अगर आप भी रखती हैं करवा चौथ का व्रत तो इन बातों का रखें ध्यान, जानें कैसे होती है पूजा 
 

जैसा कि आप जानते हैं आज के समय में हर एक लड़की या शादी शुदा दोनों ही करवा चौथ का व्रत रखती है अगर आप भी ये व्रत रखती हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे हैँ जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। खबर में पढ़ें पूरी जानकारी।

 

Hrayana News Post :  पति की उम्र को लंबी करने की कामना करने  के लिए सुहागिन करवा चौथ का व्रत रखती है अगर आप भी एक सुहागिन हैं तो हम आपको बता दें कि अबकी बार करवा चौथ का व्रत 13 अकटूबर को होगा।  ये कार्तिक माह में रखा जाता है

इसमें सुहागिनें पूरा दिन बिना पानी के और कुछ खाए बिना ही इस व्रत को रखती है और रात को चांद को देखकर ही आपना व्रत खोलती हैं हम आपको बता दें कि आज के समय में कुंवारी कन्या भी अच्छा वर पाने के लिए इस व्रत को रखती है इस व्रत को रखने से पहले इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। की इसकी पूजा कैसे की जाती है

Read Also :  मात्र ये 10 किताबें पढ़कर आप बन सकते हैं IAS अफ्सर, जानिए इन किताबों के बारे में

 जानें कब होगा सही मूर्हत :  


हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि इस व्रत का क्या मूर्हत होने वाला है जी हां जैसा की आप जानते हैं हिंदू धर्म में इस व्रत की मान्यता है और इसे धूम धाम से मनाया जाता है। हम आपको बतो दें व्रत 13 अक्टूबर की रात 1.59 पर शूुरू होगा और 14 अक्टूबर 3.08 पर ये सम्प्पन हो जाएगा।  करवा चौथ की पूजा का शुभ समय 13 अक्टूबर 2022 की शाम 06.01 से रात 07:15 बजे तक है. चंद्रोदय समय रात 08.19 बजे है. 

Read Also : IAS सृष्टि जयंत देशमुख ने शेयर की अपनी मार्कशीट, जानें कितने थे 12 th में नंबर


यहां जानें व्रत की सामग्री के बारे में?

आइए हम आपको बताने जा रहे हैँ कि इस व्रत की पूजा के लिए कौन सी सामग्री की जरूत होती है जिससे सुहागिने अपने व्रत की विधि को पूरा करती है। जी हां हम आपको बता दें कि  इसके लिए पूजा की थाली में पान, मिट्टी या तांबे का टोटवाला करवा और ढक्कन, कलश, चंदन, फूल, हल्दी, चावल, मिठाई, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, शक्कर का बूरा, रोली, कुमकुम, मौली आदि रहे. पूजा सामग्री में करवा चौथ व्रत कथा की पुस्तक जरूर रखें.

इसके अलावा 16 श्रृंगार का सामान,  मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, छलनी, बिछुआ, करवा माता की तस्वीर, दीपक, अगरबत्ती, कपूर, गेहूं, बाती (रूई)लकड़ी का आसन,  दक्षिणा के पैसे, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरी भी पूजा के लिए रखें.