Bhai Dooj 2022: सही विधि से मनाए भाई दूज, भाई-बहन के अटूट प्यार का प्रतीक है यह त्यौहार 

इस वर्ष भाई दूज, गोवर्धन पूजा और अन्नकूट सभी 26 अक्टूबर को ही हैं। जो एक अच्छा संयोग है। अटूट प्रेम और पवित्रता को दर्शाने वाले इस त्यौहार में कोई गलती ना हो जाए, इसलिए इन बातों का खास तौर पर ध्यान रखें।
 

Bhai Dooj 2022: हर वर्ष भाई दूज का त्यौहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। दिपोत्सव का अंतिम दिन भाई दूज है। इस वर्ष 26 अक्टूबर को भाई दूज का त्यौहार मनाया जायेगा। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है और उसकी उन्नति की इच्छा और अपनी रक्षा का वचन लेते हुए अपने भाई को तिलक लगाती है।

इस वर्ष भाई दूज, गोवर्धन पूजा और अन्नकूट सभी 26 अक्टूबर को ही हैं। जो एक अच्छा संयोग है। अटूट प्रेम और पवित्रता को दर्शाने वाले इस त्यौहार में कोई गलती ना हो जाए, इसलिए इन बातों का खास तौर पर ध्यान रखें। 

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नारियल का महत्व 

भाई दूज के पवित्र त्यौहार में नारियल काफी खास महत्व है। नारियल को शुभ का चिन्ह माना जाता है। कहा जाता है कि श्री लक्ष्मी-नारायण और कामधेनु नारियल को धरती पर लाए थे। बहन अपने भाई को नारियल उसकी उन्नति के चिन्ह के रूप में देती है। इसलिए यह पूजा का विशेष अंग है। 

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तिलक भी है जरूरी

भाई दूज पर बहन अपने भाई को हल्दी या कुमकुम के साथ तिलक करके उसकी हर क्षेत्र में जीत की कामना करती है। साथ ही यह भाई की लंबी आयु का भी प्रतीक है। तिलक नई ऊर्जा और विश्वास से भर देता है, इसलिए ये भी अति विशेष है। तिलक से मानव की निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही समरण शक्ति भी बढ़ती है। तिलक विश्वास बढ़ाने वाला है, वीरता का चिन्ह है, नई ऊर्जा, पराक्रम और सम्मान का प्रतीक है। 

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मंत्रों का उच्चारण भी है बेहद जरूरी

मंत्र कितने महत्वपूर्ण है। यह बात सभी जानते है। मंत्र संस्कृति और त्यौहार का सार बताते हैं। इसलिए भाई दूज पर मंत्र अवश्य पढ़े। टीका करते हुए ये मंत्र बोलें - गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्‍ण को, गंगा-यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े। 

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