बार परीक्षा पास ना होने पर हार मानकर घर बैठ जाते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं।

जिसने 7 साल बाद भी हार ना मानकर अपने सपनों को पूरा किया और और लोगों को प्रेरणा दी। जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए। और अपने सपनों को पूरा करने के लिए और कड़ मेहनत करनी चाहिए। आइए खबर में पढ़ते हैं इनकी सफलता की कहानी। हम आपको राजस्थन के रहने वाले यशवंत मीणा की कहानी बताने जा रहे हैं.

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जिन्होंने चार बार IAS की परीक्षा लेकिन सफलता नहीं मिली उन्होंने हार ना मानते हुए एक बार फिर प्रयास किया और पांचवी बार में परीक्षा पास की। यशवंत को अपने सपनों को पूरा करने में 7 साल लग गए उन्होंने अपनी पांचवी परीक्षा को 2019 में दिया था। यशवंत का जन्म राजस्थान में हुआ था. बताया जा रहा है कि  वो पढ़ाई में शुरू से ही अच्छे थे।

उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में अच्छे नंबर प्राप्त किए. इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में करियर बनाने का फैसला किया और इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की. इंजीनियरिंग में यशवंत ने बीटेक किया, बीटेक पूरी होने के तुरंत बाद, यशवंत ने यूपीएससी परीक्षा(UPSC Exam) की तैयारी शुरू कर दी, लेकिन उनका सेलेक्शन नहीं हो रहा था. कअर बनने की सलाह उन्हें उनके घर वालो ने दी. बता दें कि अगर आप कहीं तक पहुंच जाते हैं तो आप मंजिल तक भी पहुंच जाते हैं। 

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अपनी पूरी पढाई करने के बाद यशवंत को कई बार UPSC में असफलता मिली. अपने तीसरे प्रयास में, यशवंत इंटरव्यू राउंड में पहुंच गए लेकिन फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ. जहां लोग इसे निराशाजनक बात कहेंगे, वहीं यशवंत को भी कअर बनने के लिए इसमें आशा की किरण दिखाई दी.


यशवंत मीणा को प्रेरणा मिली कि जब वह यहां तक पहुंच सकते हैं, तो आगे भी पहुंच सकते हैं. इस तरह, यशवंत ने बार-बार की हार से विचलित हुए बिना अपने बचपन के सपनों को हासिल करने के लिए अपने सपने छोड़ दिए और पांचवे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 797 लाकर अपना सपना पूरा किया.